Wednesday, April 22, 2020

महामारी के दौरान आईफोन की तुलना में आईपैड खरीदने अधिक फायदेमंद; रेगुलर आईफोन से आधी में फोन और लैपटॉप दोनों का काम करता है April 22, 2020 at 02:57AM

बिगड़ती अर्थव्यवस्था में दिग्गज अमेरिकी टेक कंपनी ने पिछले हफ्ते नया आईफोन लॉन्च किया, यूएस में इसकी शुरुआती कीमत $399 (लगभग 31 हजार रुपए) है। इसकी कम कीमत सुनने में यह काफी बढ़िया लगती है लेकिन महामारी के इस समय में एक गैजेट ऐसा भी है जो आईफोन से भी काफी बेहतर है और वो है आईपैड। कंपनी ने पिछले साल ही टैबलेट कम्प्यूटर के नए एंट्री लेवल मॉडल को पेश किया था, जिसकी शुरुआती कीमत $329 यानी करीब 25 हजार रुपए के लगभग है। यह उस समय काफी सुर्खियों में आया जब सितंबर में कंपनी ने अपने प्रोडक्ट इवेंट में 55 हजार से 85 हजार कीमत वाले नए आईफोन को शोकेस किए। आईपैड को हमेशा से ही ऑप्शनल एक्सेसरीज डिवाइस के तौर पर पहचाना जाता है, जो कम्प्यूटर और स्मार्टफोन के अल्टरनेट के तौर पर भी जाना जाता है।

महामारी के इस समय में आईपैड को दोबारा याद करने की जरूरत है। बात अगर कम्प्यूटिंग डिवाइस, कम्युनिकेशन टूल्स, एंटरटेनमेंट और इंटरनेट कनेक्शन की हो तो आईपैड इन सभी बातों में स्मार्टफोन से कही ज्यादा बेहतर है।

किसी भी आईफोन से बड़ी स्क्रीन से लैस आईपैड वीडिया कॉन्फ्रेंसिंग के लिए भी बढ़िया है, इस पर फेसटाइम और जूम जैसे ऐप अच्छा से काम करते हैं। वहीं बात अगर नेटफ्लिक्स और यूट्यूब पर मूवी या वेब सीरीज देखने की हो तो भी आईपैड अच्छा ऑप्शन है। बड़ी स्क्रीन के बदौलत इसमें मूवी देखने को बेहतर अनुभव मिलता है। वहीं अगर कीबोर्ड से जोड़ लिया जाए तो यह एक बेहतरीन कम्प्यूटर या लैपटॉप का काम भी बखूबी करता है, जिसमें वेब ब्राउजिंग, ईमेल राइटिंग और डॉक्यूमेंट कम्पोजिंग जैसे काम आसानी से किए जा सकते हैं। यह सभी सुविधाएं सिर्फ रेगुलर आईफोन से आधी कीमत में मिल रही है।

तो अगर एपल ने बेहतर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर से लैस नया आईफोन लॉन्च कर भी दिया, जिसमें बेहतरीन फोटोग्राफी भी की जा सकती है, तो फिलहाल इसे खरीदने का न तो यह सही समय है न ही कोई फायदा नहीं है क्योंकि जब घर से बाहर ही निकलना है, तो बेहतरीन कैमरे का क्या करेंगे।

इस समय किसी गैजेट को खरीदने की सलाह देना काफी मुश्किल है। लेकिन अगर आपका मौजूदा गैजेट आपकी जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहा है और अपने नए गैजेट खरीदने में पैसे लगाना चाहते हैं तो आईपैड को खरीदना फायदें का सौदा साबित हो सकता है।

जानें क्यों इसे खरीदना है फायदेमंद

  • महामारी की वजह के दुनिया के कई हिस्सों को लॉकडाउन कर दिया गया। ऐसे में वर्क फ्रॉम होम कर रहे हों और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की जरूरत पड़े तो बड़े डिस्प्ले की बदौलत इसमें बेहतर व्यू मिलता है। यह बात मूवी और गेमिंग के लिए भी लागू होती है। यही काम लैपटॉप से भी किया जा सकता है लेकिन उसमें पावर की खपत ज्यादा होती है।
  • सिक्योरिटी शोधकर्ताओं की माने तो पॉपुलर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप जूम में भी लैपटॉप और कम्प्यूटर के संदर्भ में कई खामियां पाई गई लेकिन मोबाइल डिवाइस जैसे आईपैड के संदर्भ में ऐसी कोई खामी नहीं मिली।
  • आईपैड में वीडियो कॉल्स का बेहतर अनुभव तो मिलता ही है। लैपटॉप की तुलना में इसमें लंबा बैटरी बैकअप मिलता है। स्मार्टफोन की तुलना में टैबलेट में बड़ी स्क्रीन मिलती है और इसे आसानी से प्रोटेक्टिव कवर से ढका जा सकता है।
  • रीडिंग के शौकीन है और रोजाना बुक्स या कॉमिक्स पढ़कर समय गुजार रहे हैं, तो भी फोन की तुलना में आईपैड काफी बेहतर है। इसमें आसानी से डिजिटल बुक्स को पढ़ा जा सकता है और सुविधानुसार चीजों को जूम इन और आउट किया जा सकता है। पढ़ते समय पर्याप्त रोशनी के लिए अलग से लैंप की भी जरूरत नहीं पड़ती।


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During the epidemic, buying an iPad is more beneficial than an iPhone; Half the regular iPhone works for both phones and laptops.

श्याओमी ने लॉन्च किया Mijia इलेक्ट्रिक स्कूटर 1S, फुल चार्ज में 30 किमी तक चलेगा, टॉप स्पीड 25kmph April 22, 2020 at 12:09AM

चीनी टेक कंपनी श्याओमी ने नया मीजिया (Mijia) इलेक्ट्रिक स्कूटर 1S को लॉन्च कर दिया है। इसकी कीमत लगभग 22 हजार रुपए है। फिलहाल ये चीन में कई ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर बिक्री के लिए उपलब्ध है और अन्य देशों में भी इसकी शिपिंग की जा रही है। यह एमआई इकोसिस्टम की प्रोडक्ट रेंज का हिस्सा है। स्कूटर की खास बात यह है कि फुल चार्ज में यह 30 किमी तक चलता है। इसकी बॉडी को एयरक्राफ्ट ग्रेड एल्युमिनियम से तैयार किया गया है, जो 100 किलो तक का भार उठाकर चलने में सक्षम है।

स्कूटर सिर्फ 12.5 किलो वजनी, सेफ्टी के लिए रियर व्हील में डिस्क ब्रेक लगा है
स्कूटर सिर्फ 12.5 किलो वजनी, सेफ्टी के लिए रियर व्हील में डिस्क ब्रेक लगा है

Mijia स्कूटर के खास फीचर्स

  • फुल चार्ज में यह इलेक्ट्रिक स्कूटर 30 किमी तक चलता है। इसमें DC मोटर लगी है, कंपनी का दावा है कि इसे 3 हजार घंटे तक इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • यह 25 किमी. प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ने में सक्षम है। इसमें डिस्क ब्रेक्स लगे हैं, जो एंटी ब्रेकिंग सिस्टम यानी एबीएस फीचर से लैस है।
  • स्कूटर सिर्फ 12.5 किलो वजनी है। इसकी बॉडी को एयरक्राफ्ट ग्रेड एल्युमिनियम से बनी है जिसकी मजबूती का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह 100 किलो तक का भार लेकर चलने में सक्षम है।
  • इसमें कई तरह के मोड्स मिलते हैं जिसमें एनर्जी सेविंग, नॉर्मल और स्पोर्ट्स मोड शामिल है। इसमें छोटी सी डिस्प्ले लगी है, जो डैशबोर्ड का काम करती है। डिस्प्ले में स्पीड, बैटरी संबंधित जानकारियां मिलती है।
  • इसका छोटा साइज और फोल्डिंग मैकेनिज्म की वजह से इसे कम दूरी के सफर के लिए इस्तेमाल में लिया जा सकता है। यह चीन के कई ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर यह बिक्री के लिए उपलब्ध है और भारत समेत कई अन्य देशों में भी इसकी शिपिंग की जा रही है।
  • फिलहाल भारत में इसकी लॉन्चिंग को लेकर कोई सफाई नहीं दी गई है लेकिन कंपनी धीरे-धीरे अपने कई इकोसिस्टम प्रोडक्ट्स भारत में उतार रही है। कुछ दिन पहले ही कंपनी ने एमआई रोबोट वैक्यूम क्लीनिर लॉन्च किया है।


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Mi Electric Scooter price| Xiaomi launches Mijia electric scooter 1S, will run up to 30 km in full charge, top speed 25kmph

2020 की पहली तिमाही में नेटफ्लिक्स का मुनाफा दोगुना बढ़कर 5434 करोड़ रुपए हुआ, तीन महीने में जुड़े 1.6 करोड़ नए सब्सक्राइबर्स April 21, 2020 at 11:14PM

कोरोनावायरस का प्रकोप दिसंबर से जारी है और देशव्यापी लॉकडाउन के चलते लोग घरों में रहने को मजबूर हैं। बोरियत मिटाने के लिए लोग जमकर ओटीटी प्लेटफॉर्म का इ्स्तेमाल कर रहे हैं। इसके चलते नेटफ्लिक्स की कमाई बढ़ने के साथ ही उसके सब्सक्राइबर बेस में काफी इजाफा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2020 की पहली तिमाही में नेटफ्लिक्स के सब्सक्राइबर्स की संख्या में करीब 1.6 करोड़ का इजाफा दर्ज किया गया है। यह वो वक्त था, जब वैश्विक स्तर पर कोरोनावायरस महामारी फैल चुकी थी और दुनिया के ज्यादातर देशों में लोग घर में रहने को मजबूर थे।

सब्सक्राइबर्स बढ़ने के साथ कमाई बढ़कर दोगुनी हुई
इन तीन महीने में नेटफ्लिक्स प्लेटफॉर्म पर "टाइगर किंग" और "लव इज ब्लाइंड" जैसे रियल्टी शो सबसे ज्यादा देखे गए। नेटफ्लिक्स के कुल 182.8 मिलियन (18.2 करोड़) सब्सक्राइबर हैं, जो कि दुनिया के किसी भी एंटरटेनमेंट सर्विस के मुकाबले कहीं ज्यादा हैं। इसमें से करीब 2.3 मिलियन सब्सक्राइबर अमेरिका और कनाडा में है। नेटफ्लिक्स को उम्मीद है कि दूसरी तिमाही में करीबन7.5 मिलियन नए सब्सक्राइबर्स नेटफ्लिक्स से जुड़ेंगे। साल 2020 की पहली तिमाही में नेटफ्लिक्स का मुनाफा दोगुना बढ़कर 709 मिलियन डॉलर (5434 करोड़ रुपए) हो गया है, जो कि साल 2019 के आखिरी तिमाही में 344 मिलियन डॉलर था। वहीं, कंपनी का रेवेन्यू 28 फीसदी बढ़कर 5.7 बिलियन हो गया है।

नेटफ्लिक्स में जुड़े नएफीचर्स
वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स ने एक नया फीचर्स स्क्रीन लॉक जोड़ दिया है, जो कि एंड्राइड फोन यूजर्स को एक्सीडेंट्ल टच से बचाएगा। स्क्रीन के एक बार लॉक होने पर अनलॉक होने पर स्क्रीन को अनलॉक किया जा सकेगा। इससे पहले नेटफ्लिक्स ने पैरेंट्स हेल्प, गार्जियन और एल्डर फीचर्स को जोड़ा गया है। साथ ही बच्चों के लिए टीवी शोज और मूवी प्लेटफॉर्म के लिए शुरू किया गया है।

कंज्यूमर ओटीटी प्लेफार्म को देंगे तरजीह
नीलसन की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस के बाद भी करीब 64 फीसदी लोग थिएटर में फिल्में देखने की बजाय ओटीटी प्लेटफॉर्म जैसे नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम पर मूवी देखना पसंद करेंगे। दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली छात्राछवि कहती हैं, 'मैं इन दिनों ओटीटी प्लेफार्म पर मूवी देख रही हूं और मुझे यह सिनेमा हॉल जाकर मूवी देखने से ज्यादा कंफर्टेबल लग रहा है। मैं आगे भी इसी माध्यम से मूवी देखूंगी।'



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Netflix's profits doubled to Rs 5434 crore in first quarter of 2020, 16 million new subscribers added in three months

विवादों में आई एपल-गूगल की कोरोना कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप, फ्रांस ने प्राइवेसी को लेकर ऐप पर ऐतराज जताया April 21, 2020 at 10:07PM

कुछ दिन पहले ही टेक कंपनी एपल और गूगल ने साथ मिलकर कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप बनाने का ऐलान किया था। इसके जरिए कोरोना संक्रमितों की पहचान और उनके संपर्क में आने की कोशिश है। दोनों कंपनियों ने बताया था कि इस ब्लूटूथ बेस्ड कोरोना ट्रेसिंग ऐप को इनेबल करने के लिए एंड्ऱॉयड और आईओएस दोनों ही ऑपरेटिंग सिस्टम में बदलाव करना होगा। लेकिन फ्रांस ने प्राइवेसी सुरक्षा कारणों को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। फ्रांस का कहना है कि एपल-गूगल द्वारा बनाई जा रही है ब्लूटूथ बेस्ड कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप प्राइवेसी प्रोटेक्शन को कमजोर करेगी। दोनों कंपनियों ने कहा था कि ऐप स्मार्टफोन के ऑपरेटिंग सिस्टम में बदलाव किए बिना काम नहीं करेगी। इसके बाद से ही फ्रांस सरकार लगातार एपल पर दबाव बना रही है कि आईफोन के लिए बनाई जा रही ऐप के लिए प्राइवेसी में किसी प्रकार का बदलाव न करें।

दोनों कंपनियों के साझेदारी करने के दो हफ्ते बाद फ्रांस सरकार ने यह मुद्दा उठाया। कंपनियों मिलकर कोरोना महामारी को रोकने के लिए डिजिटल कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप पर काम कर रही है, जो यूजर के कॉन्टैक्ट को ट्रैक करेगी। इसमें दोनों कंपनियों के स्मार्टफोन मिलकर एक दूसरे के साथ काम करेंगे लेकिन इस बात का खास ख्याल रखा गया है कि ऐप कौन सा डेटा स्वास्थ्य संगठनों से साथ साझा करेगी और कौन सा नहीं। डेटा शेयरिंग की इन्हीं पाबंदियों का मुद्दा फ्रांसीसी सरकार ने उठाया है क्योंकि इस लिमिट में फ्रांस छूट चाहता है।

फ्रांस के डिजिटल मिनिस्टर कैडरिक-ओ ने कहा कि हम एपल से इन्हीं तकनीकी अड़चन को हटाने के लिए कह रहे हैं ताकि हमें एक संप्रभु यूरोपीय स्वास्थ्य समाधान विकसित करने की अनुमति मिल सके जो हमारी स्वास्थ्य प्रणाली से जुड़ा हो। उन्होंने आगे कहा कि कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप हमारी प्राइवेसी गाइडलाइन के अनुरूप नहीं है, हालांकि इसे अभी भी सुधारा जा सकता है। इसमें काफी सख्त लिमिटेशन है खासतौर से जब ये आईफोन में काम करती है। जैसे यह उस समय काम नहीं करेगी जब फोन में कोई अन्य ऐप या गेम चल रहा हो या फोन की स्क्रीन लॉक हो।

एपल का ऑपरेटिंग सिस्टम कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप जो ब्लूटूथ की मदद से काम करेगा उसे डेटा डिवाइस के बाहर जाने से रोकेगा। इस पाबंदी को यूजर की प्राइवेसी ध्यान में रखकर लगाया गया है और यह पाबंदी फ्रांस सरकार द्वारा बनाई जा रही है ऐप के आड़े आ रही है। सरकार 11 मई तक ऐप लॉन्च करना चाहती है। यह ऐप यह पता लगाने का काम करेगा कि संक्रमित व्यक्ति किसके संपर्क में आया है ताकि उचित कदम उठाकर जल्द से जल्द शहर का लॉकडाउन खत्म किया जा सके।

कैसे काम करेगा एपल-गूगल का कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप

कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप दो या उससे ज्यादा लोगों के आपस में मिलने पर काम करता है, जो काफी समय तक एक दूसरे के साथ हों। यदि एक यूजर का संक्रमिक होने के चलते इलाज किया जा रहा हो, तो अन्य यूजर तक इसका अलर्ट पहुंच जाएगा, जिन्हें वे संक्रमित कर सकता हो। साथ ही सेल्फ आईसोलेट होने के लिए भी सलाह भी दे सकता है।



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