एपल के टाइम फाइल्स इवेंट की शुरुआत नई वॉच सीरीज 6 की लॉन्चिंग के साथ हुई। कंपनी की इस नेक्स्ट जनरेशन स्मार्टवॉच में बिल्ट-इन ब्लड-ऑक्सीजन मीटर मिलेगा, जो शरीर का ऑक्सीजन लेवल बताएगा। कोरोना महामारी के लिहाज से देखा जाए तो फीचर काफी महत्वपूर्ण साबित होता है। चलिए जानते हैं एपल वॉच 6 सीरीज में क्या है खास...
एपल वॉच 6 सीरीज
वॉच ब्लू, क्लासिक गोल्ड और रेड कलर में उपलब्ध होगी। इसमें वेदर, फिटनेस, वर्कआउट और ऐप नोटिफिकेशन, स्मार्ट लाइट्स ऑन-ऑफ और डोर लॉक-अनलॉक करने की सुविधा तो मिलेगी ही लेकिन सबसे खास फीचर यह है कि इसमें हैंड वॉश डिटेक्शन फीचर भी मिलेगा, जो महामारी से सुरक्षित रहने में मदद करेगा।
इसके अलावा इसमें VO2 मैक्स फीचर मिलेगा, जो ज्यादा सटीकता से हार्ट रेट मापेगी। कंपनी का दावा है कि सिर्फ 15 सेकंड में बताएगी ब्लड ऑक्सीजन लेवल बताएगा।
इसमें 6 जनरेशन प्रोसेसर है जो पहले से 20 फीसदी अधिक तेज है। चढ़ाई पर चढ़ते वक्त वॉच में देखा जा सकेगा कि आप समुद्री सतह से कितनी ऊंचाई पर हैं। वॉच में कई तरह के नए वॉच फेस मिलेंगे। इसके अलावा पहली बार कंपनी ने सोलो लूप बैंड पेश किए हैं, जिसमें बकल नहीं मिलेगा। यह स्ट्रेचेबल और वॉटरप्रूफ हैं। कंपनी ने इसका ब्रेडेड, लेदर और नाइकी वर्जन भी पेश किए हैं।
एपल का इवेंट कुछ देर में कैलिफोर्निया के क्यूपर्टिनो से शुरू होगा। इस बार इवेंट को 'टाइम फाइल्स' का नाम दिया है। इवेंट यूएस के लोकल टाइम अनुसार सुबह 10 बजे (भारत में रात 10.30 बजे) शुरू होगा। इवेंट हर साल की तरह एपल हेडक्वॉर्टर के स्टीव जॉब्स थिएटर में होगा। इस बार का इवेंट वर्चुअल होगा। ये पहला मौका है जब कंपनी वर्चुअल इवेंट का आयोजन करने जा रही है।
एपल के इस इवेंट में हर साल हजारों डेवलपर्स शामिल होते थे, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से इस बार डेवलपर्स को वर्चुअली इवेंट कवर करना होगा। कोविड-19 के चलते पहले तो इवेंट के होने पर पर सस्पेंस बना हुआ था। हालांकि, अब तक ये साफ नहीं हुआ है कि इस इवेंट कंपनी नेक्स्ट जनरेशन आईफोन 12 को लॉन्च करेगी या नहीं।
इस बार के इवेंट में क्या-क्या हो सकता है और आप कैसे इस इवेंट को देख सकते हैं। आइए जानते हैं...
एपल इवेंट लाइव देखने का तरीका
इस इवेंट को अपने यूट्यूब पर देख सकते हैं। इसके लिए कंपनी ने लाइव इवेंट का वीडियो लिंक शेयर कर दिया है। आपके यूट्यूब पर सबसे पहले Apple के ऑफिशियल पेज पर जाना है। यहां आपके लाइव वीडियो का लिंक मिल जाएगा। वीडियो पर जाकर आप रिमाइंडर ऑन कर सकते हैं।
इसके अलावा, इस इवेंट को कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट www.apple.com/apple-events पर जाकर भी देखा जा सकता है। इस URL को अपने अपने स्मार्टफोन पर भी ओपन कर सकते हैं। ये वर्चुअल इवेंट कितनी देर तक चलेगा, इस बारे में अभी कंपनी ने कोई जानकारी शेयर नहीं की है।
इन डिवाइस के लॉन्च होने की उम्मीद
हर साल एपल इवेंट से पहले कई टेक एक्सपर्ट इस बात की पुष्टि कर देते थे कि कंपनी कौन से प्रोडक्ट लॉन्च करेगी। वहीं, इन प्रोडक्ट का स्पेसिफिकेशन कैसा हो सकता है, लेकिन इस बार अब तक प्रोडक्ट की लिस्ट पर सस्पेंस बना है। हालांकि, सोशल मीडिया पर लीक हुई कुछ डिटेल के मुताबिक इवेंट में एपल वॉच सीरीज 6, नया आईपैड एयर 4, एयरपॉड, एयरटैग और शायद आईफोन 12 को लॉन्च किया जा सकता है।
आईफोन 12 सीरीज को लॉन्च किया जाता है तब इसमें 4 मॉडल पेश किए जा सकते हैं। इसमें 5.4 इंच वाला आईफोन 12, 6.1 इंच वाला आईफोन 12 मैक्स, 6.1 इंच वाला आईफोन 12 प्रो और 6.7 इंच वाला आईफोन 12 प्रो मैक्स शामिल होंगे। आईफोन 12 की बिक्री अक्टूबर से शुरू होगी, इस बात को कंपनी कंफर्म कर चुकी है। दरअसल, शिपमेंट को लेकर अभी कुछ प्रॉब्लम चल रही हैं।
इस इवेंट में कंपनी नई वॉच सीरीज 6 को लॉन्च करेगी। इसे ब्लड ऑक्सीजन सैचुरेशन मॉनिटरिंग टेक्नोलॉजी या SpO2 ट्रैकिंग के साथ उतारा जा सकता है। वॉच ओएस 7 में स्लीप ट्रैकिंग जैसे फीचर्स मिल सकते हैं। सीरीज 6 को अपग्रेडेड प्रोसेसर और इम्प्रूव्ड बैटरी लाइफ के साथ पेश किया जा सकता है।
कंपनी एंट्री-लेवल एपल वॉच भी इवेंट में लॉन्च कर सकती है। इसे एपल SE नाम दिया जाएगा। कंपनी SE सीरीज के तहत किफायती प्रोडक्ट लॉन्च करती है। ये वॉच सीरीज 6 जैसी हो सकती है, लेकिन इसकी बिल्ड क्वालिटी अलग हो सकती है।
एपल इवेंट में अपने सबसे यूनिक प्रोडक्ट एयरटैग्स से पर्दा उठा सकती है। ये एक ट्रैकर टाइल्स है जो लंबे समय से चर्चा में है। ये ब्लूटूथ कनेक्टिविटी के साथ आती है। यह डिवाइस खोए हुए इलेक्ट्रिक प्रोडक्ट को ढूंढने में मदद करेगी।
कंपनी अपने नए आईपैड एयर 4 से भी पर्दा उठा सकती है। इसका डिजाइन आईपैड प्रो से मिलता जुलता हो सकता है। हालांकि, इसे लेकर अब तक कोई डिटेल सामने नहीं आई है।
इवेंट में नए एयरपॉड्स भी लॉन्च किए जा सकते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि ये एयरपॉड्स का सबसे सस्ता वर्जन हो सकता है। साथ ही, आईपैड एयर, होम पॉड और एपल टीवी स्ट्रीमिंग बॉक्स भी लॉन्च हो सकता है।
टिकटॉक के विकल्प में इंस्टाग्राम का रील फीचर रोलआउट होने के बाद अब यूट्यूब ने अपने भारतीय यूजर्स के लिए शाॅर्ट वीडियो मेकिंग प्लेटफॉर्म शॉर्ट्स (Shorts) को लॉन्च कर दिया है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि यहां यूजर्स टिकटॉक की तरह ही छोटे-छोटे वीडियो बना सकेंगे।
बता दें कि चीनी ऐप के बैन होने के बाद से ही यूट्यूब पर टिकटॉक ऐप के विकल्प को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही थी। हालांकि अब कंपनी ने इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी है। बता दें कि भारत में जब से टिकटॉक बैन हुआ है तब से अब तक कई शार्ट वीडियो मेकिंग ऐप लॉन्च हो चुके हैं। अब इस कड़ी में यूट्यूब का नाम भी जुड़ गया है।
शॉर्ट्स प्लेटफॉर्म की खासियत क्या है?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यूट्यूब के शॉर्ट्स प्लेटफॉर्म पर यूजर्स 15 सेकंड या उससे कम समय में छोटे वीडियो बना कर यहां अपलोड कर सकेंगे। वीडियो शूट और एडिट करने के लिए यूजर्स को यहां कई तरह के टूल्स भी मिलेंगे। इसके अलावा जो खास बात होगी वह यह है कि यूजर्स के पास वीडियो की एडिटिंग करके उसे यूट्यूब के लाइसेंस वाले गानों को जोड़ने की अनुमति भी दी जाएगी।
भारतीय यूजर्स जल्द ही कर सकेंगे इस्तेमाल
यूट्यूब ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि हमें उम्मीद है कि यूजर्स के लिए यह ऐप नया अनुभव देगा। इसे बहुत जल्द भारतीय यूजर्स इस्तेमाल कर सकते हैं। हम शॉर्ट्स के साथ एक प्रारंभिक बीटा लॉन्च कर रहे हैं। धीरे धीरे हम शॉर्ट्स में और सुधार करते जाएंगे। आने वाले महीनों में इस ऐप में और अधिक फैसिलिटीज को जोड़ेंगे। साथ ही अधिक देशों में इसका विस्तार किया जाएगा।
यूट्यूब को अपने यूजर्स बेस का भी होगा फायदा
बता दें कि टिकटॉक भारत में काफी लोकप्रिय शॉर्ट वीडियो ऐप था। भारत टिकटॉक ऐप इस्तेमाल करने वाले टॉप देशों में शामिल था। इस वीडियो ऐप के भारत में करीब 20 करोड़ यूजर्स थे। दूसरी तरफ अगर आप यूट्यूब पर एक्टिव यूजर्स की संख्या देखें तो यहां करीब 30.8 करोड़ एक्टिव यूजर्स हैं। यह संख्या टिकटॉक के मुकाबले कहीं ज्यादा है। ऐसे में यूट्यूब के लिए यह ऐप कितना फायदेमंद साबित होता है यह आने वाला वक्त ही बताएगा।
जर्मन ऑटोमेकर कंपनी डाइमलर एजी (Daimler AG) को अमेरिका में प्रदूषण कानून उल्लंघन मामले में 2.2 बिलियन डॉलर (16.13 हजार करोड़ रु.) का जुर्माना लगा है। दरअसल कंपनी ने करीब 2.50 लाख अमेरिकी डीजल कार और वैन में प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर लगाया था। इस सॉफ्टवेयर के जरिए तय उत्सर्जन सीमा से अधिक प्रदूषण उत्सर्जन करने में मदद मिलती है, जो अमेरिकी क्लीन एयर एक्ट के खिलाफ है। डाइलमर से पहले वोक्सवैगन और फिएट जैसी कंपनियों पर भी प्रदूषण कानून तोड़ने पर जुर्माना लगा था।
कंपनी ने जुर्माने के भुगतान पर जताई सहमति
लग्जरी कार निर्माता कंपनी मर्सिडीज-बेंज यूएस एलएलसी (Mercedes-Benz USA LLC) यूनिट ने 13 अगस्त को बताया कि कंपनी यूएस अथॉरिटी को सेटलमेंट के जरिए 1.5 बिलियन डॉलर (11 हजार करोड़ रु.) की रकम जुर्माने के तौर पर अदा करेगी। इसके अलावा कंपनी 2.50 लाख वाहनों को ठीक करवाने के लिए कार मालिकों को कुल 700 मिलियन डॉलर ( 5.13 हजार करोड़ रु.) की रकम देने पर भी सहमति जताई है।
इसमें प्रत्येक वाहनों की मरम्मत के लिए डाइलमर करीब 3,290 डॉलर (2.41 लाख रु.) देगी। कंपनी ने वाहन मालिकों के वकीलों के लिए फीस और खर्चों का भुगतान नहीं करने की बात कही है। यह खर्च करीब 83.4 मिलियन डॉलर (612 करोड़ रु.) है। इस पर डिप्टी अटॉर्नी जनरल जेफ रोजन ने कहा कि, भविष्य में अमेरिका के प्रदूषण कानूनों का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति या अन्य कंपनी को भारी जुर्माने और सजा के लिए तैयार रहना चाहिए।
प्रदूषण कानून तोड़ने पर लगा भारी जुर्माना
सेटलमेंट में क्लीन एयर एक्ट के तहत 875 मिलियन डॉलर (6.42 हजार करोड़ रु.) की सिविल पेनाल्टी लगाई गई है। इसके अलावा प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को ठीक करने और अधिक उत्सर्जन के लिए कंपनी पर 546 मिलियन डॉलर (4 हजार करोड़ रु.) का जुर्माना लगा है। डाइलमर कंपनी कैलिफोर्निया राज्य को कुल 285.6 मिलियन डॉलर ( 2 हजार करोड़ रु.) प्रदूषण कानून का उल्लंघन करने के एवज में जमा करेगी।
वोक्सवैगन और फिएट ने भी तोड़ा था कानून
साल 2015 से ही अमेरिका में डीजल वाहनों पर प्रदूषण संबंधित नियमों की जांच शुरु हो गई थी। दरअसल सितंबर 2015 में कार निर्माता कंपनी वोक्सवैगन ने अमेरिका में 5.80 लाख वाहनों में सीक्रेट सॉफ्टवेयर लगाया था। जिससे वाहनों को तय उत्सर्जन सीमा से 40 गुना तक अधिक उत्सर्जन करने की छूट मिलती थी। इन दोनों कंपनियों के अलावा फिएट ऑटोमोबाइल पर भी प्रदूषण उल्लंघन मामले में 5.87 हजार करोड़ रुपए का जुर्माना लगा था।
इससे पहले सितंबर 2019 में डाइलमर कंपनी को जर्मनी में प्रदूषण कानून उल्लंघन मामले में जुर्माना भरना पड़ा था। जुर्माने की रकम करीब 870 मिलियन यूरो (7500 करोड़ रुपए) थी। रॉयटर्स के मुताबिक वोक्सवैगन और डाइलमर ने अमेरिका में पैसेंज डीजल वाहन की बिक्री को रोक दी है।
सोशल चैटिंग ऐप वॉट्सऐप ने एक बार नए अपडेट आए हैं। ऐप के बीटा वर्जन पर कंपनी ने नया स्टीकर पैक का अपडेट दिया है। ये एनिमेटेड स्पीकर पैक है। वहीं, कुछ रिपोर्ट में ऐसा कहा गया है कि कंपनी ने अपने वॉलपेपर फीचर्स में भी कुछ चेंजेस किए हैं। पहले भी वॉट्सऐप वॉलपेपर से जुड़ी खबरें आती रही हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी के इस फीचर का नाम वॉट्सऐप डिमिंग (WhatsApp Dimming) है।
ऐसे मिलेगा नया स्टीकर पैक
WABetaInfo के मुताबिक, वॉट्सऐप के लेटेस्ट बीटा एंड्रॉयड वर्जन 2.20.200.6 में नया स्टिकर पैक को अपडेट किया गया है। इस पैक को ऐप में दी गई डिफॉल्ट स्टिकर लिस्ट में ऐड किया गया है। नए स्टिकर पैक का नाम Usagyuuun है और इसे Quan Inc नाम की एक कंपनी ने बनाया है। यह एक एनिमेटेड स्टीकर पैक है।
इससे पहले बीटा ऐप में एनिमेटेड स्टीकर पैक फीचर देखा गया था। इस पैक में वाइट कलर के कार्टून हैं जो joy, anxiety, sadness, love, जैसी फीलिंग्स के साथ आते हैं। इस नए पैक का साइज 3.5MB है। ऐसे में बीटा यूजर्स जैसे ही अपने वॉट्सऐप को अपडेट करेंगे उन्हें ये पैक उनके स्टीकर सेक्शन में मिल जाएगा।
वॉलपेपर डिमिंग फीचर
वॉट्सऐप 2.20.200.6 बीटा एंड्रॉयड में एक नया वॉलपेपर डिमिंग फीचर आ गया है। इस फीचर में यूजर प्रीफरेंस के हिसाब से कलर टोन बदलेगी। इसे आने वाले दिनों में नए वॉलपेपर सेक्शन में ऐड किया जाएगा, फिलहाल इस पर काम चल रहा है। WABetaInfo ने एक स्क्रीनशॉट शेयर किया है जिसमें 'Wallpaper Dimming' टॉगल को स्क्रीन पर नीचे की तरफ देखा जा सकता है।
ऐसे करेगा काम: टॉगल को लेफ्ट या राइट तरफ स्वाइप करने से वॉलपेपर का रंग चेंज हो जाएगा। यूजर अपनी आंखों की सुविधानुसार कलर चेंज कर पाएंगे। WABetaInfo का कहना है कि इस फीचर पर अभी काम चल रहा है। इसका अपडेट जल्द ही यूजर्स को दिया जाएगा।
टोयोटा मोटर कॉरपोरेशन का कहना है कि अब वह भारत में विस्तार नहीं करेगा। इसके लिए टोयोटा ने ज्यादा टैक्स को जिम्मेदार बताया है। कंपनी के इस कदम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेशी निवेशकों को रिझाने के प्रयासों को झटका लगा है। पीएम मोदी कोरोना महामारी के कारण अर्थव्यवस्था को लगे झटके से उबरने के लिए विदेशी निवेशकों को रिझाने में जुटे हैं।
ज्यादा टैक्स के कारण उत्पादन बढ़ाना मुश्किल
टोयोटा की भारतीय यूनिट टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के वाइस चेयरमैन शेखर विश्वनाथन का कहना है कि सरकार ने कारों और मोटरबाइक पर ज्यादा टैक्स लगा रखा है। इससे वाहनों का उत्पादन बढ़ाना मुश्किल हो रहा है। ज्यादा टैक्स के कारण कारें उपभोक्ताओं की पहुंच से बाहर हो रही हैं। इसका मतलब यह है कि फैक्ट्रियां बेकार पड़ी हैं और नौकरियां पैदा नहीं हो रही हैं।
हम भारत छोड़कर नहीं जाएंगे
विश्वनाथन ने कहा कि हमारे यहां आने और निवेश करने के बाद यह मैसेज मिला कि हम आपको नहीं चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई सुधार नहीं होता है तब भी हम भारत छोड़कर नहीं जाएंगे। लेकिन हम उत्पादन में बढ़ोतरी नहीं कर पाएंगे। दुनिया की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी टोयोटा ने भारत में 1997 में ऑपरेशन शुरू किया था। टोयोटा की भारतीय यूनिट में 89 फीसदी हिस्सेदारी जापानी कंपनी की है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के डाटा के मुताबिक अगस्त में घरेलू वाहन बाजार में टोयोटा की हिस्सेदारी 2.6 फीसदी रही है। एक साल पहले समान अवधि में टोयोटा की हिस्सेदारी 5 फीसदी थी।
भारत में मोटर वाहन पर 28 फीसदी टैक्स
भारत में कार, टू-व्हीलर, स्पोर्ट्स यूटीलिटी व्हीकल (इलेक्ट्रिक व्हीकल शामिल नहीं) जैसे मोटर वाहनों पर 28 फीसदी का टैक्स लगता है। इसके अतिरिक्त वाहनों पर 1 से 22 फीसदी तक की लेवी लगती है। यह लेवी कार के प्रकार, लंबाई और इंजन की क्षमता पर निर्भर करती है। 1500 सीसी से ज्यादा की इंजन क्षमता वाली चार मीटर लंबी एसयूवी पर 50 फीसदी टैक्स लगता है। सामान्य तौर पर अतिरिक्त लेवी लग्जरी सामान पर लगती है। भारत में कारों, सिगरेट और चमकदार पानी को लग्जरी सामान माना जाता है। हालांकि, इलेक्ट्रिक व्हीकल पर 5 फीसदी टैक्स लगता है।
सरकार की 23 बिलियन डॉलर का इंसेंटिव देने की योजना
केंद्र सरकार मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को लुभाने के लिए 23 बिलियन डॉलर के इंसेंटिव देने की योजना बना रही है। यह प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव होगा और ऑटो मेकर्स को भी इसका लाभ मिलेगा। दुनिया के चौथे सबसे बड़े कार बाजार में विस्तार के अंतरराष्ट्रीय कार मेकर संघर्ष कर रहे हैं।
कई ऑटो कंपनियों ने भारत छोड़ा
जनरल मोटर्स कंपनी 2017 में देश छोड़कर जा चुकी है। फोर्ड मोटर कंपनी ने दो दशकों तक भारतीय उपभोक्ताओं का दिल जीतने के बाद पिछले साल महिंद्रा एंड महिंद्रा के साथ जॉइंट वेंचर बनाने की घोषणा की थी। विश्वनाथन का कहना है कि ऐसे दंडात्मक टैक्स की वजह से विदेशी निवेश हतोत्साहित होता है। साथ ही ऑटो मेकर्स के मार्जिन और नए उत्पादों की लॉन्चिंग पर असर पड़ता है।
स्मार्टफोन और उसके कैमरा से जुड़े कुछ काम ऐसे भी हैं जिनके बारे में आप नहीं जानते होंगे। जैसे आप अपने स्मार्टफोन से अपने टीवी, डीटीएच या किसी भी दूसरे रिमोट को चेक कर सकते हैं। इसी तरह, फोन को मूवी प्रोजेक्टर बनाना, हाई क्वालिटी लेंस बनाना, साउंड क्वालिटी बढ़ाना जैसे भी कई काम किए जा सकते हैं। हम आपको यहां ऐसे ही टिप्स बता रहे हैं...
1. मैक्रो फोटो क्लिक करना
इन दिनों स्मार्टफोन कंपनियां फोन में मैक्रो लेंस का यूज करने लगी हैं, ताकी आप एक चींटी का फोटो भी बेहतर कैप्चर कर सकें। वैसे, इस काम के एक ट्रिक की मदद से क सकते हैं। इसके लिए आपको अपने फोन के रियर कैमरा लेंस पर पानी की बूंद लगानी होगी। ऐसा करने पर कैमरा के लेंस का जूम बेहतर हो जाता है और बिना किसी जूम के वो छोटे ऑब्जेक्ट को बड़े रिजोल्यूशन में दिखाता है।
2. रिमोट को चेक करना
टीवी, स्पीकर, डीवीडी या अन्य किसी डिवाइस के रिमोट की बैटरी वीक हो जाती है तब हम उसे बदल देते हैं। हालांकि, कई बार बैटरी बदलने से भी बात नहीं बनती। ऐसे में रिमोट ठीक है या नहीं इस बात का पता लगना मुश्किल हो जाता है, लेकिन स्मार्टफोन इस काम को चुटकी में कर सकता है। इसका पता लगाने के लिए रिमोट के सेंसर को फोन के कैमरा के सामने रखकर रिमोट के बटन दबाएं। ऐसा करने पर रिमोट के सेंसर में लाइट ब्लिंक करती नजर आएगी। यदि सेंसर में लाइट ब्लिंक कर रही है, तो रिमोट पूरी तरह सही है। इसे आप बिना कैमरे की मदद से नहीं देख सकते।
3. स्मार्टफोन प्रोजेक्टर
अपना अपने स्मार्टफोन को एक प्रोजेक्टर में बदल सकते हैं। इसके लिए एक मैग्निफाइंग लेंस को शू बॉक्स पर रखकर चारों तरफ से मार्क कर लें और बॉक्स काट लें। बॉक्स में होल होने के बाद लैंस को उसमें फिट करें और ग्लू की मदद से चिपका लें। अब बॉक्स के अंदर स्मार्टफोन पर कोई वीडियो प्ले करके रख दें। स्मार्टफोन को क्लिप की मदद से टिका दें। अब लेंस से निकलने वाला वीडियो आउटपुट दीवार पर बड़ा नजर आएगा। यदि वीडियो ब्लर हो रहा है तब उसके लिए स्मार्टफोन को आगे पीछे करके देख सकते हैं। साउंड के लिए आपको ब्लूटूथ स्पीकर की जरूरत होगी।
4. इयरफोन से फोटो खींचना
शायद इस बात को कई यूजर्स जानते भी होंगे, लेकिन आप नहीं जानते तब ये ट्रिक आपके काम आ सकती है। इयरफोन सिर्फ म्यूजिक और रेडियो सुनने के काम ही नहीं आता, बल्कि इसकी मदद से आप फोटो भी कैप्चर कर सकते हैं। इयरफोन के प्ले/पॉज बटन की मदद से आप फोटो खींच सकते हैं। वहीं, इयरफोन की वॉल्यूम की से जूम इन/आउट भी कर सकते हैं। हालांकि, ये जरूरी नहीं कि सभी स्मार्टफोन में ये फीचर्स काम करे।
5. साउंड को लाउड करना
आपको स्मार्टफोन पर म्यूजिक सुनना पसंद है, लेकिन उसकी साउंड क्वालिटी अच्छी नहीं है तब साउंड को लाउड एक जार की मदद से कर सकते हैं। इसके लिए आपको खाली जार के अंदर फोन के स्पीकर वाली हिस्से को नीचे करके रख देना है। ऐसा करने से साउंड जार के अंदर फैल नहीं पाता और एक साथ ऊपर से बाहर निकलता है। जिससे वो लाउड हो जाता है।
कई यूजर्स स्मार्टफोन हैंग होने के चलते परेशान रहते हैं। तो कई अक्सर यह शिकायत करते मिल जाएंगे कि उनके फोन में ऐप्स देर से खुलते हैं, तो कई बार यह भी सुनने को मिला जाएगा कि फोन में वीडियो रुक-रुक कर चलते हैं। इस समय कई लोग घर से काम कर रहे हैं, ऐसे में कम्प्यूटर के साथ फोन का भी स्मूद चलना बेहद जरूरी है। खाली समय में फोन पर गेम खेलते समय या मूवी देखते भी कई बार फोन हैंग हो जाता है। अगर आप भी फोन हैंग होने की समस्या से परेशान है, तो हमारे बताए ये आसान टिप्स फॉलो करें...अम
1. सबसे पहले फोन की सेटिंग पर जाकर सॉफ्टवेयर अपडेट (Software Update) पर जाएं। यह पर ऑटो डाउनलोड ओवर वाई-फाई (Download over Wi-Fi) या फिर किसी भी तरह के ऑटो डाउनलोड को ऑफ कर दें।
2. इसके बाद अकाउंट्स (Accounts and backup) सेटिंग में जाएं, सबसे नीचे ऑटो सिंक डेटा (Auto sync data) का ऑप्शन मिलेगा उसे भी ऑफ कर दें। इससे यह फायदा होगा कि फोन में मौजूद ऐप्स सिंक होने के लिए इंटरनेट का यूज नहीं करेंगे। इसके अलावा फोन का स्टोरेज को फालतू डेटा से नहीं भरेगा।
3. अब प्ले स्टोर की सेटिंग पर जाकर ऑटो अपडेट (Auto-update Apps) ऑफ कर दें यानी Don't auto-update apps पर क्लिक करें।
4. फोन के नेविगेशन बार में दी गई रिसेंट बटन पर क्लिक करें, और बैकग्राउंड में चल रही ऐप्स को क्लोज ऑल (close all) कर दें। यह काम न होने पर भी फोन की रैम को यूज करती रहती है।
5. इसके अलावा फोन के मेन ऐप्स सेक्शन में जाकर उन ऐप्स को भी हटा दें, जिन्हें आप बेहद कम यूज करते हैं। इससे भी आपकी फोन की मेमोरी काफी हद तक फ्री हो जाएगी। हटाने के लिए ऐप पर लॉन्ग प्रेस करें और अन-इंस्टॉल पर क्लिक कर दें।
6. फोन की सेटिंग पर जाएं और सबसे नीचे दिए अबाउट फोन के ऑप्शन पर क्लिक करें। इसके बाद सॉफ्टवेयर इंफॉर्मेशन पर क्लिक करें और फिर बिल्ड नंबर पर कम से कम 7 से 8 बार टैप करें। ऐसा करने से फोन के डेवलपर्स ऑप्शन खुल जाते हैं। आप इसे अबाउट फोन के नीचे देख सकते हैं। डेवलपर्स ऑप्शन ओपन कर बैकग्राउंड प्रोसेस लिमिट (Backgound Process limit) सर्च कर क्लिक करें। इसका मतलब यह है कि बैकग्राउंड में जो प्रोसेस चल रही है उनकी कितनी लिमिट तय करना चाहते है। इसे ओपन करने के बाद नो बैकग्राउंड प्रोसेस (No backgroung process) पर क्लिक करें। इससे फायदा यह होगा कि फोन के पीछे कोई भी प्रोसेस नहीं चल पाएगी।
7. डेवलपर्स ऑप्शन में ही ट्रांजिशन एनिमेशन स्केल और विंडो एनिमेशन स्केल ऑप्शन को ढूंढ कर इन दोनों को ऑफ कर दें। इन सभी प्रोसेस को पूरा करना के बाद आपका फोन फास्ट परफॉर्मेंस करेगा।
नोट- होम स्क्रीन पर कम से कम आइकन रखें, कैश मेमोरी भी समय-समय पर खाली करते रहें और फालतू फाइल्स को डिलीट करते रहें। इससे भी आपका फोन फास्ट परफॉर्म करेगा।