Friday, July 3, 2020

फेसबुक बंद करेगी अपनी पहली टिकटॉक क्लोन ऐप लास्सो, यूट्यूब साल के अंत में लॉन्च करेगी नया सोशल मीडिया प्लेटफार्म शॉर्ट्स July 03, 2020 at 04:16AM

दिग्गज सोशल नेटवर्किंग प्लेटफार्म फेसबुक अपने टिकटॉक इंस्पायर्ड वीडियो ऐप लास्सो (lasso) को बंद करने जा रही है। कंपनी ने पिछले साल इसे लॉन्च किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, फेसबुक ने लास्सो यूजर्स को यह कहते हुए नोटिफिकेशन भेजना शुरू कर दिए हैं कि 10 जुलाई के बाद ऐप इस्तेमाल करने योग्य नहीं रहेगा, ऐसे में अपने पसंदीदा वीडियो डाउनलोड कर लें, जिसे वे रखना चाहते हैं।

लास्सो पर शूट कर सकते हैं 15-सेकंड का वीडियो

  • टिकटॉक की तरह, लास्सो ने भी पॉपुलर गानों पर यूजर्स को 15-सेकंड लंबे वीडियो शूट करने की सुविधा प्रदान की। लस्सो फरवरी तक कोलंबिया, मेक्सिको, अमेरिका, अर्जेंटीना, चिली, पेरू, पनामा, कोस्टा रिका, अल सल्वाडोर, इक्वाडोर और उरुग्वे में उपलब्ध था।

साल की शुरुआत में जोड़ा हिंदी लैंग्वेज सपोर्ट

  • दिलचस्प बात यह है कि इस साल की शुरुआत में लास्सो ने हिंदी भाषा के लिए सपोर्ट जोड़ा, जिससे कयास लगाएं जा रहे थे कि फेसबुक अंततः इसे ऐप को भारत में लॉन्च कर सकता है। फेसबुक ने घोषणा की है कि वह हॉबी ऐप को भी बंद कर रहा है, यह ऐप जिसने यूजर्स को अपनी पर्सनल प्रोजेक्ट्स को डॉक्यूमेंट करने की सुविधा दी थी।

इंस्टाग्राम रील्स फीचर पर होगा पूरा फोकस

  • फेसबुक अब इंस्टाग्राम के रील्स फीचर पर ध्यान देने की योजना बना रहा है। रील्स एक वीडियो-एडिटिंग टूल है जो यूजर्स को टिकटोक-स्टाइल के वीडियो रिकॉर्ड करने और उन्हें एडिट करने की सुविधा देता है, जिसे वे अपने इंस्टाग्राम स्टोरीज़ पर पोस्ट कर सकते हैं या डायरेक्ट मैसेज के साथ भेज सकते हैं।
  • फेसबुक के स्वामित्व वाले इंस्टाग्राम ने अपने नए वीडियो-म्यूजिक रीमिक्स फीचर रील्स का विस्तार किया है, जो चीनी शॉर्ट वीडियो मेकिंग ऐप टिकटॉक से इंस्पायर्ड है। सबसे पहले पिछले साल इंस्टाग्राम रील्स को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में ब्राजील में लॉन्च किया गया था।

यूट्यूब ला रही है शॉर्ट्स ऐप

  • गूगल के स्वामित्व वाला यूट्यूब भी टिक टॉक के प्रतिद्वंद्वी के रूप में शॉर्ट्स ऐप पर काम कर रही है। उम्मीद की जा रही है कि इसे इस साल के अंत तक लॉन्च किया जा सकता है।


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फेसबुक लास्सो के साथ हॉबी ऐप को भी बंद कर रहा है, यह यूजर्स को अपनी पर्सनल प्रोजेक्ट्स को डॉक्यूमेंट में कन्वर्ट करने की सुविधा देता है

टिक टाॅक बंद होने के बाद स्मार्टफोन में Chingari ऐप ने बनाई जगह, 22 दिनों में 1 करोड़ दस लाख से ज़्यादा बार किया गया डाउनलोड, आनंद महिन्द्रा ने बनाया अपना अकाउंट July 03, 2020 at 03:10AM

चाइनीज ऐप टिक टाॅक के बैन होने के बाद भारतीय ऐप Chingari App (चिंगारी ऐप) तेजी से लोगों के स्मार्टफोन का हिस्सा बनता जा रहा है। कंपनी के मुताबिक, इस ऐप को 22 दिन के अंदर 1 करोड़ 10 लाख बार डाउनलोड किया जा चुका है। वहीं, एक हफ्ते पहले इस ऐप के डाउनलोड 25 लाख पार हो गए थे। बिजनेसमैन आनंद महिन्द्रा भी चिंगारी ऐप से जुड़ गए हैं। हाल ही उन्होंने इस ऐप की तारीफ किया था।

कई इनवेस्टर्स इनवेस्ट करने में इंट्रेस्टेड

बता दें किचिंगारी ऐप को मिले शानदार रिस्पॉन्स को देखते हुए अब कई इनवेस्टर्स इस ऐप में इनवेस्ट करने में इंट्रेस्टेड दिखाई दे रहे हैं। वहीं, डेवेलपर्स का कहना है कि अच्छे इन्वेस्टर्स मिलने के बाद इस ऐप को और भी बेहतर बनाया जाएगा।

इस माह 10 करोड़ यूजर्स तक पहुंचने की उम्मीद

कंपनी के को-फाउंडर विश्वात्मा नायक का कहना है कि यह ऐप 100 फीसदी भारतीय है इसे खासतौर पर भारतीयों के लिए बनाया गया है। भारत में टिकटॉक बैन के बाद से ही ऐप को हर आधे घंटे में 10 लाख से ज्यादा व्यू मिल रहे हैं। कंपनी का उद्देश्य इस महीने 10 करोड़ यूजर तक पहुंचने की है।

जल्द ही इस ऐप से जुड़ेंगेनए फीचर्स

बता दें कि चिंगारी ऐप को चीनी ऐप्स पर बैन लगने के कुछ दिनों पहले ही लॉन्च किया गया था, लेकिन बैन के बाद ऐप के यूजर्स में तेजी से उछाल देखने को मिला। कंपनी के को-फाउंडर और चीफ प्रोडक्ट हेड,सुमित घोष ने कहा कि अभी यह ऐप कमाई का जरिया नहीं है लेकिन मनोरंजनके लिए यह ऐप बेहतरीन है। हम जल्द ही इस ऐप में कई नए फीचर्स को जोड़ेंगे। इसे और ज्यादा डेवेलप किया जाएगा।

इस ऐप में 10 भाषाओं का सपोर्ट मिलेगा

चिंगारी ऐप का इंटरफेस टिक टाॅक जैसा ही है लेकिन अभी इसमें कुछ सुधार की जरूरत है। इस ऐप में 10 भाषाओं का सपोर्ट मिलेगा, जिसमें अंग्रेजी, हिंदी, बंगला, गुजराती, मराठी, कन्नड़, पंजाबी, मलयालम, तमिल और तेलुगु शामिल हैं। यह ऐप एंड्रायड और आईओएस यूजर्स के लिए उपलब्ध है।



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चिंगारी के को-फाउंडर विश्वात्मा नायक का कहना है कि यह ऐप 100 फीसदी भारतीय है इसे खासतौर पर भारतीयों के लिए बनाया गया है

48 महीने तक की लीज पर ले सकेंगे Arena और Nexa के चुनिंदा मॉडल्स, मंथली पेमेंट के अलावा नहीं देना होगा कोई एक्स्ट्रा चार्ज July 03, 2020 at 01:31AM

ग्राहक अब मारुति सुजुकी की कारों को लीज पर भी ले सकेंगे। कंपनी ने कार लीज प्रोग्राम शुरू किया है, जिसे मारुति सुजुकी सब्सक्राइब नाम दिया गया है। कंपनी ने इसके लिए ओरिक्स (Orix) के साथ साझेदारी की है। फिलहाल यह सुविधा गुरुग्राम और बेंगलुरु में शुरू किए गए एक पायलट प्रोग्राम का हिस्सा है। कंपनी की यह नई लीजिंग सर्विस पिछली लीजिंग स्कीम से अलग है क्योंकि इसका उद्देश्य व्यक्तिगत ग्राहकों के लाभ प्रदान करना है न कि कॉर्पोरेट कस्टमर्स को।

वास्तव में मारुति सुजुकी सब्सक्राइब क्या है?

  • यह नई सर्विस व्यक्तिगत कार खरीदारों को मारुति सुजुकी के चुनिंदा मॉडल्स चुनने की क्षमता प्रदान करती है। ग्राहक इन चुनिंदा कारों के मनपसंद मॉडल लीज पर ले सकेंगे।
  • इन कारों को 24, 36 और 48 महीने के लिए लीज पर लिया जा सकेगा। अवधि समाप्त होने के स्थिति में ग्राहक 30 दिन पहले लिखित आवेदन देकर इसकी लीज बढ़ावा सकता है।
  • एक बार अवधि तय होने के बाद, ग्राहकों को पहले से निर्धारित मासिक राशि का भुगतान करना होगा, जिसके बाद कोई अतिरिक्त मेनटेनेंस, सर्विस कॉस्ट और डाउन पेमेंट देने की आवश्यकता नहीं होगी।
  • ग्राहकों को उनके मासिक भुगतान के साथ 24x7 रोड साइड असिस्टेंट्स की सुविधा भी मुहैया कराई जाएगी।

मारुति सुजुकी सब्सक्राइब का उपयोग कैसे करते हैं?

  • किसी भी अन्य सब्सक्रिप्शन/ लीज सर्विस की तरह आपको कार का मॉडल, वैरिएंट और लीज अवधि सिलेक्ट कर और फॉर्म भरना होगा।
  • एक बार आवेदन स्वीकृत हो जाने के बाद चुना गया वाहन उपलब्धता के आधार पर बुकिंग के 15 दिनों के भीतर उपलब्ध कराया जाएगा।
  • डिलीवरी मिलने जाने पर, उसके बाद के सभी पोस्ट-सेल्स ऑपरेशन जैसे मेनटेनेंस, सर्विस, इंश्योरेंस क्लेम आदि लीजिंग पार्टनर ओरिक्स द्वारा मैनेज किए जाएंगे।
  • मारुति सुजुकी सब्सक्राइब के लिए एलिजिबल होने के लिए, ग्राहक की उम्र 25 वर्ष से अधिक होना चाहिए, भारत का निवासी होना चाहिए, खुद का ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए और 700 से अधिक का CIBIL स्कोर होना चाहिए।

क्या कार्यकाल पूरा होने से पहले आप कार वापस कर सकते हैं?

  • इसमें एक लॉक-इन पीरियड है, जो इन कारों को लीज पर देने पर लागू होती है। 24 महीने के कार्यकाल के लिए लॉक-इन पीरियड 12 महीने, 36 महीने का कार्यकाल 18 महीने और 48 महीने का कार्यकाल 24 महीने का लॉक-इन पीरियड है।
  • यदि आप लॉक-इन पीरियड समाप्त होने से पहले कार वापस करना चाहते हैं, तो आपको बाकी बची अवधि की राशि के साथ तीन महीने की लागत का भुगतान करना होगा।
  • यदि आप लॉक-इन अवधि के बाद कार वापस कर रहे हैं, तो आपको 1-3 महीने के बीच का भुगतान करना होगा।

वर्तमान में मारुति सुजुकी सब्सक्राइब में कौन से मॉडल उपलब्ध हैं?

  • एरिना और नेक्सा दोनों कारों पर ऑफर हैं। एरिना लाइन-अप में स्विफ्ट, डिजायर, एर्टिगा और विटारा ब्रेज़ा के मिड और टॉप वैरिएंट शामिल हैं। इसकी कीमतें 27,144 रुपए प्रति माह से शुरू होती हैं।
  • जबकि, नेक्सा रेंज से बलेनो, सियाज़ और XL6 मैनुअल और ऑटोमैटिक ऑप्शन में उपलब्ध हैं। इसकी कीमतें 28,593 रुपए प्रति माह से शुरू होती हैं।


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मारुति सुजुकी सब्सक्राइब सर्विस का लाभ लेने के लिए ग्राहक की उम्र 25 वर्ष से अधिक होना चाहिए, भारत का निवासी होना चाहिए, खुद का ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए और 700 से अधिक का CIBIL स्कोर होना चाहिए

चीनी कंपनी वनप्लस ने भारत में लॉन्च तीन नए स्मार्ट टीवी मॉडल, सबसे सस्ता 12999 रुपए का July 03, 2020 at 12:08AM

वनप्लस ने भारतीय बाजार ने अपने नई स्मार्ट टीवी रेंज लॉन्च कर दी हैं। इसमें नई U-सीरीज और Y-सीरीज स्मार्ट टीवी रेंज शामिल हैं। Y-सीरीज स्मार्ट टीवी मॉडल की शुरुआती कीमत 12999 रुपए है जबकि U-सीरीज में सिंगल मॉडल लॉन्च किया गया है, जिसकी कीमत 49999 रुपए है। नए स्मार्ट टीवी एंड्रॉयड 9 पाई टीवी ओएस पर काम करते हैं और वैरिएंट के हिसाब से कई फीचर्स, साइज और रेजोल्यूशन ऑप्शन में उपलब्ध हैं।
Y-सीरीज टीवी दो साइज 32 इंच एचडी रेजोल्यूशन (1366x768 पिक्सल) और 43 इंच फुल-एचडी रेजोल्यूशन (1920x1080 पिक्सल) में उपलब्ध हैं। जबकि U-सीरीज में सिंगल 55-इंच अल्ट्रा-एचडी (3840x2160-पिक्सल) मॉडल उपलब्ध है।वनप्लस टीवी U-सीरीज और Y-सीरीज की बिक्री 5 जुलाई से अमेज़न पर शुरू हो रही हैं। इन्हें जल्द ही वनप्लस ऑनलाइन स्टोर के साथ-साथ ऑफलाइन रिटेल स्टोर्स पर भी बेचा जाएगा।

वैरिएंट वाइस कीमत

Y-सीरीज 32 इंच 12999 रुपए
Y-सीरीज 43 इंच 22999 रुपए
U-सीरीज 55 इंच 49999 रुपए

वनप्लस टीवी 2020: स्पेसिफिकेशन और फीचर्स

  • Y-सीरीज स्मार्ट टीवी काफी किफायती है। यह 32-इंच और 43-इंच साइज ऑप्शन में उपलब्ध हैं और ऑक्सीजन प्ले, वनप्लस कनेक्ट जैसे फीचर्स से लैस हैं।
  • U-सीरीज सिर्फ 55 इंच के सिंगल वैरिएंट में उपलब्ध है, जिसमें 4K एलईडी स्क्रीन और डॉल्बी विज़न एचडीआर फॉर्मेट तक का सपोर्ट मिलता है। स्पेसिफिकेशन के मामले में यह वनप्लस टीवी Q1 और वनप्लस टीवी Q1 प्रो के समान है। सबसे बड़ा अंतर यह है कि इसमें LED डिस्प्ले मिलता है जबकि Q1-सीरीज में QLED डिस्प्ले दिया गया है।
  • टीवी में 93 प्रतिशत कलर गैमट (gamut) DCI-P3 ​​भी है। जो दुनिया भर के अधिकांश सिनेमा हॉलों में उपयोग किया जाने वाला स्टैंडर्ड है।
  • वनप्लस टीवी 55U1 में किनारों के पास 6.9 मिमी की मोटाई, 95 प्रतिशत स्क्रीन-टू-बॉडी रेशियो और स्मार्टफोन के साथ आसान कनेक्टिविटी के लिए ऑक्सीजन प्ले और वनप्लस कनेक्ट ऐप सपोर्ट मिलता है। रिमोट में नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम वीडियो के लिए शार्ट-की हैं और इसे गूगल असिस्टेंट से कम्युनिकेट करने के लिए भी किया जा सकता है।
  • दोनों रेंज की तीनों टीवी में एंड्ऱॉयड टीवी 9 पाई पर काम करती हैं। इसमें गूगल असिस्टेंट, गूगल क्रोमकॉस्ट और ऐप्स और गेम डाउनलोड करने के लिए गूगल प्ले स्टोर का सपोर्ट मिलता है। यूजर्स को कंटेंट सेंट्रिक व्यू के लिए ऑक्सीजन प्ले का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
  • Y-सीरीज में Dolby Audio ट्यूनिंग के साथ 20W का रेटेड साउंड आउटपुट है, जबकि U-सीरीज में 30W फोर-स्पीकर सेटअप, Dolby Atmos ऑडियो के लिए सपोर्ट और ब्लूटूथ स्टीरियो मोड में वायरलेस स्पीकर के रूप में टेलीविज़न का उपयोग करने की क्षमता है।

वनप्लस टीवी 2020: बाजार में किससे होगा मुकाबला?

  • वनप्लस टीवी Y-सीरीज के 32-इंच वैरिएंट की कीमत 12,999 रुपए और 43-इंच वैरिएंट की कीमत 22,999 है। इस कीमत और फीचर्स के साथ टीवी का मुकाबला हाल ही में लॉन्च हुए रियलमी स्मार्ट टीवी और Vu सिनेमा टीवी रेंज से होगा, जो कि 32-इंच और 43-इंच वैरिएंट में भी उपलब्ध हैं। वनप्लस को उम्मीद है कि इसका डिजाइन, प्रदर्शन, सॉफ्टवेयर अपडेट के साथ रिकॉर्ड, और प्रदर्शन का वादा इस सेगमेंट में खरीदारों पर जीत हासिल करेगा।
  • दूसरी ओर, वनप्लस टीवी U-सीरीज टेलीविजन की कीमत 49,999 रुपए है जो अन्य कंपनियों जैसे कि Vuप्रीमियम 4K एंड्रॉयड टीवी और Mi TV 4X रेंज की तुलना में काफी ज्यादा है।
  • हालांकि, टीवी की डिज़ाइन और सॉफ़्टवेयर सुविधाएं इसे बेहतर बनाने में मदद करती हैं। बहरहाल, खरीदारों को इस पर अतिरिक्त पैसा खर्च करने के लिए राजी करना मुश्किल हो सकता है, यह देखते हुए कि इस सेगमेंट में किफायती विकल्प लगभग सॉफ्टवेयर, सुविधाओं और प्रदर्शन के मामले में सक्षम हैं। इसके अलावा, QLED ऑप्शन जैसे कि TCL 55C715 केवल थोड़ी अधिक कीमत में उपलब्ध हैं और मिड-रेंज टीवी खरीदारों के लिए अधिक आकर्षक हो सकते हैं।


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वनप्लस टीवी U-सीरीज और Y-सीरीज की बिक्री 5 जुलाई से शुरू हो रही है, इन्हें अमेज़न से खरीदा जा सकेगा

रिलायंस ने लॉन्च किया वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप जियोमीट, एक साथ 100 पार्टिसिपेंट्स कर सकेंगे एचडी वीडियो कॉलिंग July 02, 2020 at 10:11PM

11 सप्ताह में 11 निवेशकों से 1 लाख 17 हजार करोड़ रुपए से अधिक जुटाने के बाद जियो प्लेटफार्म्स ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप जियोमीट लॉन्च किया। यह गूगल प्ले और ऐप स्टोर पर उपलब्ध है। इसमें डायरेक्ट कॉल्स (1:1 कॉलिंग) सपोर्ट के अलावा 100 पार्टिसिपेंट्स के साथ मीटिंग की जा सकती है। ऐप पर मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी के जरिए साइन-अप किया जा सकता है।

जियोमीट में क्या-क्या सुविधाएं मिलेंगी?

  • जियोमीट यूजर को हाई डेफिनिशन (720 पिक्सल रेजोल्यूशन) में अनलिमिटेड फ्री कॉल करने की सुविधा देता है। इसमें एक बार में 100 पार्टिसिपेंट्स जोड़े जा सकते हैं।
  • यह पूरी तरह से फ्री है। सभी मीटिंग पासवर्ड प्रोटेक्टेड रहेंगी और इसमें जूम ऐप की तरह वेटिंग रूम सपोर्ट भी मिलता है।
  • कंपनी का कहना है कि ऐप मल्टी-डिवाइस (5 डिवाइस तक) लॉगिन सपोर्ट करता है, यूजर आसानी से कॉलिंग के दौरान एक से दूसरे डिवाइस में स्विच कर सकेंगे।

न कोड न इनवाइट की जरूरत

  • कॉल शुरू करने के लिए कोई कोड या इनवाइट की आवश्यकता नहीं होगी। हालांकि जो लोगों ऐप के डेस्कटॉप वर्जन से जुड़ रहे हैं, वे जियोमीट इनवाइट लिंक पर क्लिक कर ऐप डाउनलोड किए बिना अपने ब्राउज़र से वीडिया कॉल का हिस्सा बन सकते हैं। इसमें शेड्यूलिंग मीटिंग, एक-दूसरे के साथ स्क्रीन शेयर जैसे फीचर्स भी मिलते हैं।

जियोमीट ऑन डेक्सटॉप

  • वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म को एंड्रॉयड और आईओएस फोन के अलावा डेस्कटॉप पर काम करने वाले यूजर्स गूगल क्रोम और मोज़िला फ़ायरफ़ॉक्स के जरिए एक्सेस कर सकते हैं। यह बिल्कुल फ्री है।

ऐसे कर सकते हैं डाउनलोड

  • मोबाइल डिवाइस पर - प्ले स्टोर/ ऐप स्टोर पर जाएं, जियोमीट ऐप सर्च कर इसे डाउनलोड करें।
  • डेस्कटॉप पर - इस साइट पर जाएं और जियोमीट एप्लिकेशन डाउनलोड करें।

क्या यह विश्वसनीयता प्रदान कर सकता है?

  • गृह मंत्रालय (एमएचए) ने जूम ऐप यूजर्स को चेतावनी दी थी कि ये ऐप उपयोग के लिए सुरक्षित नहीं है। इसके बाद भारत सरकार ने अप्रैल के अंत में एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप को डेवलप करने के लिए इनोवेशन चैलेंज की घोषणा की थी। सरकार चाहती थी कि डेवलपर्स जूम ऐप का विकल्प तैयार करें। विजेता के लिए 1 करोड़ रुपए की प्राइज मनी रखी गई थी।
  • जियोमीट की आधिकारिक वेबसाइट पर दावा किया जा रहा है कि सभी मीटिंग एन्क्रिप्टेड रहेंगी। हालांकि जियोमीट अन्य लोकप्रिय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफार्म जैसे कि ज़ूम और गूगल मीट को चुनौती देने के लिए तैयार रहना होगा।


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एंड्रॉयड और आईओएस फोन के अलावा डेस्कटॉप पर काम करने वाले यूजर्स गूगल क्रोम और मोज़िला फ़ायरफ़ॉक्स के जरिए जियोमीट को एक्सेस कर सकेंगे

रेसिज्म के खिलाफ लड़ाई में जुटी कंपनियां; ट्विटर ने भाषा से भेदभाव खत्म करने के लिए 'मास्टर', 'स्लेव' और 'ब्लैकलिस्ट' जैसे शब्दों को हटाया July 02, 2020 at 08:34PM

माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने भाषा को सहज बानने के लिए अपने प्लेटफार्म से 'मास्टर', 'स्लेव' और 'ब्लैकलिस्ट' जैसे शब्दों को हटा दिया है। प्रोग्रामिंग कोड्स में ऐसे शब्दों का इस्तेमालदशकों से किया जा रहा है।
अमेरिका में पुलिस के हाथों हुई अश्वेत जार्ज फ्लॉयड की हत्या के बाद अमेरिकी बैंक जेपी मॉर्गन ने भी इसी तरह का कदम उठाने की घोषणा की है, क्योंकि ज्यादातर कंपनियां नस्लवाद को संबोधित करती हैं। हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि इन टर्म्स को रिप्लेस करने में लाखों रुपए और कई महीनों का समय लग सकता है।

कोडिंग में किया जाता है मास्टर, स्लेव और ब्लैकलिस्ट जैसे टर्म का उपयोग

  • प्रोग्रामिंग की भाषा में 'मास्टर' को कोड का मेन वर्जन कहा जाता है, जो स्लेव और उसके रेप्लिका को कंट्रोल करता है। वहीं 'ब्लैकलिस्ट' का उपयोग उन चीजों के लिए किया जाता है, जिसे ऑटोमैटिकली अस्वीकार कर दिया जाता है, आमतौर पर इसे संवेदनशील वेबसाइटों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

मास्टर को लीडर और स्लेव को फॉलोअर में बदलेगी कंपनी

  • गुरुवार को ट्विटर के इंजीनियरिंग डिवीजन ने ट्वीट कर बताया कि हम भाषा को सहज बनाने के लिए कदम उठा रहे हैं। इसके तहत 'whitelist' को रिप्लेस कर 'allowlist' नाम दिया जाएगा जबकि 'master/slave' को 'leader/follower' में रिप्लेस किया जाएगा।
  • पिछले महीने ट्विटर के संस्थापक जैक डोर्सी ने पूर्व एनएफएल खिलाड़ी कोलिन कापरनिक के नो योर राइट्स कैंप को अल्पसंख्यक समुदायों के मुक्ति और कल्याण को आगे बढ़ाने के लिए 3 मिलियन डॉलर यानी करीब 22.41 करोड़ रुपए दान दिए थे।

जेपी मॉर्गन ने भी इन शब्दों को बदलने का फैसला लिया

  • जेपी मॉर्गन ने भी पुरानी कोडिंग टर्म को छोड़ने का फैसला लिया है, क्योकि ब्लैक लाइव्स मैटर अंदोलन की लहर कोरपोरेट वर्ल्ड के माध्यम से ही शुरू हुई थी। उन्होंने कहा कि कुछ शब्द उनकी टेक्नोलॉजी पॉलिसी और प्रोग्रामिंग कोड में दिखाई दिए थे।

GitHub भी कोडिंग लैंग्वेज से 'मास्टर' शब्द हटा रही है

  • पिछले महीने सॉफ्टवेयर डेवलपर्स के लिए दुनिया की सबसे बड़ी साइट GitHub ने कहा कि वह अपनी कोडिंग भाषा से 'मास्टर' शब्द को बदलने पर काम कर रही थी। माइक्रोसॉफ्ट के स्वामित्व वाली फर्म का उपयोग 5 करोड़ डेवलपर्स द्वारा कोडिंग प्रोजेक्ट्स को स्टोर और अपडेट करने के लिए किया जाता है।

गूगल ने भी डेवलपर्स से ब्लैकलिस्ट/व्हाइटलिस्ट शब्द यूज न करने को कहा

  • गूगल के क्रोमियम वेब ब्राउज़र प्रोजेक्ट और एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम ने डेवलपर्स को 'ब्लैकलिस्ट' और 'व्हाइटलिस्ट' शब्दों का उपयोग करने से बचने के लिए प्रोत्साहित किया है।

कई बड़े ब्रांड बने इस पहल का हिस्सा

  • वैश्विक ब्रांड नस्लीय स्टीरियोटाइपिंग से बचने के लिए अपने प्रोडक्ट लोगो और नामों को भी ध्यान से देख रहे हैं। हाल के सप्ताहों में, कई प्रसिद्ध ब्रांडों ने कहा है कि वे अपनी ब्रांडिंग को बदल रहे हैं या समीक्षा कर रहे हैं इसमें क्वेकर ओट्स भी शामिल है, जो अपनी अंट जिमामा (Aunt Jemima) सिरप लाइन और खाद्य पदार्थों का नाम बदल रहा है।
  • साथ ही, सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर नफरत फैलाने वाले पोस्ट से निपटने के लिए भी दबाव डाला जा रहा है, फेसबुक को स्टॉप हेट फॉर प्रॉफिट अभियान से बड़े स्तर पर विज्ञापनों के बहिष्कार का सामना करना पड़ रहा है। फोर्ड, एडिडास, कोका कोला, यूनिलीवर और स्टारबक्स सभी ने अभियान में भाग लिया, जिसका उद्देश्य सामाजिक नेटवर्क पर हेटफुल कंटेंट को हटाना है।


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एक्सपर्ट्स का कहना है कि इन शब्दों को रिप्लेस करने में लाखों रुपए और कई महीनों का समय लग सकता है

लोगों को मास्क पहने के लिए प्रोत्साहित करेंगे फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम, यूजर्स को बार-बार भेजा जाएगा अलर्ट July 02, 2020 at 07:43PM

कोरोनावायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम ने एक नई पहल की है। यह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म अब लोगों को मास्क पहनने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। इसके लिए यूजर्स को बार-बार अलर्ट भेजा जाना भी शामिल है।

नया अलर्ट सिस्टम शुरू करेगी फेसबुक

लोगों को मास्क पहनने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए फेसबुक और उसकी सब्सिडियरी इंस्टाग्राम अलर्ट भेजने के लिए कई विकल्पों का इस्तेमाल करेंगे। इसके तहत यूजर्स की फीड में टॉप पर मास्क पहनने की अपील की जाएगी। फेसबुक के मुताबिक, वह एक नया अलर्ट सिस्टम शुरू करेगी। इस सिस्टम की शुरुआत अमेरिका से की जाएगी। धीरे-धीरे इसे अन्य देशों में भी शुरू किया जाएगा। कंपनी की ओर से जारी बयान के मुताबिक, लोगों को अपना मुंह मास्क से कवर करने के लिए बार-बार अलर्ट किया जाएगा। इसके अलावा कंपनी कोविड-19 सूचना केंद्रों के जरिए कोरोना से सुरक्षा के लिए अतिरिक्त टिप्स भी जारी करेगी।

ट्विटर यूजर्स को शर्त के साथ मिलेगा एडिट बटन

ट्विटर मैसेजिंग ऐप ट्विटर ने कहा है कि उसके यूजर लंबे समय से एडिट बटन की मांग कर रहे हैं। वह अपने यूजर्स की इस मांग को पूरा करने के लिए तैयार है। कंपनी ने ट्विट कर कहा है कि यूजर्स को मास्क पहनने की शर्त पर ट्विट एडिट करने का बटन उपलब्ध कराया जाएगा।

अमेरिका में मास्क पहनने को लेकर बंटे लोग

अमेरिका में मास्क पहनने की अपील काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। इसका कारण यह है कि वहां मास्क पहनने को लेकर लोग दो भागों में बंट गए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी मास्क पहनने से इनकार कर चुके हैं। पिछले महीने ट्रंप ने ओकलाहोमा के तुस्ला में एक चुनावी रैली की थी, जिसमें बढ़ी संख्या में लोग बिना मास्क पहने शामिल हुए थे। इस रैली के बाद ट्रंप के चुनावी अभियान स्टाफ के 8 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे।

देश और दुनिया में कोरोना से मौतें

देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 6.27 लाख के पार पहुंच गई है। इसमें से 3.79 लाख लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 18,225 संक्रमितों की मौत हुई है। यह आंकड़े covid19india.org के अनुसार हैं। दुनिया में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1.09 करोड़ के पार पहुंच गई है। इसमें 61.40 लाख लोग ठीक हो चुके हैं जबकि 5,24,039 लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिका में कोरोना संक्रमितों की संख्या 28 लाख के पार पहुंच गई है।



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