Saturday, February 15, 2020

मारुति ने वैगनआर का बीएस-6 सीएनजी वैरिएंट लॉन्च किया, कीमत 5.25 लाख रुपए से शुरू February 14, 2020 at 06:21PM

नई दिल्ली. मारुति सुजुकी इंडिया ने वैगनआर का बीएस-6 मानक से लैस सीएनजी वैरिएंट लॉन्च किया है। दिल्ली में इसकी एक्स शोरूम शुरुआती कीमत 5.25 लाख है। इसमें 60 लीटर का फ्यूल टैंक है। कंपनी ने वैगनआर एस-सीएनजी के दो वैरिएंट एलएक्सआई और एलएक्सआई (ओ) उतारे हैं। इनकी एक्स-शोरूम कीमत क्रमश: 5.25 लाख और 5.32 लाख रुपए है।

कंपनी ने हाल ही में खत्म हुए ऑटो एक्सपो 2020 में कहा था कि उसकी योजना मिशन ग्रीन मिलियन के तहत अगले कुछ साल में सीएनजी, हाईब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों की 10 लाख यूनिट बेचने की है।



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2020 Maruti Suzuki WagonR S-CNG Launched in India, Priced At Rs. 5.32 Lakh

2020 में बहुत बदल जाएगा स्मार्टफोन का कैमरा, प्रोफेशनल फोटोग्राफी में आएगा काम February 14, 2020 at 05:58PM

रवि शर्मा, पुणे. स्मार्टफोन की परिभाषा लगातार बदल रही है। पहले जहां इससे कॉलिंग, मैसेजिंग, चैटिंग के साथ कुछ यूटिलिटी ऐप्स के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था। लेकिन अब इसका काम प्रोफेशनल फोटोग्राफी और वीडियो बनाने का हो गया है। सभी कंपनियां फोन कैमरा के लेंस को पावरफुल बना रही है। इसी वजह से इस साल यानी 2020 में फोन कैमरा पहले से और ज्यादा पावरफुल हो जाएगा।

रेजोल्यूशन बढ़ेगा
2019 में 48एमपी और 64एमपी सेंसर्स बेहद आम हो गए थे। शाओमी एमआई नोट 10 ने 108एमपी को अफोर्डेबल बनाया। अब 2020 को 108एमपी का दौर कह सकते हैं। सैमसंग गैलेक्सी एस11 में 9टू1 पिक्सल बाइनिंग टेक्नोलॉजी के साथ 108 एमपी का अपना खुद का सेंसर मिल सकता है। सैमसंग 144 एमपी कैमरा सेंसर पर काम कर रहा है जिसका पिक्सल साइज 0.7यूएम होगा। सेंसर हार्डवेर भी ऐसे होंगे जो 200 एमपी सेंसर्स को सपोर्ट कर सकें।

वीडियो की रेंज बढ़ेगी
क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 865 चिप ज्यादातर फ्लैगशिप फोन्स को ताकत देगी। इससे 120 फ्रेम प्रति सेकंड पर 4X स्लोमोशन वीडियो कैप्चरिंग आसान होगी। वैसे 865 की क्षमता तो 720पी 960 फ्रेम पर सेकंड के सुपर स्लो-मोशन वीडियो की शूटिंग सपोर्ट कर सकता है। इस टेक्नोलॉजी से हाई-रेजोल्यूशन वीडियो या स्लो-मोशन वीडियो बिना किसी टाइम लिमिट के शूट कर सकते हैं।

सटीक फोकस
हाईएंड 2020 स्मार्टफोन्स में सोनी की 2X2 ऑन चिप लेन्स सेंसर टेक्नोलॉजी का उपयोग शुरू हो रहा है। इसे ऑल पिक्सल ऑटोफोकस भी कहा जाता है। इसमें सेंसर के सभी पिक्सल का उपयोग फोकस डिटेक्ट करने में किया जाता है, जिससे हॉरीजॉन्टल ऑटोफोकस डिटेक्शन बेहतर होता है।

एआई फोटोग्राफी होगी स्मार्ट
लगभग हर स्मार्टफोन ब्रांड अपने फोन में किसी एआई टेक्नोलजी का इस्तेमाल कर रहा है। फोटो के रंग उभारने, शार्प करने के लिए इस साल बेहतर एआई फीचर मिलेंगे। इन्हें हासिल करने के लिए गूगल पिक्सल 4 जैसे स्मार्टफोन नहीं लेना है। यह टेक्नोलॉजी अब मिड रेंज फोन में दिखेगी।

ज्यादा जूम
2019 में कुछ फोन में टू ऑप्टिकल जूम कैमरे मिले थे। उच्च स्तरीय क्वालिटी के फोटो के लिए यह महंगा उपाय नहीं है। इसलिए मिड-रेंज में जूम क्षमता बढ़ना तय है।



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How Smartphone Cameras will Improve in Photos and Videos at 2020

इलेक्ट्रिक कारों के बारे में अभी भी बहुत कुछ गलत सोचते हैं लोग, जो बिल्कुल सही नहीं February 14, 2020 at 05:39PM

क्षितिज राज, नोएडा. इस हफ्ते खत्म हुए 'ऑटो एक्सपो 2020' में एक से बढ़कर एक इलेक्ट्रिक कारें दिखाई गईं। यह आगाज है और भारत में दस लाख रुपए से भी कम कीमत पर इलेक्ट्रिक कारों को उपलब्ध करवाने की कोशिश कंपनियां कर रही हैं। कार मेकर्स तो पुरजोर तैयारी कर रहे हैं, लेकिन भारतीय ड्राइवर्स के मन में जो मान्यताएं हैं, वो गलत हैं।

1. चार्ज करना मुश्किल होता है
कंपनियां इनके चार्जर का इंतजाम करने में जुटी हुई हैं। जैसे-जैसे ये कारें बिकेंगी, वैसे-वैसे चार्जिंग स्टेशन बढ़ेंगे। कुछ ही साल में पेट्रोल पंप जैसी स्थिति से भी इनकार नहीं किया जा सकता। घर पर भी चार्जिंग स्टेशन आसानी से तैयार किया जा सकता है।

2. ज्यादा तेज नहीं हैं
इन कारों को शून्य से 100 की रफ्तार तक पहुंचने में अभी थोड़ा वक्त जरूर लग रहा है लेकिन बता दें कि दुनिया की सबसे तेज कार, एक इलेक्ट्रिक कार ही है जिसका नाम 'पिनिनफरीना बतीस्ता' है। यह दो सेकंड से भी कम वक्त में 100 किलोमीटर की रफ्तार छू लेती है। टेक्नोलॉजी तेजी से बदल रही है और ये इलेक्ट्रिक कारों की रफ्तार को भी बढ़ा रही है।

3. एक चार्ज पर कम चलती हैं
औसतन ये कारें एक चार्ज पर 250 से 400 किलोमीटर तक का सफर आसानी से तय कर रही हैं। अचानक तय हुई यात्राओं और शॉर्ट-रेंज चार्जिंग की समस्या ज्यादा दिन की नहीं है क्योंकि मेकर्स इस रेंज को बढ़ाने में जुटे हैं। टेस्ला के कुछ मॉडल्स तो 500 किलोमीटर तक सफर कर रहे हैं।

4. काफी महंगी हैं
इलेक्ट्रिक कारों की कीमत तेजी से कम हो रही हैं। भारत में तो इन्हें काफी कम कीमत पर मुहैया करवाने की कोशिश ऑटो एक्सो में ही नजर आई। दुनियाभर में ज्यादातर इलेक्ट्रिक कारें 22 लाख रुपए से कम कीमत की हैं। कुछ समय बाद ही दावा किया जा सकेगा कि भारत में दुनिया की सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कारों की विशाल रेंज है।

5. ज्यादा वक्त की मेहमान नहीं
इन कारों से कार्बन उत्सर्जन बेहद कम हो जाएगा। हर तरह से इन्हें 'पर्यावरण का ख्याल रखने वाली' बनाने की कोशिश कंपनियां कर रही हैं। अब तो 'फिस्कर ओशन' जैसी कार भी आ चुकी है जो समुद्र से हासिल हुए रिसाइकल्ड प्लास्टिक से बनी है और इसमें फुल लेंथ सोलर छत भी है। बैट्री लाइफ को बढ़ाने में भी कंपनियां काफी आगे निकल गई हैं।

यह भी जानें
> द इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी का अनुमान है कि 2030 तक दुनियाभर में करीब 12.5 करोड़ इलेक्ट्रिक कारें सड़क पर होंगी।
> पोर्श, लेक्सस, बीएमडब्लू जैसे मेकर्स इन्हें खूबसूरत बनाने में सबसे आगे हैं।
> फोर्ड और जीएम से उम्मीद की जा रही है कि वो ट्रक्स को भी इलेक्ट्रिक करेंगे।



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Electric Car Myths: Everyone Makes Same Mistake with Electric Cars, But Why They are Wrong
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