Friday, June 19, 2020

जल्द ही भारत में शुरू होगी आईफोन SE(2020) की मैन्युफैक्चरिंग, आयात पर लगने वाला 20% टैक्स बचाएगी एपल June 19, 2020 at 05:41AM

एपल जल्द ही भारत में नए आईफोन SE की मैन्युफैक्चरिंग शुरू करने की तैयारी में है। रिपोर्ट के मुताबिक, देश में नए आईफोन मॉडल के आयात पर लगने वाले 20 प्रतिशत टैक्स से बचने के लिए कंपनी ने यह फैसला लिया है। एपल की ताइवान बेस्ड कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर कंपनी विस्ट्रॉन भारत में आईफोन बनाने के लिए कम्पोनेंट प्राप्त करने की प्रक्रिया में हैं। 2017 में भी एपल ने इम्पोर्ट टैक्स से बचने और देश में बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए भारत में अपने कुछ आईफोन मॉडल बनाना शुरू किया था। हालांकि, कंपनी अब तक केवल पुराने आईफोन मॉडल का प्रोडक्शन कर रही है।
चीन के एक एपल सप्लायर को जुलाई से भारत में विस्ट्रॉन के लिए नए आईफोन SE के लिए कम्पोनेंट भेजने के लिए कहा गया है। इस कदम से एपल को इम्पोर्ट टैक्स से बचने में मदद मिलेगी अन्यथा देश में नए आईफोन मॉडल को लाने के लिए कंपनी को यह रकम चुकानी होगी।

भारत में 12 हजार रु. मंहगा है आईफोन SE(2020) का बेस मॉडल
आईफोन SE (2020) जिसे ओरिजन आईफोन SE के अपग्रेड वर्जन के तौर पर उतारा गया है कि भारत में शुरुआती कीमत 42,500 रुपए है। जबकि अमेरिकी बाजार में इसकी शुरुआती कीमत 30,400 रुपए है यानी भारत में इसका बेस वैरिएंट 12 हजार रुपए महंगा है। कंपनी ने इसे अप्रैल में भारत में उतारा था। कंपनी ने इसे अपने प्राइस सेगमेंट के अन्य एंड्रॉयड फोन को टक्कर देने के लिए उतारा गया था।

वर्तमान में चीन में बना रहा है नया आईफोन SE
गौर करने वाली बात यह है कि वर्तमान में उपलब्ध आईफोन SE (2020) की यूनिट्स चीन निर्मित हैं। हालांकि, सरकार ने हाल ही में देश में मोबाइल फोन की डोमेस्टिक असेंबलिंग और मैन्युफैक्चरिंग के लिए प्रोडक्श-लिंक्ड इनिशिएटिव (पीएलआई) स्कीम शुरू की है। मैनुफैक्चरर्स जैसे फॉक्सकॉन और विस्ट्रॉन, दोनों ही एपल को पूरी तरह से डिवाइस सप्लाई करते हैं ने पहले ही अपना लोकल प्रोडक्शन बढ़ाया है।

2017 में शुरू की थी डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग
एपल ने मई 2017 में भारत में अपनी डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग को शुरू किया था और भारत में बनाया गया सबसे पहला मॉडल आईफोन SE था। कंपनी ने अपनी बेंगलुरु फैसिलिटी में विस्ट्रॉन के साथ असेंबलिंग शुरू की थी। हालांकि बाद में एपल ने भारत में फॉक्सकॉन मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में भी आईफोन मॉडल बनाना शुरू कर दिया। अक्टूबर 2019 में एपल ने देश में स्थानीय स्तर पर आईफोन XR का निर्माण शुरू करके कंपनी ने अपनी मेड इन इंडिया आईफोन मॉडल्स की रेंज को बढ़ाया।

नए आईफोन SE से शिपमेंट बढ़ने की संभावना
काउंटरपॉइंट रिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट में खुलासा किया कि इस साल की पहली तिमाही में भारत में आईफोन शिपमेंट में 78 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिसके वजह आईफोन 11 को माना गया है। आईफोन SE (2020) से आने वाले भविष्य में शिपमेंट में और वृद्धि होने की संभावना है।

भारत में 2021 में शुरू करेगी फिजिकल आउटलेट
जैसे-जैसे शिपमेंट बढ़ रही है, एपल भारत में अपनी उपस्थिति दर्ज करने की योजना बना रहा है। फरवरी में सीईओ टिम कुक ने खुलासा किया कि कंपनी इस साल के अंत में अपना ऑनलाइन स्टोर स्थापित करने के लिए तैयार है, जबकि 2021 तक फिजिकल आउटलेट शुरू करने की भी योजना 2021 है। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि एपल तीसरी तिमाही की शुरुआत में ही अपनी ऑनलाइन बिक्री शुरू कर देगा। डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग से लोकल डिमांड का पता लगाने में मदद मिलेगी।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
भारत में आईफोन SE(2020) की शुरुआती कीमत 42,500 रुपए है, जबकि अमेरिकी बाजार में इसकी शुरुआती कीमत 30,400 रुपए है

भारत में अब नहीं मिलेगी रेनो कैप्चर, तीन साल में 10 हजार यूनिट भी नहीं बेच पाई कंपनी June 19, 2020 at 02:11AM

रेनो ने अपनी कॉम्पैक्ट एसयूवी कैप्चर का प्रोडक्शन भारतीय बाजार में बंद कर दिया है। इसे तीन साल पहले लॉन्च किया था लेकिन बिक्री के मामले में इसका प्रदर्शन निराश करने वाला रहा। लॉन्चिंग से लेकर मार्च 2020 तक इसकी कुल 6618 यूनिट्स ही बिक पाई। सेल्स के घटतेआंकड़ों को देखते हुए कंपनी ने इसे बंद करने का फैसला लिया। वहीं बाजार से बाहर होने की दूसरी वजह किआ सेल्टोस और नई हुंडई क्रेटा की बढ़ती लोकप्रियता को भी माना जा रहा है। भारत में कैप्चर कभी भी अपने प्रतिद्वंद्वियों को पछाड़ने में कामयाब नहीं हो पाई जबकि यूरोपीय बाजारों में एक बहुत लोकप्रिय कार है।

BS6 वर्जन आने की उम्मीद थी
रेनो को कुछ दिन पहले ही कैप्चर के BS6 कंप्लेंट वर्जन की टेस्टिंग के लिए स्पॉट किया गया था और सभी ने इसके भारतीय बाजार में जल्द लॉन्च होने की आशंका जताई थी। हालांकि, ऐसा लग रहा है कि रेनो ने डूबते जहाज को बचाने के लिए पूरी तरह से कोशिश नहीं कर पाया। वहीं किआ सेल्टोस और नेक्स्ट-जनरेशन हुंडई क्रेटा की बढ़ती लोकप्रियता के बाद कंपनी के लिए भारत में इसके अस्तित्व को बचाए रखना मुश्किल सा हो गया।

तीन साल में बिके सिर्फ 6,618 यूनिट
तीन साल पहले लॉन्च हुई रेनो कैप्चर के मार्च 2020 तक भारत में 6,618 यूनिट ही बिक पाए। रेनो कैप्चर का बीएस6 युग में बीएस6 पावरट्रेन से दूरी बनाए रखने से ही तय हो गया था कि कंपनी को बिक्री में और गिरावट आने की उम्मीद थी। अभी के लिए रेनो ने पास कैप्चर का कोई रिप्लेसमेंट प्लान नहीं है और डस्टर को ही भारतीय बाजार में कंपनी के फ्लैगशिप ऑफरिंग के तौर पर आगे बढ़ाया जाएगा।

डस्टर और कैप्चर में एक समान प्लेटफार्म
कैप्चर, डस्टर के समान M0 प्लेटफ़ॉर्म पर बेस्ड थी, लेकिन कीमत के हिसाब से इसमें इक्विपमेंट्स की कमी थी। हालांकि, कॉम्पिटीशन ने कभी भी कैप्चर के लिए चीजों को आसान नहीं बनने दिया। रेनो की सिस्टर कंपनी निसान ने हाल ही में किक्स के बीएस6 कंप्लेंट वर्जन को लॉन्च किया था - जो कैप्चर के साथ प्लेटफार्म शेयर करती है।
बीएस4 से बीएस6 एमीशन नॉर्म्स में परिवर्तन के परिणामस्वरूप निसान किक्स को K9K 1.5-लीटर ऑयल बर्नर खोना पड़ा, लेकिन बाद में इसके नया बीएस6 कंप्लेंट 1.3-लीटर टर्बोचार्ज्ड पेट्रोल इंजन पेश किया गया। वर्तमान में निसान के पास किक्स के अलावा बड़े पैमाने पर भारतीय बाजार में और कोई बड़ा मॉडल नहीं है। रेनो अभी भी एंट्री लेवल की क्विड के अलावा लोकप्रिय सब 4 मीटर एमपीवी ट्राइबर पर भरोसा कर सकता है।

नई सब-कॉम्पैक्ट एसयूवी पर काम कर रही कंपनी
हालांकि, रेनो अब सब-कॉम्पैक्ट एसयूवी सेगमेंट में Kiger (कोडनेम HBC) नाम एक नए प्रोडक्ट के साथ बाजार में प्रवेश करने पर भी काम कर रही है, जो कि टाटा नेक्सन, हुंडई वेन्यू, मारुति सुजुकी विटारा ब्रेजा और अन्य सब-4 मीटर एसयूवी से मुकाबला करेगा। भारतीय बाजार में रेनो एक लंबी फीचर लिस्ट के साथ खरीदारों को लुभाने की कोशिश करेगा, जिसे एक आकर्षक कीमत में उपलब्ध कराया जाएगा।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
भारत में कैप्चर कभी भी अपने प्रतिद्वंद्वियों को पछाड़ने में कामयाब नहीं हो पाई जबकि यूरोपीय बाजारों में एक बहुत लोकप्रिय कार है

ट्विटर ने जारी किया नया फीचर, अपनी आवाज रिकॉर्ड कर ट्वीट कर सकेंगे यूजर June 19, 2020 at 12:35AM

माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने नए फीचर लॉन्च किया है, जिसमें यूजर्स अपनी आवाज़ को रिकॉर्ड कर ऑडियो ट्वीट कर सकेंगे। फिलहाल यह फीचर सिर्फ चुनिंदा iOS यूज़र्स के लिए जारी किया गया है। इस फीचर की मदद से यूजर टेक्स्ट ट्वीट में 280 कैरेक्टर्स के साथ 140 सेकंड वॉयस नोट भी एड कर सकेंगे। एंड्रॉयड स्मार्टफोन यूजर्स को यह फीचर कब मिलेगा, इसके बारे में कंपनी ने कोई सफाई नहीं दी है।
ट्विटर अपने प्लेटफॉर्म पर लगातार बदलाव कर रहा है। पिछले हफ्ते ही कंपनी ने 'फ्लीट्स' फीचर अपने प्लेटफॉर्म पर लॉन्च किया था, जिसमें यूजर को स्नैपचैट और इंस्ट्राग्राम स्टोरीज के तर्ज पर ट्विट, फोटो और वीडियोज को स्टोरीज़ फॉर्मेट में अपनी प्रोफाइल पर रखने की सुविधा मिलती है, जो 24 घंटे बाद खुद-ब-खुद टाइमलाइन से गायब हो जाएगा। यह फीचर एंड्रॉयड और iOS यूज़र्स के लिए उपलब्ध है। उन्हें नियमित ट्वीट्स की तरह लाइक या रीट्वीट नहीं किया जा सकता है, हालांकि अन्य यूज़र्स डायरेक्ट मैसेज (डीएम) के जरिए फ्लीट्स का जवाब दे सकते हैं।

कंपनी का ऑफिशियल ट्वीट

एक ही ट्वीट में टेक्स्ट और वॉयस नोट
अभी एक ट्वीट में 280 कैरेक्टर्स ही लिखे जा सकते हैं। ट्विटर ने एक ब्लॉग पोस्ट में भी कहा है कि कभी-कभी 280 कैरेक्टर्स पर्याप्त नहीं होते हैं। लेकिन अब वॉयस नोट एड कर यूजर टेक्स्ट ट्वीट से लंबा ट्वीट कर सकेंगे। वॉयस ट्वीट फीचर में वॉयस नोट को रेगुलर टेक्स्ट ट्वीट के साथ एड किया जा सकेगा। यानी एक ही ट्वीट में टेक्स्ट और वॉयस नोट दोनों को डाला जा सकेगा। ट्विटर का कहना है कि यूज़र्स इस फीचर को इस्तेमाल करने के लिए ट्वीट कंपोज़र स्क्रीन पर "वेबलेंथ्स" आइकॉन का इस्तेमाल कर सकेंगे।

पता चलेगा कि वॉयस नोट कितनी बार सुना गया
वॉयस नोट कितनी बार सुना जा चुका है, यह भी शो होगा जैसा कि यूट्यूब आदि पर होता है कि वीडियो को ​कितनी बार देखा गया है। ट्विटर ने रिट्वीट, रिप्लाई आदि के मामले में कोई बदलाव नहीं किया है यानी किसी ट्वीट का रिप्लाई वॉयस नोट के जरिए नहीं किया जा सकेगा।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
ट्विटर ने एक ब्लॉग पोस्ट में भी कहा है कि कभी-कभी 280 कैरेक्टर्स पर्याप्त नहीं होते हैं, लेकिन अब वॉयस नोट एड कर यूजर टेक्स्ट ट्वीट से लंबा ट्वीट कर सकेंगे

जल्द ही स्मार्टफोन बाजार में वापसी करेगी माइक्रोमैक्स, लॉन्च करेगी तीन नए स्मार्टफोन June 18, 2020 at 10:56PM

भारतीय स्मार्टफोन कंपनी माइक्रोमैक्स जल्द ही बाजार में वापसी करने वाली है। कंपनी भारत में तीन नए स्मार्टफोन लॉन्च करने की योजना बना रही है, जिसमें प्रीमियम फीचर्स और मॉडर्न लुक वाला बजट फोन भी शामिल है। कंपनी ने ट्विटर के जरिए इसकी जानकारी दी। माइक्रोमैक्स ने पिछले साल अक्टूबर में अपना आखिरी स्मार्टफोन iOne नोट लॉन्च किया था जिसकीकीमत 8199 रुपए थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, लॉन्चिंग पर तेजी से काम किया जा रहा है, और तीनों फोन एक साथ लॉन्च किए जाएंगे। उम्मीद की जा रही है कि अगले महीने कंपनी अपने नए स्मार्टफोन को बाजार में उतार सकती है। सभी स्मार्टफोन 10,000 रुपए से कम कीमत में उपलब्ध होंगे।

कंपनी का ऑफिशियल ट्वीट
माइक्रोमैक्स ट्विटर पर वापसी की योजना के बारे में बताया। माइक्रोमैक्स ने चीनी फोन का विकल्प तैयार करने के लिए यूजर को जवाब देते हुए ट्वीट किया कि - “हम आंतरिक रूप से कड़ी मेहनत कर रहे हैं और जल्द ही हम कुछ बड़ा करेंगे। हमारे साथ बने रहें!" एक अलग ट्वीट में, कंपनी ने कहा कि वे प्रीमियम फीचर्स के साथ नए डिवाइस को डेवलप कर रही है जो मॉडर्न लुक और बजट फ्रेंडली भी होगा। ट्वीट में कंपनी ने हैशटैग #MadeByIndian और #MadeForIndian का उपयोग किया है। हालांकि, कंपनी यह नहीं कह रही है कि वे अपने नए स्मार्टफोन का निर्माण भारत में कर रही है या चीन में निर्माता से आउटसोर्सिंग कर रही है।

रीब्रांड चीनी फोन बेचने में रिकॉर्ड बना चुकी है कंपनी
यह जानने भी जरूरी है कि माइक्रोमैक्स के पास रीब्रांड किए गए चीनी फोन बेचने का रिकॉर्ड है। सह-संस्थापक राहुल शर्मा ने दिसंबर 2014 में यू टेलीवर्क नाम के सब-ब्रांड की स्थापना की, जो शुरुआत में शेन्ज़ेन बेस्ड वेंडर कूलपैड से रीब्रांड किए गए फोन लेकर आई। कूलपैड ने बाद में स्वतंत्र रूप से अपने मॉडल बेचने के लिए भारतीय बाजार में प्रवेश किया था।

मुश्किलों भरी होगी वापसी- एक्सपर्ट
नवकेन्द्र सिंह डायरेक्टर, डिवाइसेस एंड इकोसिस्टम, इंडिया एंड साउथ एशिया, IDC ने कहा कि माइक्रोमैक्स निश्चित रूप से इस समय में वापसी करने की कोशिश कर सकता है। हालांकि, यह बहुत मुश्किल और चुनौतियों से भरा होगा। न केवल माइक्रोमैक्स बल्कि लेकिन कई नए ब्रांड भी भारत के अत्यधिक जटिल लेकिन संगठित स्मार्टफोन मार्केट में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं। सिंह ने कहा कि बाजार अब काफी सीमित है, जिसमें टॉप पांच ब्रांड बाजार ने 75 प्रतिशत से अधिक होल्ड कर रखा है, जो माइक्रोमैक्स की वापसी को कठिन बना देगा।

बाजार में राज कर चुकी है माइक्रोमैक्स
माइक्रोमैक्स भारत में मोबाइल फोन बाजार में एक प्रमुख घरेलू खिलाड़ी था। गुरुग्राम बेस्ड कंपनी 2014 की तीसरी तिमाही में दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी स्मार्टफोन कंपनी बन गई थी। हालांकि, भारत में शाओमी सहित कई चीनी कंपनियों के विस्तार के बाद इसने बाजार में अपनी पकड़ खो चुकी है।
2018 में, माइक्रोमैक्स ने अपने दो नए स्मार्टफोन मॉडल के रूप में इंफिनिटी N11 और इंफिनिटी N12 को लॉन्च किया था। पिछले साल सिर्फ एक मॉडल माइक्रोमैक्स iOne नोट बाजार में उतारा गया, जिसकी अक्टूबर में देश में बिक्री शुरू हुई।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
माइक्रोमैक्स के सह-संस्थापक राहुल शर्मा ने दिसंबर 2014 में यू टेलीवर्क नाम के सब-ब्रांड की स्थापना की, जो शुरुआत में शेन्ज़ेन बेस्ड वेंडर कूलपैड से रीब्रांड किए गए फोन लेकर आई, माइक्रोमैक्स के पास रीब्रांड किए गए चीनी फोन बेचने का रिकॉर्ड है
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...