टेक्नो स्पार्क 5 और 5 एयर के बाद कंपनी अब इसके प्रो वैरिएंट टेक्नो स्पार्क 5 प्रो को भारत में लॉन्च कर दिया है। चार रियर कैमरे वाले इस स्मार्टफोन की कीमत 10,499 रुपए है। इसे 4GB रैम और 64GB स्टोरेज के सिंगल वैरिएंट में लॉन्च किया गया है। हालांकि, इसे चार कलर वैरिएंट आइस जेडाइट, स्पार्क ऑरेंज, सीबेड ब्लू और क्लाउड व्हाइट में खरीद पाएंगे।
5000mAh की बैटरी से लैस
इस स्मार्टफोन में 5000mAh की बैटरी मिलेगी। कंपनी का दावा है कि फुल चार्ज में इसमें 480 घंटे का स्टैंडबाय टाइम, 31 घंटे कॉलिंग, 115 घंटे म्यूजिक सुन पाएंगे। इतना ही नहीं, 17 घंटे नॉनस्टॉप वीडियो देखे जा सकेंगे। यानी 2 घंटे की 8 मूवी आसानी से देख सकते हैं।
टेक्नो स्पार्क 5 प्रो के फीचर्स और स्पेसिफिकेशन
स्मार्टफोन में 6.6 इंच के एचडी प्लस (720 × 1600) आईपीएस एलसीडी पैनल के साथ आता है, जिसमें स्क्रीन के टॉप लेफ्ट में पंच होल कटआउट दिया गया है। यह 90.2 प्रतिशत स्क्रीन-टू-बॉडी रेशो वाला डिस्प्ले प्रदान करता है।
फोन मीडियाटेक के MT6762D चिपसेट के साथ आता है। फोन 4GB रैम और 64GB स्टोरेज के सिंगल वैरिएंट में ही मिलेगा। माइक्रोएसडी कार्ड से स्टोरेज को बढ़ाया जा सकता है।
स्पार्क 5 प्रो में 16-मेगापिक्सल के प्राइमरी सेंसर से लैस क्वाड-रियर कैमरा सेटअप दिया गया है। फोन में 2-मेगापिक्सल का डेप्थ सेंसर, 2-मेगापिक्सल का मैक्रो सेंसर और आखिरी लेंस एआई कैमरा होगा।
सेल्फी के लिए फ्रंट में 8-मेगापिक्सल का सेल्फी कैमरा दिया है। इसके लिए भी कंपनी ने डुअल LED फ्लैश दिया है। ये 4G VoLTE कनेक्टिविटी को सपोर्ट करता है।
सोमवार को हुए गूगल फॉर इंडिया के 6वें वार्षिक एडिशन में गूगल ने भारत के लिए कई बड़ी योजनाओं का ऐलान किया। साथ ही कंपनी ने गूगल इनिशिएटिव्स के बार में भी जानकारी दी। गूगल और अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचई ने अगले 5 से 7 साल में भारत में $10 बिलियन डॉलर यानी लगभग 7500 करोड़ रुपए निवेश करने की घोषणा की। वहीं, गूगल टीम के अन्य सदस्यों ने बताया कैसे कोरोना संकट के आम तक पहुंच बनाई और उन्हें महामारी से जुड़ी सटीक जानकारियां मुहैया कराई।
45 करोड़ यूजर्स स्मार्टफोन पर इंटरनेट चलाते हैं
गूगल इंडिया के कंट्री हेड और वाइस प्रेसिडेंट संजय गुप्ता ने बताया कि गूगल के भारत में लगभग 50 करोड़ एक्टिव इंटरनेट यूजर्स हैं जिसमें से लगभग 45 करोड़ से यूजर्स स्मार्टफोन पर इंटरनेट चलाते हैं। कनेक्टिविटी और एक्सेस ही प्रोडक्ट और सर्विस को मजबूत के दो मुख्य बनाने आधार है। इन्हीं प्रोडक्ट और सर्विसेस की बदौलत लर्निंग, एजुकेशन, जॉब्स और पेमेंट जैसी चीजों को आसान बनाया, जो हमारी सोसाइटी फेस रोजाना फेस करती है। यह 50 करोड़ यूजर न सिर्फ गूगल पर चीजों को 9 भाषाओं में सर्च कर सकते हैं बल्कि गूगल असिस्टें का इस्तेमाल भी 9 भाषाओं में कर सकते हैं।
ऐसी जगहों पर ज्यादा फोकस जहां इंटरनेट की पहुंच कम
गुप्ता ने बताया कि गूगल का फोकस ऐसी जगहों पर ज्यादा है जहां इंटरनेट की पहुंच कम है। ऐसी जगहों के लिए हम खासतौर से काम कर रहे हैं। इंटरनेट साथी प्रोग्राम के जरिए हमने 3 करोड़ से ज्यादा ग्रामीण महिलाओं को इंटरनेट सीखने में मदद की। हमने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का काफी उपयोग किया। उदाहरण के तौर पर सबसे बड़ा चैलेंज जिसका हम हर मानसून में सामना करते हैं वो है बाढ़ की समस्या। गूगल पर हमने फ्लड फोरकास्टिंग सिस्टम इनेबल्ड किया, जो लोगों और डिजास्टर मैनेजमेंट सिस्टम की मदद करता है और खतरे की स्थिति में 12 से 48 घंटे पहले ही स्मार्टफोन पर सूचना दे देता है।
कोरोना को लेकर 200 करोड़ सर्च किए गए
कोरोना संकट के चलते गूगल पर कई भाषाओं में लगभग 200 करोड़ सर्च किए गए। हमने मामले की गंभीरता को समझा और डब्ल्यूएचओ समेत मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फेमिली वेलफेयर के साथ काम कर लोगों तक कोरोना से जुड़ी सटीक जानकारिया मुहैया कराई वो कई भाषाओं में, जिसमें लक्षणों की पहचान, बचाव के तरीके और पर्सनल हाइजीन शामिल हैं।
My Gov समेत कई राज्य सरकारों के साथ गूगल मैप पर 700 से ज्यादा शहरों के 11 हजार से अधिक फूड एंड नाइट शेल्टर की जानकारी दी। वोडाफोन के साथ मिलकर हमने यह जानकारी फीचर फोन यूजर्स के लिए भी मुहैया कराई। साथ ही इंटरनेट साथी प्रोग्राम के तहत 50 हजार से ज्यादा गावों तक कोरोना से जुड़ी सही जानकारियां पहुंचाई।
गूगल मीट, गूगल क्लासरूम, रीड अलॉन्ग और यूट्यूब लर्निंग से बच्चों तक पहुंचाई
कोरोना का असर बच्चों की शिक्षा पर भी पड़ा। गूगल ने गूगल मीट, गूगल क्लासरूम, रीड अलॉन्ग और यूट्यूब लर्निंग के जरिए वापस यह पटरी पर आ सकी, ताकि वे सुरक्षित और विश्वसनीय सोर्स से जुड़कर अपनी पढ़ाई जारी रख सकें। इस समय सैकड़ों बच्चें इन प्रोडक्ट्स का यूज कर रहे हैं। गूगल पे ने समाज को पीएस केयर फंड में डिजिटली डोनशन देने की सुविधा दी। देशवासियों ने मिलकर गूगल पे के जरिए कोरोना से लड़ने के लिए पीएम केयर फंड में 120 करोड़ रुपए डोनेट किए।
मैप पर उपलब्ध कराई 600 कोविड टेस्टिंग सेंटर की जानकारी
गूगल ने मेरी सरकार (My Gov) और इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च के सहयोग से गूगल मैप प्लेटफार्म पर 300 शहरों के 600 कोविड टेस्टिंग सेंटर्स की जानकारी मुहैया कराई। कोरोना काल में जहां कई बिजनेस ठप पड़ हुए, वहीं गूगल ने उन्हें दोबारा नई शुरुआत करने का मौका दिया। कई छोटे रिटेलर्स गूगल मैप बिजनेस साइट के माध्यम से संकट की घड़ी में अपने व्यापार को कनेक्टेड और इफेक्टिव बनाकर अच्छा व्यापार किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई के साथ आज वर्चुअल मीटिंग (वीडियो क्रॉन्फ्रेंसिंग) की। पीएम ने इसकी जानकारी ट्वीट के जरिए दी। साथ ही, गूगल ने भारत में 75,000 करोड़ रुपए के निवेश की भी बात कही।
मोदी ने ट्वीट करके लिखा, आज सुबह @सुंदरपिचाई के साथ एक सफल बातचीत हुई। हमने भारत के किसानों, युवाओं और उद्यमियों के जीवन को बदलने के लिए टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल सहित कई मुद्दों पर चर्चा की।
पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि मुझे गूगल की ओर से कई सेक्टर में किए जा रहे कामों के बारे में पता चला। खासतौर पर एजुकेशन, लर्निंग, डिजिटल इंडिया, डिजिटल पेमेंट समेत कई सेक्टर में।
पीएम मोदी ने लिखा, 'सुंदर पिचाई से बातचीत के दौरान मैंने नई कार्य संस्कृति के बारे में बात की जो कोरोना के समय में उभर रही है। हमने उन चुनौतियों पर चर्चा की जो वैश्विक महामारी ने खेल जैसे क्षेत्रों में ला दी है। हमने डेटा सुरक्षा और साइबर सुरक्षा के महत्व के बारे में भी बात की।'
विदेशी कंपनियों के निवेश के लिए दरवाजे खुले रहेंगे
मोदी ने बीते दिनों एक ग्लोबल इवेटं कहा था कि भारत सभी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए रेड कार्पेट बिछा रहा है। भारत कई अन्य देशों की तुलना में निवेश करने के लिए सबसे बेहतर जगह है। उन्होंने यह भी साफ किया था कि आत्मनिर्भर भारत योजना देश की आत्मनिर्भरता के लिए है, ये विदेशी निवेशकों को बंद करने के बारे में नहीं है।
गूगल 75,000 करोड़ रुपए का निवेश करेगी
गूगल फॉर इंडिया इवेंट में गूगल सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा कि भारत के डिजिटलीकरण के लिए गूगल कई घोषणा करने के लिए उत्साहित है। हम भारत में अगले 5-7 सालों में 75,000 करोड़ रुपए या 10 बिलियन डॉलर का निवेश करेंगे। ये निवेश इक्विटी इनवेस्टमेंट, पार्टनरशिप और ऑपरेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर के माध्मम से किया जाएगा।
स्नैपचैट ने सोमवार को भारत में अपने यूजर्स के लिए इन-ऐप मेंटल हेल्थ सपोर्ट की घोषणा की है। यह खासतौर से उन यूजर्स के लिए है जो मानसिक स्वास्थ्य या भावनात्मक संकट का अनुभव कर रहे हैं साथ ही ये ऐसे लोगों के लिए भी फायदेमंद साबित होगा, जो इन मुद्दों के बारे में ज्यादा जानना चाहते हैं ताकि महामारी के दौरान दोस्तों और अपनों की मदद कर सके। कंपनी ने बताया कि इसे मारीवाला हेल्थ इनिशिएटिव और मानस फाउंडेशन के सहयोग से लॉन्च किया गया। इस फीचर का नाम है 'हियर फॉर यू' रखा गया है।
स्नैप इंक के वीपी ऑफ ग्लोबल पब्लिक पॉलिसी, जेनिफर पार्क स्टाउट ने कहा कि हमनें फरवरी में 'हियर फॉर यू' फीचर की प्रारंभिव शुरुआत की थी, क्योंकि हमारा मानना था कि कोरोनावायरस के मद्देनजर, हमारी ग्लोबल कम्युनिटी को सहायता की आवश्यकता है। हम आशा करते हैं कि आज हम जो रिसोर्स लॉन्च करते हैं, वे आगे लोगों की भलाई के लिए हमें आगे और बेहतर कदम उठाने में मदद करेगा।
चिंता, अवसाद, अकेलेपन, आत्महत्या से जुड़ें रिसोर्सेस तैयार किए हैं
मारीवाला हेल्थ इनिशिएटिव और मानस फाउंडेशन ने चिंता, अवसाद, अकेलेपन, आत्महत्या और सामान्य मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ें रिसोर्सेस तैयार किए हैं। मारीवाला हेल्थ इनिशिएटिव के निदेशक राज मारिवाला ने कहा, "हमारे वीडियो तनाव और चिंता से निपटने के तरीके पर चर्चा करते हैं। तनाव से जूझ रहे किसी अपने का कैसे ख्याल रखे इस बारे में बताते हैं और कैसे एक्सरसाइज के जरिए मेंटली स्ट्रांग रहा जा सकता है इस विषय पर बात करते हैं।
एक्सपर्ट्स द्वारा दिया जाएगा हर सवाल का जवाब
स्नैपचैट यूजर्स 'चिंता', 'अवसाद', 'अकेलापन', 'आत्महत्या', 'मानसिक स्वास्थ्य' और 'भलाई' जैसे शब्दों को सर्च करके इन रिसोर्सेस तक पहुंच सकते हैं। इसमें मेंटल हेल्थ से जुड़े मुद्दों का सामना करने का तरीके और अपनों में इनके लक्षणों की कैसे पहचान की जाए, जैसे विषयों को शामिल किया गया है, साथ ही लोगों के सवालों का क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट और मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल्स द्वारा जवाब दिया गया है।
नवीन कुमार, ट्रस्टी, मानस फाउंडेशन ने कहा, "यह लॉन्च ऐसे यूजर्स के लिए यूनिक अपॉर्चुनिटी है जो रोजाना मानसिक स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं से जूझ रहे हैं। हम उन्हें बताना चाहते हैं कि स्नैपचैट और मानस फाउंडेशन उनसे मानसिक स्वास्थ्य पर बात करने के लिए हमेशा उपलब्ध है।
टेक कंपनी गूगल ने हाल ही में घोषणा की कि असिस्टेंट से अबवॉट्सऐप वीडियो और ऑडियो कॉल किए जा सकेंगे।इसका मतलब यह भी है कि कोई भीस्मार्टफोन की होम स्क्रीन से गूगल असिस्टेंट को ट्रिगर करके वॉट्सऐप और उसके कुछ ऑप्शन्स तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।
पहले भी असिस्टेंट द्वारा वॉयस कॉल लगाए जा सकते थे लेकिन इसमें यूजर को सिर्फ नेटवर्क कॉल लगाने की सुविधा मिलती थी। जबकि वीडियो कॉल केवल हैंगआउट या डुओ के माध्यम से ही किए जा सकते हैं।
इसके लिए फोन में होने चाहिए असिस्टेंट की सुविधा
यदि यूजर के एंड्रॉयड डिवाइस में गूगल असिस्टेंट ऐप है, तो आप सीधे 'ओके गूगल' या 'हे गूगल' बोलकर उस एक्टिवेट कर सकेंगे। हालांकि इसे फोन में मिलने वाले डेडिकेटेड बटन या होम बटन को लॉन्ग प्रेस करके भी असिस्टेंट को एक्टिव किया जा सकता है।
यह कमांड करना होगा इस्तेमाल
जब गूगल असिस्टेंट ओपन हो जाए तो 'मेक ए वॉट्सऐप कॉल टू (कॉन्टैक्ट-नेम)' या 'कॉल (कॉन्टैक्ट-नेम) ऑन वॉट्सऐप' दोनों में से किसी एक कमांड को इस्तेमाल करना होगा। वहीं वीडियो कॉल के लिए 'मेक ए वॉट्सऐप वीडियो कॉल टू (कॉन्टैक्ट-नेम)' कहना होगा। इस प्रोसेस को तेजी से करने के लिए यूजर का निक नेम भी जोड़ा जा सकता है, खासतौर से ऐसे यूजर के लिए जिन्हें सबसे ज्यादा बार कॉल करने की जरूरत पड़ती है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन करने या उनको फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करते समय गाड़ी में लगे फास्टैग की डीटेल लेने के निर्देश दिए हैं। मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कहा है कि वाहन पोर्टल के साथ राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (NETC) को पूरी तरह जोड़ दिया गया है और यह 14 मई को API के साथ लाइव हुआ है। वीकल सिस्टम अब व्हीकल आइडेंटिफिकेशन नंबर (वीआईएन/वीआरएन) के जरिए फास्टैग पर सभी जानकारी हासिल कर रहा है।
देनी होगी फास्टैग की डीटेल
मंत्रालय ने नई गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन करते समय और नेशनल परमिट के तहत चलने वाले वाहनों को फिटनेस सर्टिफिके जारी करते समय भी फास्टैग की डीटेल लेने के निर्देश दिए हैं। क्योंकि इससे यह पता लगाया जा सकेगा कि यह वाहन FASTag भुगतान के इलेक्ट्रॉनिक माध्यम का उपयोग करता है या नहीं।
बैंक खाते से नहीं जोड़ रहे थे फास्टैग
एम और एन क्लास की गाड़ियों को बेचते समय वाहनों में फास्टैग लगाना 2017 में अनिवार्य कर दिया गया था। लेकिन बैंक खाते के साथ जोड़ने या उन्हें सक्रिय किए जाने से नागरिक बच रहे थे जिसकी अब जांच की जाएगी।
कोरोना को कंट्रोल करने में मिलेगी मदद
मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि फास्टैग के उपयोग से टोल प्लाजा में कोरोना के प्रसार की संभावनाओं को कम करने में मदद मिलेगी।
क्या है फास्टैग?
यह एक रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टैग है जिसे वाहन के विंडशील्ड पर लगाया जाता है, ताकि गाड़ी जब टोल प्लाजा से गुजरे तो प्लाजा पर मौजूद सेंसर फास्टैग को रीड कर सके। वहां लगे उपकरण ऑटोमैटिक तरीके से टोल टैक्स की वसूली कर लेते हैं। इससे वाहन चालकों के समय की बचत होती है।
वीवो अपनी फ्लैगशिप स्मार्टफोन लाइनअप वीवो X50 सीरीज 16 जुलाई को भारत में लॉन्च करेगी। कंपनी ने वेबसाइट और सोशल मीडिया पर प्रोडक्ट टीज करने के बाद लॉन्चिंग डेट की पुष्टि की है। सीरीज में दो स्मार्टफोन X50 और X50 प्रो लॉन्च किए जाएंगे। यह फ्लिपकार्ट और अमेज़न पर बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे। रिपार्ट्स के मुताबिक, सीरीज का X50 प्रो+ स्मार्टफोन सिर्फ चीन में ही एक्सक्लूसिवली बेचा जाएगा।
शाओमी, रियलमी और वनप्लस को मिलेगी चुनौती
वीवो देश में सबसे तेजी से बढ़ने वाले स्मार्टफोन ब्रांड में से एक है। यह खासतौर से बजट और मिड-रेंज फोन के लिए पॉपुलर है। हालांकि अब वीवो खुद को इस प्राइस सेगमेंट तक सीमित नहीं रखना चाहता। शाओमी, वनप्लस, ओप्पो और रियलमी के फ्लैगशिप डिवाइस के लॉन्च के बाद वीवो भी इस स्पेस में एंट्री करना चाहता है, जहां उपभोक्ता नए विकल्पों की तलाश में हैं। चीन में वीवो X50 सीरीज पिछले महीने चीन में लॉन्च हो चुकी है।
वीवो X50 सीरीज: भारत में संभावित कीमत और फीचर्स
चीन में वीवो X50 की कीमत RMB 3498 (लगभग 37,600 रुपए) से शुरू होती है और उम्मीद की जा रही है कि भारत में इसे 35,000 रुपए से 40,000 रुपए के प्राइस सेगमेंट में लॉन्च किया जाएगा।
स्मार्टफोन 6.56-इंच फुल एचडी + AMOLED डिस्प्ले से लैस है। यह डिस्प्ले 2376x1080 पिक्सल और 90Hz रिफ्रेश रेट के रेजोल्यूशन सपोर्ट करता है।ऐसी संभावना है कि वीवो X50 भारत में क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 765G प्रोसेसर वाला पहला स्मार्टफोन होगा। यह 8GB रैम और 128GB या 256GB के दो स्टोरेज ऑप्शन के साथ उपलब्ध है।
फोटोग्राफी के वीवो X50 में क्वाड रियर कैमरा सेटअप है साथ ही यह 32-मेगापिक्सल पंच-होल सेल्फी कैमरा से लैस है।बैक पैनल पर f/1.6 अपर्चर और OIS के साथ 48-मेगापिक्सल का मेन कैमरा है। इसके अलावा 13-मेगापिक्सल के टेलीफोटो लेंस, जो 2x ऑप्टिकल जूम सपोर्ट करता है। तीसरा 8-मेगापिक्सल का अल्ट्रा वाइड लेंस है जबकि चौथा 5-मेगापिक्सल का मैक्रो सेंसर है।
फोन में 33W फास्ट चार्जिंग के साथ इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट सेंसर, 4200mAh की बैटरी शामिल है। चीन में ब्लैक, ब्लू और पिंक कलर ऑप्शन में उपलब्ध यह स्मार्टफोन एंड्रॉयड 10 पर बेस्ड फनटच ओएस 10 पर चलता है।
वीवो X50 प्रो वैरिएंट: स्पेसिफिकेशन और फीचर
वीवो X50 प्रो प्रीमियम वर्जन है, जिसमें 6.56-इंच AMOLED डिस्प्ले मिलेगा लेकिन इसके दोनों तरफ घुमावदार किनारे हैं। यह भी स्नैपड्रैगन 765G चिपसेट से लैस है जो 8 जीबी रैम और 128 जीबी या 256 जीबी स्टोरेज के साथ आएगा। इसकी कीमत RMB 4298 (लगभग 46,200 रुपए) से शुरू होता है और भारत में इसकी कीमत 45,000 रुपए से 50,000 रुपए के बीच होने की उम्मीद है। इसमें एक बड़ी 4315mAh की बैटरी है, लेकिन यह भी 33W फास्ट चार्जर का ही उपयोग करता है। प्रो वैरिएंट कैमरा सेटअप के मामले में स्टैंडर्ड वैरिएंट से अलग है।
इसमें 48-मेगापिक्सल के मेन कैमरे है, लेकिन कंपनी का दावा है कि इसमें गिम्बल OIS सपोर्ट मिलेगा। इसमें 8-मेगापिक्सेल पेरिस्कोप लेंस भी है, जो OIS के लिए 5x ऑप्टिकल ज़ूम सपोर्ट करता है। इसके अलावा इसमें 8-मेगापिक्सल के अल्ट्रा-वाइड-एंगल लेंस के साथ 13-मेगापिक्सल का पोर्ट्रेट सेंसर भी है। सेल्फी और वीडियो कॉलिंग के लिए वीवो X50 में 32-मेगापिक्सेल सेंसर है। वीवो X50 प्रो में इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट सेंसर भी है और यह एंड्रॉयड 10 पर बेस्ड फनटच ओएस 10 चलाता है।