Monday, November 9, 2020

तीसरे क्वार्टर के दौरान फोन शिपमेंट में आई 17 फीसदी की बढ़त, टॉप-5 में चार चीनी कंपनियों शामिल November 09, 2020 at 01:17AM

कोविड महामारी के काले बादल धीरे-धीरे देश की फोन इंडस्ट्री से हट रहे हैं। इंटरनेशनल डेटा कॉरपोरेशन (IDC) की रिपोर्ट के मुताबिक, साल के तीसरे क्वार्टर (जुलाई-सितंबर) में टॉप-3 देशों में भारत 17 फीसदी की ग्रोथ करने वाला एकमात्र बाजार रहा। भारत में 54.3 मिलियन (5.43 करोड़) स्मार्टफोन का शिपमेंट ज्यादा हुआ। इसी दौरान चीन और अमेरिकी मार्केट में गिरावट देखने को मिली।

भारतीय टेक मार्केट फेस्टिव सेल से ज्यादा मुनाफा हुआ है। वहीं, ऑफलाइन मार्केट की तुलना में ऑनलाइन मार्केट में स्मार्टफोन की सेलिंग ज्यादा रही। हालांकि, दोनों बाजार में ग्रोथ देखने को मिली है।

स्मार्टफोन मार्केट बढ़ने के कारण

  • ऑनलाइन रिटेलर्स के शेयर इस दौरान 48% की ग्रोथ के साथ ऑल टाइम हाई पर पहुंच गए। साल-दर-साल के आधार पर 24% की ग्रोथ रही। ज्यादातर ग्राहकों ने इस दौरान ऑनलाइन शॉपिंग को प्राथमिकता दी, क्योंकि यहां पर बैंक ऑफर्स के साथ दूसरे डिस्काउंट भी मिल रहे थे।
  • ऑफलाइन चैनलों ने साल की पहली छमाही के बाद 11% की मीडियम ग्रोथ दर्ज की। नए लॉन्च से ऑफलाइन चैनलों में आपूर्ति की भारी कमी थी।
  • ओरिजनल इक्युपमेंट मैन्युफैक्चरर्स (OEMs) ने कम कीमत वाले स्मार्टफोन लॉन्च किए। उन्होंने क्वाड-कैमरा, हाई मेगापिक्सेल काउंट्स (48 एमपी और अधिक), अधिक स्टोरेज (64 जीबी और अधिक), बड़ी बैटरी (5000mAh) वाले फोन ज्यादा लॉन्च किए।

भारत में स्मार्टफोन शिपमेंट की टॉप-5 कंपनी

कंपनी शिपमेंट Q3'20 मार्केट शेयर Q3'20 शिपमेंट Q3'19 मार्केट शेयर Q3'19
शाओमी 13.5 25.0% 12.6 27.1%
सैमसंग 12.1 22.3% 8.8 18.8%
वीवो 9 16.7% 7.1 15.2%
रियलमी 8 14.7% 6.7 14.3%
ओप्पो 6.1 11.3% 5.5 11.8%
अन्य 5.6 10.0% 5.9 12.8%
कुल 54.3 100.0% 46.6 100.0%

नोट: शिपमेंट की आंकड़े मिलियन में है।

कैनालिस की रिपोर्ट में भी दिखी बढ़त


तीसरे क्वार्टर (जुलाई से सितंबर) के दौरान स्मार्टफोन शिपमेंट में 8 प्रतिशत की ग्रोथ देखने को मिली है। कैनालिस (canalys) की रिपोर्ट के मुताबिक, इस क्वार्टर के दौरान रिकॉर्ड 50 मिलियन (5 करोड़) यूनिट का शिपमेंट हुआ। ये किसी भी सिंगल क्वार्टर में स्मार्टफोन शिपमेंट का ऑल-टाइम रिकॉर्ड है।

रिकॉर्ड शिपमेंट को लेकर कैनालिस के एनालिस्ट, एडवेट मेरडिकर ने कहा, "स्मार्टफोन की सेल तेजी से बढ़ी है। देश में लंबा लॉकडाउन हटने के बाद बाजार में तेजी दिख रही है। लगभग सभी प्लेटफॉर्म पर स्मार्टफोन की मांग बढ़ी है। खासकर, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे फ्लिपकार्ट और अमेजन ने फेस्टिवल सीजन में रिकॉर्ड स्मार्टफोन सेल किए हैं। यही वजह है कि बाजार फिर से गुलजार हो रहा है।"



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तीसरे क्वार्टर के दौरान चीन और अमेरिकी मार्केट में गिरावट देखने को मिली

BMW ने बनाया इंसान को हवा में उड़ाने वाला विंगसूट, इसकी स्पीड 300km प्रति घंटा; 9800 फीट ऊंचाई से कूदकर किया टेस्ट November 08, 2020 at 11:00PM

बीएमडब्लू को कार मैन्युफैक्चरर कंपनी के तौर पर जाना जाता है। पेट्रोल और डीजल के साथ वो अब इलेक्ट्रिक व्हीकल भी बना रहा है। हालांकि, इस बार कंपनी ने अपनी विंगसूट तैयार किया है, जो बैटमैन की तरह नजर आता है। ये सूट पूरी तरह से इलेक्ट्रिक है। कंपनी पिछले 3 साल से इस सूट पर काम कर रही है।

इस सूट का कॉन्सेप्ट पीटर सैल्जमैन लेकर आए थे, जो प्रोफेशन विंगसूट पायलट / बेस जंपर / स्काई डाइवर / पैराग्लाइडिंग इंस्ट्रक्टर और टेंडम पायलट हैं। बीएमडब्ल्यू आई और डिजाइन वर्क्स के बीच एक कोलोब्रेशन हुआ, जिसके बाद इस विंगसूट को तैयार किया गया। अब इस सूट को पहनकर पीटर ने परीक्षण किया है। इसका वीडियो भी यूट्यूब पर शेयर किया गया है।

कितना पावर है ये विंगसूट?

  • ये इलेक्ट्रिक विंगसूट है जिसकी मदद से पीटर उड़ान भरने में कामयाब रहे। नोर्मल विंगसूट की स्पीड 100 kmph तक होती है, लेकिन इसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि इसकी स्पीड 300 kmph से भी ज्यादा है।
  • बीएमडब्ल्यू आई द्वारा तैयार किया गया ये इलेक्ट्रिक विंगसूट में फ्लाई के लिए दो कार्बन प्रोपेलर, इम्पेलर्स लगाए गए हैं। इनमें से हर एक 7.5 kW पावर का आउटपुट जनरेट करता है।
  • इसकी स्पीड करीब 25,000 rpm है और टोटल आउटपुट 15 kW या 20 bhp तक है। हालांकि, अभी ये सिर्फ 5 मिनट के लिए है। अभी इस सूट का इस्तेमाल टेस्टिंग लेवल पर किया जा रहा है।

9,800 फीट ऊंचाई से कूदे
पहले परीक्षण के दौरान, सैल्जमैन दो अन्य विंगसूट ऑपरेटर्स के साथ 9,800 फीट की ऊंचाई से एक हेलीकॉप्टर से नीचे कूदे। ये परीक्षण ऑस्ट्रिया के पहाड़ों के ऊपर पूरी सेफ्टी के साथ किया गया। सभी विंगसूट पायलट पहाड़ों के चारों तरफ उड़ने में सक्षम थे। सैल्जमैन ने विंगसूट का इस्तेमाल उस पर शुरू किया जब ले लगभग पहाड़ों के करीब आ गए। आखिर में उन्होंने पैराशूट की मदद से लैंडिंग की।



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विंगसूट का परीक्षण ऑस्ट्रिया के पहाड़ों के ऊपर पूरी सेफ्टी के साथ किया गया

एपल अपने होममेड प्रोसेसर के साथ लॉन्च कर सकती है पहला लैपटॉप, यूजर को मिलेगा पहले से बेहतर एक्सपीरियंस November 08, 2020 at 09:27PM

एपल अपने सरप्राइज इवेंट 'वन मोर थिंग' की तैयारी कर चुकी है। ये इवेंट 10 नवंबर को भारतीय समय अनुसार रात 11.30pm पर शुरू होगा। इस इवेंट की खास बात है कि कंपनी इसमें अपनी कम्प्यूटर चिप वाले मैक प्रोडक्ट्स लॉन्च करने वाली है। ऐसा माना जा रहा है कि एपल अपने होममेड प्रोसेसर वाला पहला लैपटॉप लॉन्च करेगी।

एपल का ये वर्चुअल इवेंट एपल पार्क से होगा। इसे कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट apple.com पर देख पाएंगे। कंपनी ने एपल लोगो के साथ कलरफुल बैकग्राउंड का इस्तेमाल किया है।

यूजर एक्सपीरियंस बदल जाएगा


एपल अपने होममेड प्रोसेसर से मैक कम्प्यूटर में बड़ा बदलाव करने की प्लानिंग कर रही है। ऐसा माना जा रहा है कि इस प्रोसेसर से एपल के लैपटॉप और डेस्कटॉप को बेहतर कंट्रोल मिलेगा। इससे आपके आईफोन, आईपैड पर मैक एक्सपीरियंस पूरी तरह बदल जाएगा, क्योंकि ये सभी एक जैसा आर्किटेक्चर पर काम करेंगे। एपल सिलिकॉन चिप आईफोन 12 लाइनअप में लगाए गए A14 बायोनिक प्रोसेसर पर बेस्ड है।

एपल हार्डवेयर टेक्नोलॉजी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, जॉनी सूर्जी ने जून में कहा था कि एपल सिलिकॉन से मैक कम्प्यूटर के परफॉर्मेंस में बदलाव आएंगे। कंपनी ने अपनी वर्ल्डवाइड डेवलपर्स क्रॉन्फ्रेंस के दौरान बताया था कि कैसे उसके होममेड प्रोसेसर से एडोब फोटोशॉप और फाइल कट प्रो एप्लिकेशन बेहतर काम करेंगे। यदि एपल अपने प्रोसेसर वाला पहला लैपटॉप लेकर आती है तब इवेंट में उससे बारे जानकारी भी देगी।

नए मैकबुक प्रो और मैकबुक एयर लॉन्च होंगे
कंपनी इस इवेंट में एपल प्रोसेसर के साथ 13-इंच और 16-इंच मैकबुक प्रो और 13-इंच मैकबुक एयर को लॉन्च कर सकती है। फॉक्सकॉन, जिसे होन हाई प्रिसिजन इंडस्ट्री कंपनी के नाम से भी जाना जाता है, वो दो छोटे लैपटॉप को असेंबल कर रहा है, जबकि क्वांटा कंप्यूटर इंक बड़े मैकबुक प्रो का निर्माण कर रहा है। छोटे मॉडल प्रोडक्शन में आगे हैं और कम से कम उन दो लैपटॉप को अगले सप्ताह के इवेंट में दिखाया जाएगा।

बता दें कि एपल अपने पिछले दो इवेंट में एपल वॉच SE, वॉच सीरीज 6 और आईपैड एयर को लॉन्च किया था। जिसके बाद आईफोन 12 सीरीज के चार फोन आईफोन 12 मिनी, आईफोन 12, आईफोन 12 प्रो और आईफोन 12 प्रो मैक्स को लॉन्च किया था।



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एपल 13-इंच और 16-इंच मैकबुक प्रो और 13-इंच मैकबुक एयर को लॉन्च कर सकती है। (फाइल फोटो)

हैकर ने ग्रॉसरी कंपनी बिग बास्केट के यूजर्स का डेटा चुराया, डार्क वेब पर 30 लाख रुपए में बेचने का दावा November 08, 2020 at 08:05PM

एक बार फिर ऑनलाइन यूजर्स का डेटा लीक होने की खबरें सामने आई हैं। इस बार ग्रॉसरी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बिग बास्केट के 2 करोड़ यूजर्स का डेटा लीक हुआ है। साइबर इंटेलीजेंस कंपनी Cyble के मुताबिक, हैकर ने इस डेटा को 40,000 डॉलर (करीब 29.5 लाख रुपए) में बेचने के लिए डार्क वेबसाइट पर डाल दिया है।

डेटा लीक होने के बाद कंपनी ने बेंगलुरु में साइबर क्राइम सेल में शिकायत दर्ज कराई है। Cyble ने ब्लॉग में लिखा कि हमारी रिसर्च टीम ने अपनी रूटीन वेब मॉनीटरिंग में पाया कि साइबर क्राइम मार्केट में बिग बास्केट के डेटा को 40,000 डॉलर में बेचा जा रहा है, इस डेटा बेस की फाइल करीब 15GB की है, जिसमें करीब 2 करोड़ यूजर्स का डेटा हैं।

लीक डेटा में पासवर्ड भी शामिल
Cyble रिपोर्ट के मुताबिक, लीक डेटा में यूजर्स का नाम, ई-मेल, पासवर्ड हैश, मोबाइल नंबर, एड्रेस, डेट ऑफ बर्थ, लोकेशन यहां तक कि लॉग-इन का IP एड्रेस भी दिया है। Cyble ने डेटा में पासवर्ड का जिक्र किया है, जिसका मतलब है वन टाइम पासवर्ड (OTP) जो SMS के जरिए मिलता है, जब यूजर लॉग-इन करता है और ये हर बार बदलता रहता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि डेटा की चोरी 30 अक्टूबर, 2020 को हुई। इसके बारे में बिग बास्केट के मैनेजमेंट को जानकारी दे दी गई है।

यूजर्स की फाइनेंशियल डिटेल पूरी तरह सेफ
इस मामले पर बिग बास्केट ने कहा, ‘कुछ दिन पहले हमें बड़ी डेटा चोरी के बारे में पता चला है। हम साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर पता कर रहे हैं कि ये कितना बड़ा है और इसमें कितनी सच्चाई है। साथ ही, इसे तत्काल रोकने के रास्ते भी तलाश रहे हैं। हमने साइबर सेल बेंगलुरू में शिकायत भी दर्ज कराई है। हम दोषियों को पकड़ने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। कस्टमर्स के डेटा की प्राइवेसी और सिक्योरिटी हमारी प्राथमिकता है। हम उनके फाइनेंशियल डेटा जैसे क्रेडिट कार्ड नंबर वगैरह स्टोर करके नहीं रखते हैं और हमें पूरा भरोसा है कि उनका ऐसा डेटा पूरी तरह से सेफ है।’

बिग बास्केट में चीनी कंपनी की फंडिंग
बिग बास्केट में चीन की कंपनी अलीबाबा, मिराय एसेट-नेवर एशिया ग्रोथ फंड और ब्रिटिश सरकार के CDC ग्रुप ने भी फंडिंग की है। हाल ही में बिग बास्केट कुछ और निवेशकों के साथ फंडिंग को लेकर बातचीत कर रही थी। बिग बास्केट 350-400 मिलियन डॉलर की पूंजी जुटाने की कोशिशों में लगी है। इसके लिए कंपनी सिंगापुर सरकार के टीमासेक, अमेरिका बेस्ड फिडेलिटी और टाइबोर्न कैपिटल के साथ फंडिंग की बात कर रही है।

क्या होता है डार्क वेब?


इंटरनेट पर ऐसी कई वेबसाइट हैं जो ज्यादातर इस्तेमाल होने वाले गूगल, बिंग जैसे सर्च इंजन और सामान्य ब्राउजिंग के दायरे में नहीं आती। इन्हें डार्क नेट या डीप नेट कहा जाता है। इस तरह की वेबसाइट्स तक स्पेसिफिक ऑथराइजेशन प्रॉसेस, सॉफ्टवेयर और कॉन्फिग्रेशन के मदद से पहुंचा जा सकता है सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 देश में सभी प्रकार के प्रचलित साइबर अपराधों को संबोधित करने के लिए वैधानिक रूपरेखा प्रदान करता है। ऐसे अपराधों के नोटिस में आने पर कानून प्रवर्तन एजेंसियां इस कानून के अनुसार ही कार्रवाई करती हैं।

इंटरनेट एक्सेस के तीन पार्ट

1. सरफेस वेब : इस पार्ट का इस्तेमाल डेली किया जाता है। जैसे, गूगल या याहू जैसे सर्च इंजन पर की जाने वाली सर्चिंग से मिलने वाले रिजल्ट। ऐसी वेबसाइट सर्च इंजन द्वारा इंडेक्स की जाती है। इन तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।

2. डीप वेब : इन तक सर्च इंजन के रिजल्ट से नहीं पहुंचा जा सकता। डीप वेब के किसी डॉक्यूमेंट तक पहुंचने के लिए उसके URL एड्रेस पर जाकर लॉगइन करना होता है। जिसके लिए पासवर्ड और यूजर नेम का इस्तेमाल किया जाता है। इनमें अकाउंट, ब्लॉगिंग या अन्य वेबसाइट शामिल हैं।

3. डार्क वेब : ये इंटरनेट सर्चिंग का ही हिस्सा है, लेकिन इसे सामान्य रूप से सर्च इंजन पर नहीं ढूंढा जा सकता। इस तरह की साइट को खोलने के लिए विशेष तरह के ब्राउजर की जरूरत होती है, जिसे टोर कहते हैं। डार्क वेब की साइट को टोर एन्क्रिप्शन टूल की मदद से छुपा दिया जाता है। ऐसे में कोई यूजर्स इन तक गलत तरीके से पहुंचता है तो उसका डेटा चोरी होने का खतरा हो जाता है।



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बिग बास्केट में चीन की कंपनी अलीबाबा, मिराय एसेट-नेवर एशिया ग्रोथ फंड और ब्रिटिश सरकार के CDC ग्रुप ने भी फंडिंग की है। -फाइल फोटो

म्यूजिक लवर्स की डिमांड को पूरा करते हैं U&i इयबड्स, 80 ग्राम वजन और 8 घंटे बैकअप मिलेगा; कीमत 999 रुपए November 08, 2020 at 04:30PM

सरकार की वोकल फॉर लोकल कैम्पेन से कई भारतीय कंपनियां उभरकर सामने आ रही हैं। वहीं, कई ऐसी कंपनियों जो इलेक्ट्रॉनिक मार्केट में सुस्त हो चुकी थीं अब वे भी खुलकर और ज्यादा बेहतर प्रोडक्ट के साथ सामने आ रही हैं। भारतीय कंपनी यूएंडआई (U&i) भी अपने प्रोडक्ट्स से लोगों को लुभा रही है। आज हम अपनी फर्स्ट ओपिनियन सीरीज में इस कंपनी के ट्रू वायरलेस इयरबड्स की बात करने वाले हैं।

कंपनी ने बीते दिनों अपनी यस सीरीज के ट्रू वायरलेस इयरबड्स को लॉन्च किया है, जिसका मॉडल नंबर 4959 ट्विन है। इस इयरबड्स में दमदार साउंड के साथ सभी तरह के कंट्रोल फीचर्स मिलेंगे। साथ ही, इसकी कीमत भी आपके बजट में है। तो चलिए जल्दी से जानते हैं कि ये इयरबड्स कितने खास हैं और भारतीय बाजार में ये किन चीनी कंपनियों को टक्कर दे रहे हैं।

ट्विन इयरबड्स का डिजाइन
इसके डिजाइन की बात की जाए तो कंपनी ने इसे व्हाइट कलर के एकमात्र कलर ऑप्शन में लॉन्च किया गया है। इसके बड्स का डिजाइन ऐसा बनाया है कि आपके कानों में ये काफी कम्फर्ट तरीके से फिट हो जाते हैं। यानी रनिंग या जिम में वर्कआउट के दौरान भी ये कानों में अच्छी तह फिक्स रहते हैं। इसमें स्मॉल ग्रिल का इस्तेमाल किया है जिससे साउंड ज्यादा लाउड और बेस के साथ आता है। इसके नीचे का हिस्सा भी छोटा है कानों पर इसका लुक भी बेहतर नजर आता है। इनका वजन सिर्फ 80 ग्राम है।

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इयरबड्स की बैटरी, केस और लाइट

  • इन इयरबड्स का बैटरी केस भी काफी कॉम्पेक्ट डिजाइन वाला है। यानी आप इसे अपनी पेंट, शर्ट या उससे भी छोटी पॉकेट में आसानी से कैरी कर सकते हैं। केस की कैप मैग्नेटिक लॉक के साथ आती है। यानी आप इस केस को किसी बैग में रखते हैं तब भी ये खुलेगा नहीं। इयरबड्स में मैग्नेट दी है, जिससे ये के अंदर अच्छी तरह फिक्स हो जाते हैं। यानी इनके गिरने का खतरा पूरी तरह खत्म हो जाता है।
  • बैटरी केस में एक LED लाइट दी है, जो अलग-अलग तरह से कलर इंडिकेशन देती है। यानी जैसे ही आप इस केस को ओपन करते हैं इसमें ब्लू LED जल्दी है। जब इसे चार्ज पर लगाया जाता है तब रेड कलर हो जाता है। वहीं, इयरबड्स को जब केस के साथ चार्ज किया जाता है तब भी ये रेड कलर को इंडीकेट करती है।
  • केस के अंदर 250mAh की बैटरी का इस्तेमाल किया गया है। जो करीब 1 घंटे में फुल चार्ज हो जाती है। इसके बाद बैटरी केस से इयरबड्स को 2 से 3 बार तक चार्ज किया जा सकता है। वहीं, इयरबड्स के अंदर 25mAh की बैटरी दी है। फुल चार्ज होने के बाद इससे 1 घंटे तक कॉलिंग कर सकते हैं। वहीं, करीब ढाई घंटे तक म्यूजिक का मजा लिया जा सकता है। इसके ओवरऑल बैटरी बैकअप 8 घंटे का है।

कनेक्टिविटी और साउंड क्वालिटी

  • ये इयरबड्स ब्लूटूथ वर्जन 5.0 कनेक्टिविटी के साथ आते हैं। यानी आपका स्मार्टफोन पहले से किसी ब्लूटूथ डिवाइस से कनेक्ट है तब भी ये आसानी से कनेक्ट हो जाएंगे। इसमें एंडपॉइंट डिटेक्शन एंड रिस्पॉन्स टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। यानी आप जैसे ही इन्हें बैटरी केस से निकालेंगे ये फोन से ऑटो कनेक्ट हो जाएंगे।
  • बात करें इन इयरबड्स के साउंड की तब इसमें क्रिस्टल क्लियर साउंड दिया है। यानी आपको म्यूजिक की सभी बीट्स बेहतर तरीके से सुनाई देंगी। वहीं, इसका बास भी बेहतर है। हालांकि, इसमें म्यूजिक इक्वलाइजर नहीं मिलेगा। इसमें कॉल अटैंड, गूगल असिस्टेंट का कंट्रोल भी मिलता है।

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इयरबड्स की कीमत
कंपनी ने यूं तो इस मॉडल को 2499 रुपए की कीमत के साथ लॉन्च किया था, लेकिन अब इसकी प्राइस ड्रॉप हो चुकी है। फेस्टिवल सीजन के इस मौके पर अब ये आपको महज 999 रुपए में मिल जाएगा। यानी कंपनी 60% का बड़ा डिस्काउंट ऑफर कर रही है। इतनी कीमत में भारतीय बाजार में बहुत कम कंपनियों इयरबड्स ऑफर कर रही हैं। ऐसे में इस इयरबड्स से चीनी कंपनियों को मॉडल को चुनौती मिल रही है।

कंपनी मॉडल कीमत
रियलमी बड्स Q 1,499 रुपए
शाओमी इयरफोन 2 3,999 रुपए
ओप्पो एन्को W11 1,999 रुपए
वीवो निओ Tws 5,990 रुपए

भारतीय बाजार में चीनी कंपनियों के कई ट्रू वायरलेस इयरबड्स मौजूद हैं, लेकिन इनकी कीमत 1500 रुपए से बहुत ज्यादा है। रियलमी के इयरबड्स की कीमत 1499 रुपए है। ऐसे में ये भारतीय कंपनी अपने सस्ते और दमदार क्वालिटी वाले इयरबड्स से चीनी कंपनियों को कड़ी चुनौती दे रही है।



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