Thursday, October 1, 2020

ऑटोमोबाइल एसोसिएशन के प्रेसिडेंट बोले- डीलर्स और ग्राहकों के फायदे के लिए लाएंगे फ्रेंचाइजी एक्ट, फेस्टिवल सेल्स उम्मीद के मुताबिक नहीं हुई तब नौकरियों पर खतरा October 01, 2020 at 01:52AM

कोविड-19 महामारी के बुरे दौर से गुजरने के बाद अब ऑटो इंडस्ट्री की हालात में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। पिछले 2 महीनों में ऑटो सेल्स का ग्राफ तेजी से ऊपर आया है। हालांकि, इस साल इतिहास में पहली बार ऐसा मौका भी आया जब अप्रैल में एक कार भी नहीं बिकी। लॉकडाउन और गाड़ियों की घटती डिमांड के बीच कई डीलर्स ने नुकसान की वजह से शोरूम भी बंद कर दिए। अब आने वाले दिनों ऑटो इंडस्ट्री में क्या सुधार होंगे? इसके लिए हमने फाडा (फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया) के नए प्रेसिडेंट विंकेश गुलाटी से बातचीत की।

सवाल: पिछले 2 महीने में ऑटो सेल्स में इजाफा हुआ है, गाड़ियों की डिमांड लगातार बढ़ रही है, इससे ऑटो इंडस्ट्री किस हद तक उबरने में कामयाब रही है?

जवाब: पिछले दो महीने सेल्स के हिसाब से काफी उत्साहपूर्ण रहे हैं। फेस्टिवल सीजन की शुरुआत और सरकार द्वारा बाजार को खुला रखने के अथक प्रयासों से ग्राहकों में काफी उत्साह देखने को मिला है। वे कस्टमर, जो वाहन खरीदने के लिए फेस्टिवल सीजन का इंतजार कर रहे थे, उन्होंने खरीददारी शुरू कर दी है। अक्टूबर, नवंबर में दीपावली व दशहरा के चलते हम बेहतर सेल की उम्मीद कर रहे हैं। कोरोना काल में सोशल डिस्टेंसिंग के कारण लोगों के बीच छोटी गाड़ियों और टू-व्हीलर्स की मांग बढ़ी है। अच्छे मॉनसून और बढ़िया फसल से ग्रामीण क्षेत्रों में भी छोटे वाहन और ट्रैक्टर्स की बिक्री में इजाफा हुआ है। सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में जिस तरह का निवेश किया जा रहा है, उससे वाहनों की बिक्री और बढ़ने की उम्मीद है। अगस्त माह से शहरी बाजार में भी तेजी देखी जा रही है।

कह सकते हैं कि अब इंडस्ट्री कोविड-19 के प्रकोप से उभरने की दिशा में अग्रसर है। इस फेस्टिवल सीजन में यदि ग्राहकों की वाहन खरीददारी में रुचि बनी रहती है, तो इसका ऑटो मोबाइल इंडस्ट्री पर सकारात्मक असर देखने को मिलेगा। हम अभी भी प्री-कोविड सेल्स से काफी दूर हैं। वह तभी संभव हो पाएगी, जब बैंक व एनबीएफसी ग्राहकों को ऋण देने की प्रक्रिया को पहले की तरह आसान बना देंगे।

सवाल: जिन डीलर्स की सेल्स अभी भी डाउन है, उनको फाडा की तरफ से क्या मदद मिलती है या उनके लिए फाडा की प्लानिंग क्या होती है?

जवाब: यह बहुत ही अभूतपूर्ण समय है। ऐसे समय के लिए कोई भी तैयार नहीं था. हम सबके लिए यह एक कठिन समय है और सब लोग अपनी तरह से इससे उभरने के हर संभव प्रयास कर रहे हैं। ऑटी डीलरशिप एक ऐसा व्यवसाय है, जिस पर कोविड-19 का सबसे गहरा असर पड़ा है। ऑटो डीलरशिप बहुत-ही संकुचित मुनाफे पर काम करनेवाला व्यवसाय है और हमारे पास गाड़ी और कंपोनेंट निर्माताओं के जैसे बड़े फंड नहीं होते हैं, जिससे हमारे लिए इस मुश्किल समय से उभरना ज्यादा कठिन हो रहा है। इंडस्ट्री पहले ही 15-16 महीने के स्लोडाउन से जूझ रही थी और लॉकडाउन ने पूरी इंडस्ट्री की कमर तोड़ दी। फाडा एक संगठन के तौर पर अपने डीलर मेंबर्स को हर मुमकिन सहायता देने के लिए तैयार है।

लॉकडाउन के समय फाडा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डीलरों की समस्या से अवगत कराने के लिए एक पत्र लिखा था, जिसमें डीलरशिप सर्वाइवल और डिमांड रिवाइवल की सलाह दी गयी थी। इसके अलावा वाहन निर्माता कंपनी के संगठन को एक पत्र लिख कर डीलरों की स्थिति से अवगत कराया और डीलर मार्जिन को बढ़ाने की मांग की। फाडा ने बीएस4 वाहन की बिक्री के प्रतिबंध से बचे हुए स्टॉक्स से होनेवाले नुकसान से डीलरों को बचाने का काम किया। फाडा ने सुप्रीम कोर्ट में वाहनों की बिक्री की तारीख को बढ़ाने की अर्जी लगाई। साथ ही साथ डीलरों के भविष्य को सुरक्षित करते हुए कार निर्माता कंपनियों से डीलर मार्जिन को 5% पीबीटी तक बढ़ाने एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर कॉस्ट को 25% घटाने की मांग की। फाडा ने अपने डीलर बंधुओं के लिए ऑनलाइन ट्रेनिंग आयोजित की, जिसमें उन्हें सीमित संसाधनों के साथ ज्यादा-से-ज्यादा काम करने के लिए तैयार करने का प्रशिक्षण दिया गया।

सवाल. कोविड की वजह से कई डीलर्स को नुकसान हुआ है, यहां तक कई शोरूम बंद हो गए। ऐसे में बंद हो चुके शोरूम को फिर से ओपन कराने या फिर आने वाले दिनों में डीलर्स को राहत मिले, इसके लिए फाडा क्या कदम उठाएगा?

जवाब: जैसा कि आपको मैंने पहले ही बताया, कुछ डीलर नहीं, बल्कि सभी डीलरों को काफी नुकसान हुआ है और उन्हें इस मुश्किल दौर से उभरने में काफी कठिनाई हुई है। ऐसा पहली बार हुआ है, जब इंडस्ट्री ने शून्य सेल्स दर्ज की है। छोटे मुनाफे पर काम कर रहे डीलरों को इस कठिन समय में बिना किसी कमाई के व्यापारिक खर्च जैसे - शोरूम का किराया, कर्मचारियों का वेतन, बैंक का ब्याज आदि का वहन करना पड़ा है। जहां तक डीलरशिप बंद होने का सवाल है, अभी तक ऐसा नहीं देखा गया कि डीलरशिप को बंद होना पड़ा हो. हां, कुछ आउटलेट जरूर बंद किये गये हैं, जो डीलर और कार निर्माता कंपनी की आपसी सहमति से बंद किये गए हैं और डीलरों ने पूरी कोशिश की है, कि बंद हुए आउटलेट में कार्यरत कर्मचारियों को दूसरे शोरूम में शिफ्ट कर दें।

फाडा ने जुलाई, अगस्त महीने में 'डीलर सपोर्ट सेटिस्फेक्शन सर्वे' कराया, जिसमें यह तथ्य सामने आया कि 46% डीलरों को भविष्य में व्यवसाय के विकास और लॉकडाउन के बाद व्यवसाय को फिर से शुरू करने के लिए कार निर्माता कंपनी से सहयोग चाहिए। इसके अलावा एक और बात, जो सभी डीलरों की ओर से सामने आई, वो है डीलर प्रॉफिटेबिलिटी में सुधार। हम चाहते हैं कि सभी कार निर्माता सर्वेक्षण में सामने आये तथ्यों पर गंभीरता से विचार करें, ताकी डीलर्स इस मुश्किल परिस्थिति से उभर सके।

सवाल: क्या डीलर्स अपने ग्राहकों को राहत देने या नई कार खरीदने में किसी तरह की मदद कर रहे हैं? क्या ग्राहकों को देखते हुए भी फाडा की कोई प्लानिंग है?

जवाब: ग्राहकों को उचित से उचित सुविधा देने के लिए डीलर्स हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं, जिनमें सोशल डिस्टेंसिंग, गाड़ियों का सैनिटाइजेशन, शोरूम का सैनिटाइजेशन आदि का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। यहां तक कि डीलरों की ओर से गाड़ियों की ऑनलाइन बुकिंग एवं डोर स्टेप टेस्ट ड्राइव की सुविधा दी जा रही है।

हमारा डीलर मार्केट 3 से 4 प्रतिशत का है। जैसे एक 4 लाख की मारुति कार में 4% 16 हजार रुपए आता है। ऐसे में यदि किसी कस्टमर को 16 हजार में से 10 हजार रुपए का ऑफर भी कर दिया जाए, तो क्या जिस ग्राहक को कार नहीं खरीदनी है वो खरीदेगा। हांलाकि, डीलर का सपोर्ट सिस्टम काफी अच्छा होता है। जैसे कोई ग्राहक गाड़ी को खरीदने में कन्फ्यूज है तब उसको कई अलग तरह की फाइनेंस स्कीम बताकर सपोर्ट कर सकते हैं। थोड़ा बहुत डिस्काउंट तो करते ही हैं। हर डीलर चाहता है कि कोविड से पहले उसका मार्केट जैसा था वो उस स्थिति में दोबारा पहुंच जाए। ऐसे में हर डीलर यही चाहता है कि उसके पास जो भी ग्राहक आ रहा है वो कार लेकर ही जाए। फेस्टिवल सीजन में ग्राहकों को कुछ और भी डिस्काउंट मिल जाएंगे।

सवाल: कोरोना की वजह से पिछले कुछ महीनों में ऑटो इंडस्ट्री से जुड़े जॉब पर भी खतरा रहा है। कौन-से ऑटो सेक्टर में लोगों ने ज्यादा नौकरियां गंवाई हैं। ऑटो सेक्टर में जॉब के लिए क्या प्लानिंग है?

जवाब: कोरोना ने ऑटो सेक्टर ही नहीं, बल्कि सभी सेक्टरों की नौकरियों को प्रभावित किया है। जहां तक डीलरशिप बिजनेस का सवाल है, हमारे पास अभी तक ऐसी कोई खबर नहीं आई है। हर डीलर के लिए उसका मैनपावर महत्वपूर्ण होता है। हर डीलर अपने मैनपावर की ग्रूमिंग और ट्रेनिंग पर काफी समय इन्वेस्ट करता है। ऐसे में किसी को भी निकालना उसके लिए कठिन होता है। फेस्टिवल सीजन ऐसा समय होता है, जिसमें हर डीलर मैक्सिमम बिजनेस करना चाहता है, जो इन प्रशिक्षित कर्मचारियों द्वारा ही संभव है।

हमारी इस फेस्टिवल सीजन से बहुत अपेक्षाएं हैं। हम जिस तरह की फेस्टिवल सेल्स की उम्मीद कर रहे हैं, यदि वैसी सेल्स नहीं हुई, तो डीलरों के पास कोई और विकल्प नहीं रह जाएगा और नौकरियों का नुकसान होगा। एक गाड़ी के बिकने से कई तरह के रोजगार को बढ़ावा मिलता है, जिनमें मैन्युफैक्चरिंग, सेल्स, फाइनेंस, सर्विसिंग, स्पेयर पार्ट्स, ड्राइवर आदि शामिल हैं।

सवाल: इस साल कई चीनी कंपनियां भारत में डेब्यू करने वाली थीं, लेकिन कोविड की वजह से इसमें देरी हो गई? अब जब देश में चीन का विरोध हो रहा है तो क्या ये कंपनियां भारत में आएंगी?

जवाब: देश में ओपन इकॉनमी है। किसी भी चीज को बंद नहीं किया जा सकता। कोविड की वजह से थोड़ा डिले हो सकता है। मुझे लगता है की चीनी कंपनियां देश में आएंगी इसमें एक साल का वक्त लग सकता है। GWM ने तो GM की मशीन खरीदने की बात भी फाइनल कर ली थी, उन्होंने डीलर्स से भी बात कर ली थी। ऐसे में उनके सामने भी बड़ा चैलेंज इस बात का है कि जितना हाइक MG जैसी कंपनियों को मिला है उतना इन्हें नहीं मिलेगा।

अभी चीनी कंपनियों को लेकर सोशल मीडिया पर निगेटिविटी फैल रही है। ऐसे में अभी चीनी कंपनियां अपनी लॉन्चिंग या भारत में एंट्री को डिले कर रही हैं। अभी कोई चीनी कंपनी आती है तब डीलर्स भी उनके लिए अप्लाई करने में सोचेंगे।

सवाल: देश में अब इलेक्ट्रिक गाड़ियां बनाने वाली कंपनियां बढ़ रही हैं और इनकी डिमांड भी बढ़ रही है। तो क्या देश इसके लिए तैयार है? हालांकि, देश में इसका इन्फ्रास्ट्रक्चर अभी तैयार नहीं है।

जवाब: इसे लेकर हमारी सरकार और मैन्युफैक्चरर्स दोनों से चर्चा चल रही है। जितने भी अपने मेट्रो और बड़े टाउन के डीलर्स हैं वहां पर टाटा और महिंद्रा जैसी कंपनियों ने अपने चार्जिंग स्टेशन बना दिए हैं। हम लोग इस बात पर पुश कर रहे हैं जिन लोकेशन पर बड़े पेट्रोल पंप हैं वहां पर भी सरकार चार्जिंग स्टेशन बना दे। ऐसे में मिनिमम 6 महीने से सालभर में इंफ्रास्ट्रक्चर बेस लेवल पर पहुंच जाएगा।

आज की तारीख में कोई भी प्राइवेट कार अधिकतम 100 किलोमीटर का सफर तय करती है। क्योंकि ज्यादातर लोग कार से ऑफिस ही जाते हैं। ऐसे में कोई भी इलेक्ट्रिक कार खरीदता है तो वो घर में चार्जिंग स्टेशन बनाता है। गाड़ी का चार्जिंग स्टेशन से ज्यादा समस्या गाड़ी की कीमत, रेंज और उसकी डीलरशिप की है।

जैसे, आज आप दिल्ली में टाटा नेक्सन इलेक्ट्रिक खरीद सकते हैं, लेकिन कानपुर में खरीदना चाहें तो क्या वहां पर डीलरशिप है। इस बारे में सोचना पड़ेगा। इसके साथ यूपी में इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर सब्सिडी मिल रही है, इस बारे में भी सोचना पड़ेगा। दिल्ली सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए पॉलिसी अच्छी बनाई है, लेकिन सभी हर स्टेट की सरकार ने ऐसी पॉलिसी नहीं बनाई हैं।

जब तक इलेक्ट्रिक गाड़ियों कंपनी के सभी डीलर्स के पास नहीं मिलेंगी, तब तक उसकी सेल में इजाफा नहीं हो पाएगा। क्योंकि कोई ग्राहक पटना का रहने वाला है और दिल्ली से इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदता है तब वो हर बार उसकी सर्विसिंग या किसी दूसरे काम के लिए दिल्ली नहीं आएगा। ऐसे में इस काम के लिए 1 साल लग जाएगा।

सवाल: ऑटो इंडस्ट्री की ग्रोथ को लेकर आने वाले महीनों में क्या कदम उठाएंगे?

जवाब: ऑटो इंडस्ट्री की ग्रोथ के लिए सरकार को उचित कदम उठाने होंगे। ऑटो मोबाइल इकोसिस्टम के साथ मिलकर काम करना होगा। अर्थव्यवस्था और ऑटो मोबाइल इंडस्ट्री की तरफ उपभोक्ता के विश्वास को वापस लाने की दिशा में काम करना होगा। ऑटो मोबाइल के सभी स्तंभों को मजबूत बनाना होगा, जिसमें डीलर कम्युनिटी एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। सरकार को उपभोक्ताओं के लिए आकर्षक प्रोत्साहन आधारित पैकेज लाने होंगे, जिनमें दो पहिया वाहनों पर जीएसटी दर को 28 से 18% तक कम करना, अगले छह महीनों तक रोड टैक्स पर 50% फीसदी तक की छूट देना, आर्कषक स्क्रैपेज पॉलिसी लाना आदि शामिल हैं।

सवाल: अपने कार्यकाल में आप ऑटो और डीलर इंडस्ट्री के नया क्या करेंगे?

जवाब: फाडा प्रेसिडेंट के रूप में कार्यभार संभालने के साथ ही मैंने एक प्राथमिकता सूची तैयार की है, जिस पर मैं आगे काम करना चाहूंगा। आनेवाला समय बेहद चुनौतीपूर्ण होगा। हमें डीलरशिप बिजनेस, जो लगभग चार लाख से ज्यादा लोगों को बिना उनके आधार स्थान को बदले प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मुहैया कराता है। हम रोजगार को बढ़ावा देने का हर संभव प्रयास करते रहेंगे।

ऑटो मोबाइल डीलर इंडस्ट्री इन विपरीत परिस्थितियों से उभरने की कोशिश कर रही है। इसके आगे हम चाहते हैं कि हम डीलरशिप बिजनेस को भविष्य में ऐसी परिस्थिति के लिए पहले से तैयार रखें, जिसके लिए डीलरशिप बिजनेस को प्रोफिटेबल बनाना बहुत जरूरी है। इसके लिए हमने कुछ सुझाव दिए हैं -

  • फ्रेंचाइजी एक्ट की शुरुआत: फाडा दूसरी रिटेल एसोसिएशंस के साथ फ्रेंचाइजी लॉ को भारत में लाने के लिए काम करेगा, जिससे की सभी क्षेत्रों में डीलर/रिटेल फर्टिनिटी को एक्जिट या टर्मिनेशन की परिस्थिति में मदद मिलेगी। कई विदेशी कंपनियां चोरों की तरह चुपके से देश छोड़ जाती हैं। इस एक्ट जैसे ही लागू हो जाएगा तब कोई भी कंपनी आसानी से देश छोड़कर नहीं जा पाएगी। इससे 50 लाख रिटेलर्स को फायदा मिलेगा। इसे ऐसे समझ सकते हैं कि जब भी कोई बाहर की कंपनी देश छोड़कर जाती है तब उसे महीनेभर पहले अपनी डीलर्स को नोटिस देना होगा। साथ ही डीलर्स और कस्टमर के प्रति उनकी जो ड्यूटी है उसे पूरा करना होगा। जैसे मान लीजिए मैंने किसी विदेशी कंपनी से गाड़ी खरीदी जिस पर उसने 2 साल की वारंटी दी है। हालांकि, सरकार का कहना है कि गाड़ी की 15 साल तक रोड़ वर्किंग होना चाहिए। ऐसे में वो कंपनी एक साल देश छोड़कर चला जाए तब ग्राहक ने जो कार खरीदी है वो उसके मेंटेनेंस के लिए किसके पास जाएगा? ऐसे में उस कंपनी को मैन्युफैक्चर बंद करने के बाद भी मेंटेनेंस का ध्यान रखना होगा। ऐसे में ड्यूटी फ्रेंचाइजी एक्ट उसे डिफाइन करेगा।
  • डीलर मार्जिन में सुधार: डीलर मार्जिन एक महत्वपूर्ण कदम होगा, जिसके लिए हम अलग-अलग मैन्युफैक्चरर्स और उनके एसोसिएशन से बात कर रहे हैं। एक भारतीय डीलर औसतन 0.50% से 0.75% नेट प्रॉफिट ऑफ टोटल टर्नओवर पर काम करता है, जो वैश्विक मानक (7% ऑफ द सेलिंग प्राइस ऑफ द व्हीकल) से बहुत कम है।
  • ऑटो डीलरशिप व्यवसाय को एमएसएमई के तहत रजिस्ट्रेशन: एमएसएमई के तहत रजिस्ट्रेशन से ऑटो डीलर समुह को एमएसएमई एक्ट के अंतर्गत मिलने वाली सुविधाओं से काफी सहयोग मिलेगा।
  • एक्सक्लूजिव टू-व्हीलर वर्टिकल इन फाडा: दो पहिया वाहन, वाहन बिक्री का लगभग 75% हिस्सा है, उसके लिए फाडा में एक अलग वर्टिकल होगा, जो विशेष रूप से टू-व्हीलर डीलरशिप की बारीकियों जैसे कि सब-डीलर और ब्रोकर, पर काम करेगा।


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Auto Sector Crisis: Vinkesh Gulati Interview With Dainik Bhaskar | Federation of Automobile Dealers Associations (FADA) President Vinkesh Gulati Speaks On Auto Sector Crisis

पावर ही नहीं डायमेंशन और फीचर्स के मामले में क्लासिक 350 से कहीं आगे हैं नई होंडा हाईनेस सीबी 350, देखें आपके लिए दोनों में से कौन बेहतर October 01, 2020 at 01:06AM

लंबे इंतजार के बाद फाइनली होंडा मोटरसाइकिल ने 30 सितंबर को भारत में अपनी पहली क्रूजर मोटरसाइकिल हाईनेस (H’ness) CB 350 लॉन्च की। इसी के साथ कंपनी ने 300-350 सीसी कैटेगरी में एंट्री भी की। भारत में इसका सीधा मुकाबला रॉयल एनफील्ड 350 से देखने को मिलेगा, वैसे को क्लासिक 350 सीसी किसी पहचान की मोहताज नहीं, भारत में काफी भी पॉपुलर है लेकिन होंडा की नई क्रूजर अपनी बेहतरीन इक्विपमेंट लिस्ट और फर्स्ट-इन-सेगमेंट फीचर्स से भविष्य में एनफील्ड की मुश्किलें बढ़ा सकती है। पढ़िए इसका डिटेल कम्पेरिजन और खुद तय कीजिए आपके लिए कौन सी बेहतर है...

1. डायमेंशन में कौन आगे?

  • डायमेंशन की बात करें तो, हाल ही में लॉन्च हुई नई होंडा हाईनेस सीबी 350 की लंबाई 2163 मिमी, चौड़ाई 800 मिमी, ऊंचाई 1107 मिमी, व्हीलबेस 1441 मिमी और ग्राउंड क्लीयरेंस 166 मिमी है। इसके विपरीत रॉयल एनफील्ड क्लासिक 350 की लंबाई 2180 मिमी, चौड़ाई 790 मिमी, ऊंचाई 1090 मिमी, व्हीलबेस 1390 मिमी और ग्राउंड क्लीयरेंस 135 मिमी है।
  • इसका मतलब है कि हाईनेस 10 मिमी चौड़ी, 17 मिमी लंबी है और क्लासिक 350 की तुलना में इसमें 51 मिमी लंबा व्हीलबेस है। सिर्फ लंबाई-चौड़ाई नहीं क्लासिक 350 की तुलना में हाईनेस में 31 मिमी एडिशनल ग्राउंड क्लीयरेंस है।
मोटरसाइकिल होंडा हाईनेस सीबी 350 क्लासिक 350
लंबाई 2163 मिमी 2180 मिमी
चौड़ाई 800 मिमी 790 मिमी
ऊंचाई 1107 मिमी 1090 मिमी
व्हीलबेस 1441 मिमी 1390 मिमी
ग्राउंड क्लीयरेंस 166 मिमी 135 मिमी

2. कौन ज्यादा पावरफुल?

  • हाईनेस सीबी 350 में एक नया 348.36 सीसी सिंगल-सिलेंडर एयर-कूल्ड लॉन्ग-स्ट्रोक इंजन है जो 5500 आरपीएम पर 20 एचपी का पावर और 3000 आरपीएम पर 30 एनएम का पीक टॉर्क जनरेट करता है। कंपनी का दावा है कि यह अपनी क्लास की सबसे ज्यादा टॉर्क पैदा करने वाली मोटरसाइकिल है। इसके इंजन को 5-स्पीड गियरबॉक्स के साथ जोड़ा गया है।
  • क्लासिक 350 में 346 सीसी का सिंगल-सिलेंडर एयर-कूल्ड इंजन है, जो 19 एचपी का पावर और 28 एनएम का पीक टॉर्क जनरेट करता है। इसे भी 5-स्पीड गियरबॉक्स के साथ जोड़ा गया है। यह वही इंजन है जो रॉयल एनफील्ड बुलेट 350 में भी मिलता है।
मोटरसाइकिल होंडा हाइनेस सीबी 350 क्लासिक 350
इंजन 348.36 सीसी, सिंगल-सिलेंडर, एयर-कूल्ड, फ्यूल इंजेक्टेड 346 सीसी, सिंगल-सिलेंडर, एयर-कूल्ड, फ्यूल इंजेक्टेड
पावर 20HP 19HP
टॉर्क 30Nm 28Nm
ट्रांसमिशन 5-स्पीड 5-स्पीड

3. कौनसे प्लेटफार्म पर बेस्ड हैं बाइक्स?

  • हाईनेस सीबी 350 को एक स्प्लिट हाफ डुप्लेक्स फ्रेम पर बनाया गया है, जिसे फ्रंट में एक टेलिस्कोपिक फोर्क सस्पेंशन के साथ जोड़ा गया है, साथ ही रियर में ट्विन शॉक एब्जॉर्बर भी दिया गया है। रॉयल एनफील्ड क्लासिक 350 में एक सिंगल डाउनस्क्रीन फ्रेम मिलता है, और सस्पेंशन सेटअप में आगे की तरफ एक टेलिस्कोपिक फोर्क दिया गया है, साथ ही पीछे की तरफ ट्विन प्रीलोड एडजस्टेबल गैस-चार्ज शॉक एब्जॉर्बर मिलता है।
  • दोनों ही बाइक्स में डुअल-चैनल एबीएस के साथ डुअल डिस्क ब्रेक दिए गए हैं, हालांकि, रॉयल एनफील्ड क्लासिक 350 का अधिक किफायती सिंगल-डिस्क वैरिएंट भी उपलब्ध है।

4. इक्विपमेंट लिस्ट किसकी बेहतर?

  • हाईनेस सीबी 350 में एक एलईडी हेडलैम्प, अलॉय व्हील्स और सेमी-डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर के साथ छोटा डिजिटल डिस्प्ले दिया गया है, जो दो ट्रिप मीटर, एक ओडोमीटर, फ्यूल गेज, एक घड़ी और एक गियर पोजिशन इंडिकेटर की तरह प्रदर्शित होता है। इसके अलावा, यदि आप टॉप DLX प्रो वैरिएंट के लिए जाते हैं, तो आपको सेगमेंट-फर्स्ट ब्लूटूथ कनेक्टिविटी मिलती है जो टेलीफोनी, नेविगेशन के साथ-साथ म्यूजिक कंट्रोल को भी सक्षम बनाती है।
  • रॉयल एनफील्ड क्लासिक 350 में केवल एक बेसिक एनालॉग इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर और साथ ही हैलोजन हेडलैंप मिलता है। हालाकि, क्लासिक 350 का स्टेल्थ ब्लैक वैरिएंट भी पेश करती है जिसमें ब्लैक अलॉय व्हील्स और ट्यूबलेस टायर्स मिलते हैं।

5. किसकी कितनी कीमत?

  • होंडा हाईनेस सीबी 350 को दो वैरिएंट, DLX और DLX प्रो में बेची जाएगी, हालाकि अभी इन दोनों वैरिएंट की सही कीमतों का ऐलान करना बाकी है। फिलहाल, कंपनी ने यह बताया है कि इनकी कीमत 1.90 लाख रुपए (एक्स-शोरूम) के आसपास है।
  • दूसरी तरफ, रॉयल एनफील्ड क्लासिक 350 की शुरुआती कीमत 1.61 लाख रुपए है, जो टॉप-एंड डुअल-चैनल एबीएस वैरिएंट (दोनों कीमतें, एक्स-शोरूम दिल्ली) के लिए 1.86 लाख रुपए तक जाती है।

6. कौन बेहतर?

  • नई होंडा हाईनेस सीबी 350 निश्चित रूप से एक आकर्षक मोटरसाइकिल है जो अपनी प्रीमियम इक्विपमेंट लिस्ट के साथ ही अधिक टॉर्क जनरेट करने वाले इंजन से लैस है। इसके अलावा इसमें अतिरिक्त ग्राउंड क्लीयरेंस है, यानी खराब रास्तों पर भी इसमें बेहतर राइड एक्सपीरियंस मिलेगा।
  • दूसरी ओर, रॉयल एनफील्ड राइडिंग कम्युनिटी बहुत सारे खरीदारों को आकर्षित करती है और क्लासिक 350 ने पहले ही काफी पॉपुलर है। इसलिए, इसे किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है।


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हाईनेस सीबी 350 में 348.36 सीसी इंजन है, जो 20 एचपी का पावर और 30 एनएम का पीक टॉर्क जनरेट करता है। होंडा का दावा है कि यह अपनी क्लास की सबसे ज्यादा टॉर्क पैदा करने वाली मोटरसाइकिल है।

मारुति के लिए फिर आई गुड न्यूज, बीते महीने हर दिन औसतन 5348 कार बेची; टोयोटा और एमजी के सेल्स में आई इतनी गिरावट October 01, 2020 at 12:01AM

कोविड-19 के बीच ऑटो सेल्स की रफ्तार अब तेजी से बढ़ रही है। नेशनल लॉकडाउन के बाद अब हर महीने ऑटो सेल्स के आंकड़े बेहतर हो रहे हैं। हालांकि, कुछ कंपनियों के सेल्स अभी भी डाउन है। बीते महीने यानी सितंबर में मारुति सुजुकी के सेल्स आंकड़ों में 30 फीसदी से ज्यादा की बढ़त देखन को मिली। हालांकि, टोयोटा और एमजी जैसी कंपनियों की सेल्स इस दौरान डाउन रही। कोविड-19 पीरियड के दौरान साल में पहली बार अगस्त 2020 में पैसेंजर व्हीकल सेल्स (PV) में बढ़ोतरी हुई थी। आइए सभी कंपनियों के सितंबर के सेल्स आंकड़ों पर एक नजर डालते हैं।

मारुति सुजुकी: 1,60,442 यूनिट, 30.8% ग्रोथ
मारुति सुजुकी ने साल-दर-साल के आधार पर सितंबर में 30.8% की ग्रोथ दर्ज की है। कंपनी सितंबर महीने में 1,60,442 यूनिट सेल की। बीते साल इसी महीने में उसने 1,22,640 यूनिट बेची थी। यानी कंपनी ने 37,802 यूनिट ज्यादा बेची। इस आकंड़ों को यूं भी समझा जा सकता है कि मारुति ने सितंबर में हर दिन औसतन 5348 यूनिट बेची।

  • पिछले महीने घरेलू बिक्री 32.2 प्रतिशत बढ़कर 1,52,608 यूनिट हो गई, जबकि सितंबर 2019 में 1,15,452 यूनिट थी। ऑल्टो और एस-प्रेसो जैसी मिनी कारों की बिक्री पिछले साल के इसी महीने में 20,085 यूनिट की तुलना 35.7 प्रतिशत बढ़कर 27,246 यूनिट रही।
  • कॉम्पैक्ट कार सेगमेंट की बिक्री, जिसमें स्विफ्ट, सेलेरियो, इग्निस, बलेनो और डिजायर जैसे मॉडल शामिल हैं, पिछले साल सितंबर में 57,179 कारों की तुलना में 47.3 प्रतिशत बढ़कर 84,213 यूनिट हो गई।
  • मिड-साइज सेडान सियाज की बिक्री पिछले साल सितंबर में 1,715 यूनिट की तुलना में 10.6 प्रतिशत घटकर 1,534 यूनिट हो गई। विटारा ब्रेजा, एस-क्रॉस और अर्टिगा सहित यूटिलिटी वाहनों की बिक्री 10.1 प्रतिशत बढ़कर 23,699 यूनिट हो गई, जो पिछले साल सितंबर में 21,526 थी।
  • कंपनी ने कहा कि सितंबर में निर्यात 9 प्रतिशत बढ़कर 7,834 यूनिट हो गया, जो पिछले साल इसी महीने में 7,188 यूनिट था। दूसरी तिमाही में 3,93,130 यूनिट की कुल बिक्री के साथ कंपनी ने पिछले वर्ष की इसी अवधि में 16.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।

एमजी मोटर: 2,537 यूनिट, 2.72% गिरावट
एमजी मोटर ने साल-दर-साल के आधार पर सितंबर में 2.72% की गिरावट दर्ज की है। कंपनी सितंबर महीने में 2,537 यूनिट सेल की। बीते साल इसी महीने में उसने 2,608 यूनिट बेची थी। यानी कंपनी ने 71 यूनिट कम बेची।

एमजी मोटर इंडिया के डायरेक्टर सेल्स राकेश सिडाना ने एक बयान में कहा, "जहां एमजी हेक्टर और जेडएस ईवी के लिए बुकिंग लगातार बढ़ रही है, वहीं सितंबर में श्राद्ध के कारण रिटेल सेलिंग बुरी तरह प्रभावित हुई है।" उन्होंने कहा कि आगामी त्योहारी सीजन में हमें बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।

टोयोटा: 8,116 यूनिट, 20.45% गिरावट
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने साल-दर-साल के आधार पर सितंबर में 20.45% की गिरावट दर्ज की है। कंपनी सितंबर महीने में 8,116 यूनिट सेल की। बीते साल इसी महीने में उसने 10,203 यूनिट बेची थी। यानी कंपनी ने 2,087 यूनिट कम बेची। हालांकि, अगस्त की तुलना में इसका होलसेल 46 फीसदी तक बढ़ गया। अगस्त में कंपनी ने 5,555 यूनिट्स बेची थीं।

कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट (सेल्स एंड सर्विस) नवीन सोनी ने कहा, "हम पिछले कुछ महीनों की तुलना में मांग में वृद्धि और हमारे डीलरों में बहुत अधिक विश्वास देख रहे हैं, जिससे पिछले कुछ महीनों की तुलना में 14 से 18 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। सितंबर अब तक का हमारा सबसे अच्छा महीना रहा है।"

बजाज ऑटो: 4,41,306 यूनिट, 10% ग्रोथ
बजाज ऑटो ने साल-दर-साल के आधार पर सितंबर में 10% की ग्रोथ दर्ज की है। कंपनी सितंबर महीने में 4,41,306 यूनिट सेल की। बीते साल इसी महीने में उसने 4,02,035 यूनिट बेची थी। यानी कंपनी ने 39,271 यूनिट ज्यादा बेची।

पिछले महीने घरेलू बिक्री 6 प्रतिशत बढ़कर 2,28,731 यूनिट हो गई, जबकि सितंबर 2019 में 2,15,501 यूनिट थी। कंपनी ने कहा कि सितंबर में निर्यात 14 प्रतिशत बढ़कर 2,12,575 यूनिट हो गया, जो पिछले साल इसी महीने में 1,86,534 यूनिट था।

अगस्त में 20% की बढ़ोतरी रही


ऑटो कंपनियों ने अगस्त 2020 में 2,34,376 यूनिट्स की बिक्री की, पिछले साल इसी अवधि में 1,95,800 यूनिट्स की बिक्री हुई थी। यानी इसमें 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। अगस्त से पैसेंजर व्हीकल की डिमांड में तेजी देखने को मिली है। इससे इस बात का भी पता चल रहा है कि महामारी का प्रभाव बाजार से कम हो रहा है।

नोट: ऑटो कंपनियों द्वारा सेल्स डेटा रिलीज होने के बाद इस खबर को अपडेट किया जाएगा।



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Maruti Suzuki Hyundai Mahindra MG Motor Toyota Bajaj Auto Car Sales Latest Figures Update; Important Report To Know Before Buying A Car

4 अक्टूबर को इंफिनिक्स का नया स्मार्टफोन तो 8 को लॉन्च होगी ऑनर की स्मार्टवॉच, 12 अक्टूबर को लॉन्च सकते हैं वीवो के तीन नए फोन, जानिए इनके स्पेसिफिकेशन और फीचर्स September 30, 2020 at 10:23PM

फेस्टिव सीजन नजदीक है और इस मौके का पूरा फायदा उठाने के लिए टेक कंपनियां ने भी तैयारी कर ली है। अक्टूबर की शुरुआत में टेक कंपनियां अपने नए प्रोडक्ट बाजार में लॉन्च करने के लिए तैयार हैं। ओप्पो-वीवो अपने नए स्मार्टफोन लॉन्च करेंगी, तो ऑनर नई स्मार्टवॉच ला रही है। चलिए एक-एक कर बात करते हैं इन प्रोडक्ट्स के बारे में...

1. इंफिनिक्स हॉट 10 (Infinix Hot 10)
लॉन्चिंग डेट: 4 अक्टूबर

  • इंफिनिक्स अपने नए स्मार्टफोन हॉट 10 को 4 अक्टूबर को भारत में ऑफिशियली लॉन्च करेगी। हाल ही में इसी डिवाइस को पाकिस्तान में 20999 रुपए कीमत के साथ लॉन्च किया गया। उम्मीद है कि कंपनी इस डिवाइस को भारत में काफी किफायती कीमत में लॉन्च करेगी। भारत में चार कलर वैरिएंट में उपलब्ध हो सकता है। ये ओब्सीडियन ब्लैक, एम्बर रेड, मूनलाइट जेड और ओशियन वेव कलर ऑप्शन में मिल सकता है।
  • फोन में मीडियाटेक हीलियो G70 चिपसेट दिया गया है। इसमें 6.78-इंच एचडी प्लस टीएफटी एलसीडी डिस्प्ले मिलेगा, जो पंच-होल डिजाइन के साथ आता है, यह कटआउट डिस्प्ले के बाईं ओर रखा गया है। इसमें क्वाड-कैमरा सेटअप दिया गया है, जिसमें 16-मेगापिक्सल का प्राइमरी सेंसर और 2-मेगापिक्सल का मैक्रो शूटर शामिल है। इसे 2-मेगापिक्सल के डेप्थ सेंसर और AI लेंस के साथ जोड़ा गया है।
  • सिक्योरिटी के लिए इसमें फिंगरप्रिंट सेंसर भी जोड़ा है। सेल्फी के लिए फोन में 8-मेगापिक्सल का कैमरा दिया गया है। इसमें 5200mAh की बैटरी मिलेगी, जो 10W चार्जिंग सपोर्ट करेगी। फोन XOS 7.0 OS पर बेस्ड एंड्रॉयड 10 पर काम करता है। कनेक्टिविटी के लिए इसमें डुअल-बैंड वाई-फाई 5, ब्लूटूथ 5.0, 3.5 मिमी हेडफोन जैक, एक माइक्रो यूएसबी पोर्ट और डीटीएस ऑडियो शामिल हैं। माइक्रोएसडी कार्ड से इसके स्टोरेज को 512 जीबी तक बढ़ाया जा सकता है।

2. ऑनर वॉच जीएस प्रो (Honor Watch GS Pro)
लॉन्चिंग डेट: 8 अक्टूबर

  • ऑनर वॉच जीएस प्रो 8 अक्टूबर को भारत में लॉन्च होगी। सोशल मीडिया पर कंपनी ने लॉन्चिंग डेट का ऐलान करते हुए बताया कि भारत में इसे फ्लिपकार्ट के जरिए बेचा जाएगा। इसे विषम परिस्थितियों में इस्तेमाल करने के लिए डिजाइन किया गया है, इसमें MIL-STD 810G रेटेड बिल्ड मिलेगी, यानी ये थर्मल, शॉक और वॉटर रेजिस्टेंट होगी। यूरोप में इसकी कीमत लगभग 21 हजार रुपए के लगभग है। भारत में इसकी कीमत कितनी होगी यह लॉन्चिंग के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक, स्मार्टवॉच के साथ कंपनी 5 हजार रुपए से कम कीमत और 24 घंटे बैटरी लाइफ वाले ट्रू वायरलेस इयरबड्स भी लॉन्च करेगी।
  • रिपोर्ट के मुताबिक, वॉच जीएस प्रो में 454x454 पिक्सल के रेजोल्यूशन का 1.39-इंच का AMOLED डिस्प्ले मिलेगा। वॉच HiSilicon Kirin A1 प्रोसेसर से लैस होगी और इसमें GPS सपोर्ट के साथ-साथ डुअल सैटेलाइट पोजिशनिंग सिस्टम भी मिलेगा। इसमें 4GB ऑनबोर्ड स्टोरेज है, जिससे यूजर्स ऑफलाइन प्लेबैक के लिए म्यूजिक स्टोर कर सकते हैं। ऑनर वॉच जीएस प्रो 25 दिनों तक की बैटरी लाइफ दे सकती है।
  • स्मार्टवॉच में 100 वर्कआउट मोड सपोर्ट मिलेगा, जिसमें 15 प्रोफेशनल और 85 कस्टमाइज्ड हैं। यह मल्टी-स्कीइंग मोड भी प्री-लोडेड मिलेगा। यह सूर्योदय और सूर्यास्त, चंद्रमा और ज्वार के चरणों और खराब मौसम अलर्ट जैसी बाहरी जानकारी भी देगी। ऑनर वॉच जीएस प्रो एंड्रॉयड और आईओएस डिवाइस के साथ कम्पैटिबल है, लेकिन इसकी कुछ फीचर्स एंड्रॉयड तक सीमित हैं।
  • वॉच जीएस प्रो में 24x7 हार्ट रेट मॉनिटरिंग, ​​ऑल-नाइट स्लीप ट्रैकिंग और ब्लड-ऑक्सीजन लेवल मापने के लिए SpO2 मॉनिटर जैसे हेल्थ-ट्रैकिंग फीचर्स से लैस होगी। स्मार्टवॉच का इस्तेमाल इनबिल्ट स्पीकर और माइक्रोफोन का उपयोग कर कॉल अटेंड करने या मैसेज भेजने और प्राप्त करने के लिए किया जा सकेगा।

3. वीवो वी20 सीरीज (Vivo V20 series)
लॉन्चिंग डेट: 12 अक्टूबर (संभावित)

  • वीवो वी20 सीरीज स्मार्टफोन्स को कंपनी ने भारत में लॉन्च करने की आधिकारिक पुष्टि कर दी है। कंपनी के सोशल मीडिया पर एक छोटे वीडियो टीजर पोस्ट किया है, जो यह हिंट करता है कि फोन जल्द ही देश में लॉन्च होने वाला है। फ्लिपकार्ट ऐप पर भी इसका प्रोमोशनल पेज जारी कर दिया गया है, जिससे समझा जा सकता है कि इसकी बिक्री फ्लिपकार्ट पर की जाएगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीरीज 12 अक्टूबर को लॉन्च होगी और इसमें कुल तीन मॉडल वीवो वी20, वी20 एसई, और वी20 प्रो शामिल हैं। वीवो वी20 एसई और वी20 प्रो को मलेशिया और थाईलैंड में लॉन्च किया जा चुका है। वीडियो टीजर में फोन के अल्ट्रा-स्लिम डिजाइन मिलने के संकेत मिलते हैं हालांकि, इससे ज्यादा और कुछ नहीं बताया गया है। कंपनी ने फिलहाल आधिकारिक तौर पर लॉन्चिंग डेट के बारे में ऐलान नहीं किया है।


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ऑनर वॉच जीएस प्रो स्मार्टवॉच विषम परिस्थितियों में भी इस्तेमाल की जा सकेगी। इसमें MIL-STD 810G रेटेड बिल्ड मिलेगी, यानी ये थर्मल, शॉक और वॉटर रेजिस्टेंट होगी।

न्यू क्रोमकास्ट गूगल टीवी के साथ लॉन्च, पहली बार डिवाइस रिमोट के साथ आएगी; नया नेस्ट स्मार्ट स्पीकर भी आया September 30, 2020 at 10:21PM

गूगल ने अपनी नेक्स्ट जनरेशन क्रोमकास्ट लॉन्च कर दी है, जो गूगल टीवी के साथ आएगी। इसमें कई चेंजेस और इम्प्रूवमेंट किए गए हैं। अब ये डिवाइस रिमोट के साथ आएगी। ये अमेजन फायर टीवी और रोकू से अलग है, क्योंकि ये टीवी को एंड्रॉयड टीवी वाला इंटरफेस देता है। कंपनी ने नेस्ट स्मार्ट स्पीकर भी लॉन्च कर दिया।

क्रोमकास्ट गूगल टीवी की कीमत
गूगल टीवी के साथ आने वाली क्रोमकास्ट डिवाइस की अमेरिका में कीमत $49.99 (करीब 3,700 रुपए) है। लॉन्चिंग के साथ इस डिवाइस की सेलिंग भी शुरू हो गई है। कंपनी ने कहा कि दूसरे देशों में इसकी बिक्री साल के आखिर तक की जा सकती है। ये डिवाइस टच और वॉइस कंट्रोल रिमोट के साथ आती है। हालांकि, गूगल ने इसकी भारत में उपलब्धता और कीमत के बारे में जानकारी नहीं दी है। इसे स्काई, स्नो और सनराइज कलर ऑप्शन में खरीद पाएंगे।

क्रोमकास्ट गूगल टीवी के स्पेसिफिकेशन और फीचर्स

  • ये क्रोमकास्ट डिवाइस नए गूगल टीवी प्लेटफॉर्म पर रन करेगी। ये एंड्रॉइड टीवी प्लेटफॉर्म के लिए नया ब्रांडिंग है। इसमें USB टाइप-सी पावर एडॉप्टर दिया है। वहीं, रिमोट में दो ट्रिपल A बैटरी लगती है। ये डिवाइस 4K HRD रेजोल्यूशन, डॉल्बी एटम, डॉल्बी डिजिटल प्लस, डॉल्बी विजन, HDR10+ को सपोर्ट करती है। इसमें डुअल बैंड वाई-फाई 802.11ac कनेक्टिविटी के साथ ब्लूटूथ कनेक्टिविटी भी मिलेगी। इस डिवाइस का वजन 55 ग्राम और रिमोट का वजन 63 ग्राम है।
  • गूगल टीवी क्रोमकास्ट डिवाइस के रिमोट में यूट्यूब और नेटफ्लिक्स के शॉर्टकट बटन दिए हैं। इसके साथ म्यूट, होम, बैक, गूगल असिस्टेंट और 4-वे डी-पेड नेविगेशन बटन दिए हैं। इसमें CEC फीचर दिया है, यानी रिमोट से वॉल्यूम कंट्रोल क पाएंगे। आपको वॉइस सर्चिंग के लिए गूगल अस्सिटेंट बटन को दबाकर रखना होगा। इससे नेटफ्लिक्स के अलावा अमेजन प्राइम वीडियो, स्पॉटिफाई, डिज्नी प्लस, हुलु, एचबीओ मैक्स के साथ दूसरे ओटीटी प्लेटफॉर्म को एक्सेस कर पाएंगे।

नेस्ट स्मार्ट स्पीकर

गूगल ने अपनी नया नेस्ट स्मार्ट स्मार्ट स्पीकर भी लॉन्च किया है। इसकी कीमत 99.99 डॉलर (करीब 7,400 रुपए) है। इसे चॉक, चारकोल, सेज, सेंड और स्काई कलर ऑप्शन में खरीदा जा सकता है। इसे 19mm का ट्वीटर, 3 फार-फिल्ड माइक्रोफोन, 2-स्टेज माइक म्यूट स्विच और क्वाड-कोर ARM Cortex-A53 प्रोसेसर दिया है। कनेक्टिविटी के लिए ब्लूटूथ वर्जन 5.0 और वाई-फाई की सुविधा दी गई है। इसके अलावा इस स्पीकर को टच-कंट्रोल और बिल्ट-इन क्रोमकास्ट का सपोर्ट मिला है। कंपनी का दावा है कि यह स्पीकर गूगल होम की तुलना में 75 प्रतिशत लाउडर है और 50 प्रतिशत स्ट्रोंगर बास प्रोड्यूस करता है।



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ये अमेजन फायर टीवी और रोकू से अलग है, क्योंकि ये टीवी को एंड्रॉयड टीवी वाला इंटरफेस देता है

कॉल होल्ड पर है तो आप नहीं बल्कि गूगल असिस्टेंट करेगा इंतजार, लाइन पर एग्जीक्यूटिव के आते ही तुरंत करेगा अलर्ट September 30, 2020 at 09:23PM

कई बार कॉल सेंटर या टोल-फ्री नंबर पर फोन लगाने पर कॉल होल्ड पर रख दिया जाता है, ऐसे में एग्जीक्यूटिव के दोबारा कॉल पर आने तक इंतजार करना पड़ता है, जिससे समय तो खराब होता ही है दूसरे काम भी प्रभावित होते हैं। लेकिन अगली बार जब कोई आपका कॉल होल्ड पर रखे दें तो निश्चिंत होकर आराम करें या दूसरे काम करें क्योंकि अब गूगल असिस्टेंट होल्ड के दौरान म्यूजिक और बार-बार दोहराए जाने वाला मैसेज सुनेगा और जैसे ही एग्जीक्यूटिव की आवाज सुनेगा, तुरंत आपको अलर्ट कर देगा। गूगल ने फोन ऐप में 'होल्ड फॉर मी' नाम से एक नया फीचर जोड़ा है।

गूगल ने बुधवार रात हुए इवेंट में इस फीचर की जानकारी दी

  • यूएस में बुधवार को हुए इवेंट में कंपनी ने बताया कि जब आप टोल-फ्री नंबर पर कॉल करते हैं और कॉल होल्ड पर रख दिया जाता है तो, गूगल असिस्टेंट आपके लिए लाइन पर प्रतीक्षा कर सकता है। आप बेफ्रिक होकर दूसरे कामों में ध्यान लगा सकते हैं, और जैसे ही असिस्टेंट लाइन पर किसी व्यक्ति की आवाज सुनेगा तुरंत फोन स्क्रीन पर साउंड, वाइब्रेशन के जरिए अलर्ट करेगा।
  • 'होल्ड फॉर मी' फीचर गूगल की डुप्लेक्स तकनीक पर काम करता है। यह तकनीक असिस्टेंट को होल्ड के दौरान चल रहे रिकॉर्डेड म्यूजिक-मैसेज और प्रतिनिधि की आवाज के बीच अंतर समझने में सक्षम बनाता है।
  • जैसे ही लाइन पर प्रतिनिधि की आवाज सुनाई देती है, गूगल असिस्टेंट यूजर को अलर्ट करता है कि कोई व्यक्ति बात करने के लिए तैयार है और आपके कॉल पर लौटने तक के लिए प्रतिनिधि को इंतजार करने के लिए भी कहता है।
  • कंपनी ने बताया कि इस फीचर को डिजाइन करने के लिए और कॉल के दोनों तरफ के लोगों के लिए इसे उपयोगी के लिए हमने डेल और यूनाइटेड सहित कई कंपनियों से फीडबैक लिए, साथ ही कस्टमर सपोर्ट एग्जीक्यूटिव का भी स्टडी की। जब गूगल असिस्टेंट होल्ड पर कॉल सुन रहा होता है, तो गूगल की प्राकृतिक भाषा की समझ यूजर को अलर्ट करती है।
  • अन्य चीजों पर यूजर अपना ध्यान केंद्रित कर सकें इसके लिए कॉल को म्यूट (mute) कर दिया जाता है, लेकिन किसी भी समय, आप यह जानने के लिए स्क्रीन पर रियल टाइम कैप्शन चेक कर सकते हैं कि कॉल पर क्या हो रहा है"।
  • 'होल्ड फॉर मी' टूल एक ऑप्शनल फीचर है जिसे सेटिंग्स में जाकर इनेबल किया जा सकता है और टोल-फ्री नंबर पर हर कॉल के दौरान इसे एक्टिवेट करने का विकल्प भी चुन सकते हैं।
  • यह निर्धारित करने के लिए कि कोई प्रतिनिधि लाइन पर है, ऑडियो पूरी तरह से डिवाइस पर प्रोसेस्ड होता है और उसे वाई-फाई या डेटा कनेक्शन की आवश्यकता नहीं होती है।


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गूगल असिस्टेंट कॉल होल्ड के दौरान म्यूजिक और बार-बार दोहराए जाने वाला मैसेज सुनेगा और जैसे ही एग्जीक्यूटिव की आवाज सुनेगा, तुरंत आपको अलर्ट कर देगा।

इस स्मार्ट प्लग का इस्तेमाल तुरंत बंद करें, इससे घर में आग लगने का खतरा; कंपनी ने अपने स्टोर से इसे हटाया September 30, 2020 at 08:06PM

अगर आपके पास भी हिक्टकोन (Hictkon) कंपनी का स्मार्ट प्लग है, तब उसका इस्तेमाल तुरंत बंद कर दीजिए। कंज्यूमर वॉचडॉग ने एक जांच में बताया कि इस प्लग में आग लगने का खतरा है। अमेजन ने भी इस प्लग को अपने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से हटा दिया है। ये प्लग डुअल यूएसबी पोर्ट के साथ आता है।

इस स्मार्ट प्लग का लाइव कनेक्शन एनर्जी मॉनिटरिंग चिप के काफी करीब है। जिसकी वजह से दो इलेक्ट्रोड के बीच इलेक्ट्रिकल डिस्चार्ज होने का खतरा बन जाता है। इससे पुराने वायर वाले घरों में आग लगने का खतरा बन जाता है।

नकली सेफ्टी मार्क का इस्तेमाल हो रहा
प्लग की जुड़े जांचकर्ता ने कहा कि इस प्रोडक्ट का सीई मार्क सामान्य रूप से कठोर यूरोपीय सुरक्षा मानकों के साथ जुड़े थे, जो मिस लीडिंग था। कुछ चीनी कंपनियां 'चीन निर्यात' को नामित करने के लिए एक समान सीई मार्क का उपयोग करती हैं। दूसरे लोग नकली सेफ्टी मार्क लगा देते हैं, क्योंकि इसे चेक करने के लिए कोई डेटाबेस नहीं है। क्लेवर कम्प्लायंस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मैक्स स्ट्रालिन ने कहा, "जब तक कंपनियां ऐसा नहीं करतीं, तब तक वे दूर नहीं हो जाते।" इसी तरह की मामला 2015 में भी सामने आया था।

चीन में तैयार हो रहे ऐसे प्रोडक्ट
अमेजन ने कहा कि खरीद के बारे में चिंतित ग्राहकों को ग्राहक सेवा टीम से संपर्क करना चाहिए। हम प्रोडक्ट सेफ्टी कन्सर्न के लिए हमारे स्टोर में बेचे जाने वाले उत्पादों की निगरानी करते हैं। प्रोडक्ट को स्टोर से हटाने से पहले सेलर, मैन्युफैक्चर और सरकारी एजेंसी से बात की जाती है।

कम्प्यूटिंग एडिटर केट बेवन ने कहा, "अननॉन ब्रांड्स के बहुत सारे खतरनाक प्रोडक्ट को ऑनलाइन मार्केटप्लेस पर बेचा जा रहा है। कई मामलों में ऐसे प्रोडक्ट चीन की इलेक्ट्रॉनिक्स राजधानी शेनजेन से तैयार होते हैं, जिनकी जवाबदेही नहीं होती और ऐसी कंपनी से संपर्क करना लगभग असंभव होता है।

ऑनलाइन कई प्रोडक्ट मौजूद
वॉचडॉग के मुताबिक, हिक्टकोन के मसल मसाज, अल्ट्रावायलेट लैम्प, टचस्क्रीन मॉनिटर और हैलो-इन मास्क जैसे प्रोडक्ट भी है, जो सिर्फ अमेजन पर उपलब्ध हैं। ऑनलाइन मार्केटप्लेस पर ब्रिटेन के शीर्ष 10,000 विक्रेताओं में से कई चीन में भी आधारित थे। अमेजन मार्केटप्लेस पर 36%, ईबे पर 30% और विश पर 95% प्रोडक्ट मिलते हैं।



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हिक्टकोन के मसल मसाज, अल्ट्रावायलेट लैम्प, टचस्क्रीन मॉनिटर और हैलो-इन मास्क जैसे प्रोडक्ट भी हैं

गूगल ने पिक्सल 5 और पिक्सल 4a 5G स्मार्टफोन लॉन्च किए, एक्सट्रीम सेवर मोड से बैटरी लाइफ 48 घंटे बढ़ जाएगी; भारत में लॉन्चिंग की घोषणा नहीं हुई September 30, 2020 at 06:30PM

गूगल ने बीती रात 'Launch Night In' इवेंट में अपने नए पिक्सल 5 स्मार्टफोन लॉन्च कर दिया है। साथ ही, 4a सीरीज का 5G वर्जन भी लॉन्च किया गया है। दोनों स्मार्टफोन क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 765G प्रोसेसर और टाइटन एम सिक्योरिटी चिप दी है। पिक्सल 5 और पिक्सल 4a 5G दोनों में एक जैसे डुअल रियर कैमरा के साथ 8 मेगापिक्सल का सेल्फी कैमरा दिया है। कंपनी ने फोन में एक्सट्रीम बैटरी सेवर मोड दिया है जिससे बैटरी की लाइफ 48 घंटे तक बढ़ा सकते हैं। दोनों स्मार्टफोन एल्युमिनियम बॉडी और IP68 रेटिंग के साथ आते हैं।

गूगल पिक्सल 5 और पिक्सल 4a 5G की कीमत

स्मार्टफोन कीमत
पिक्सल 5 $699 (करीब 51,400 रुपए)
पिक्सल 4a 5G $499 (करीब 37,000 रुपए)

दोनों स्मार्टफोन को सबसे पहले 5G मार्केट जैसे ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, आयरलैंड, जापानी, ताइवान, यूके और यूएस में मिलेगा। पिक्सल 4a 5G को सबसे पहले जापान में 15 अक्टूबर को लॉन्च किया जाएगा। उसके बाद दूसरे देशों में इसे नवंबर तक लॉन्च किया जाएगा। इन फोन पर 100GB का क्लाउड स्टोरेज दिया जाएगा। हालांकि, इन स्मार्टफोन की भारत में लॉन्च करने को लेकर कंपनी ने कोई प्लानिंग नहीं की है।

गूगल पिक्सल 5 स्पेसिफिकेशन

  • ये स्मार्टफोन डुअल सिम (नैनो+ईसिम) को सपोर्ट करता है। ये एंड्रॉयड 11 ऑपरेटिंग सिस्टम पर रन करेगा। फोन में 6-इंच फुल HD+ OLED डिस्प्ले दिया है, जिसका रेजोल्यूशन 1,080x2,340 पिक्सल है। स्क्रीन को प्रोटेक्शन देने के लिए कॉर्निंग गोरिल्ला ग्लास 6 लगाया गया है। स्मार्टफोन में ऑक्टा-कोर क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 765G प्रोसेसर के साथ 8GB LPDDR4 रैम दी है।
  • फोटो और वीडियो के लिए फोन में डुअल रियर कैमरा सेटअप किया गया है। जिसमें प्राइमरी 12.2 मेगापिक्सल सेंसर और 16-मेगापिक्सल सेकंडरी सेंसर अल्ट्रा वाइड एंगल लेंस दिया है। सेल्फी के लिए इसमें 8 मेगापिक्सल लेंस दिया है। दोनों कैमरा से 4K वीडियो रिकॉर्डिंग की जा सकती है।
  • फोन में 128GB का ऑनबोर्ड स्टोरेज दिया है। इसमें माइक्रो SD कार्ड का स्लॉट नहीं मिलेगा। हालांकि, गूगल 100GB का क्लाउड स्टोरेज दे रही है। इसमें 5G, 4G LTE, Wi-Fi 802.11ac, ब्लूटूथ 5.0, GPS/ A-GPS, NFC, USB Type-C पोर्ट जैसे कनेक्टिविटी ऑप्शन दिए हैं। फोन में बैक साइड में फिंगरप्रिंट सेंसर दिया है। इसमें स्टीरियो स्पीकर और तीन माइक्रोफोन दिए हैं।
  • फोन में 4,080mAh की बैटरी दी है, जो 18 वॉट की फास्ट चार्जिंग को सपोर्ट करती है। फोन का वजन 151 ग्राम है। वहीं इसका डायमेंशन 144.7x70.4x8.0mm है।

गूगल पिक्सल 4a 5G स्पेसिफिकेशन

  • ये स्मार्टफोन डुअल सिम (नैनो+ईसिम) को सपोर्ट करता है। ये एंड्रॉयड 11 ऑपरेटिंग सिस्टम पर रन करेगा। फोन में 6.2-इंच फुल HD+ OLED डिस्प्ले दिया है, जिसका रेजोल्यूशन 1,080x2,340 पिक्सल है। स्क्रीन को प्रोटेक्शन देने के लिए कॉर्निंग गोरिल्ला ग्लास 3 लगाया गया है। स्मार्टफोन में ऑक्टा-कोर क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 765G प्रोसेसर के साथ 6GB LPDDR4 रैम दी है।
  • फोटो और वीडियो के लिए फोन में डुअल रियर कैमरा सेटअप किया गया है। जिसमें प्राइमरी 12.2 मेगापिक्सल सेंसर और 16-मेगापिक्सल सेकंडरी सेंसर अल्ट्रा वाइड एंगल लेंस दिया है। सेल्फी के लिए इसमें 8 मेगापिक्सल लेंस दिया है। दोनों कैमरा से 4K वीडियो रिकॉर्डिंग की जा सकती है।
  • फोन में 128GB का ऑनबोर्ड स्टोरेज दिया है। इसमें माइक्रो SD कार्ड का स्लॉट नहीं मिलेगा। हालांकि, गूगल 100GB का क्लाउड स्टोरेज दे रही है। इसमें 5G, 4G LTE, Wi-Fi 802.11ac, ब्लूटूथ 5.0, GPS/ A-GPS, NFC, USB Type-C पोर्ट जैसे कनेक्टिविटी ऑप्शन दिए हैं। फोन में बैक साइड में फिंगरप्रिंट सेंसर दिया है। इसमें स्टीरियो स्पीकर और तीन माइक्रोफोन दिए हैं।
  • फोन में 3,885mAh की बैटरी दी है, जो 18 वॉट की फास्ट चार्जिंग को सपोर्ट करती है। फोन का वजन 168 ग्राम है। वहीं इसका डायमेंशन 153.9x74.0x8.2mm है।


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दोनों स्मार्टफोन एल्युमिनियम बॉडी और IP68 वाटर रेजिस्टेंस रेटिंग के साथ आते हैं

लंबे सफर पर जा रहे हैं तो कार में जरूर रखें पोर्टेबल जंप स्टार्टर, इमरजेंसी न सिर्फ कार स्टार्ट करेगा बल्कि जरूरी गैजेट भी चार्ज करता रहेगा September 30, 2020 at 04:30PM

कार की बैटरी डिस्चार्ज हो जाए या कार रास्ते में चलते-चलते अचानक बंद हो जाए, तो हम परेशान हो जाते हैं, धक्का लगाते हैं और स्टार्ट करने के लिए कई तरह के जतन करते हैं। तमाम कोशिशें करने के बाद भी जब कार स्टार्ट नहीं होती तो हम मैकेनिक को बुलाते हैं। मैकेनिक, जंपर केबल की मदद से या तो बैटरी या किसी दूसरी कार से कनेक्शन देकर कार स्टार्ट कर देता है और इसके लिए 400 से 500 रुपए तक ले लेता है।
यही परेशानी रात के समय किसी सुनसान जगह या हाईवे पर आ जाए तो समझो मुसीबत डबल हो गई है। क्योंकि वहां मदद करने वाला शायद ही कोई मिले।

अगर आप अक्सर फैमिली के साथ या अकेले लंबा सफर करते रहते हैं, और इस तरह की मुसीबत में नहीं पड़ना चाहते तो आपको कार में पोर्टेबल जंप स्टार्टर पावर बैंक जरूर रख लेना चाहिए ताकि इमरजेंसी में दूसरा पर निर्भर न रहना पड़े। अब आप सोच रहें होंगे ये क्या चीज है। तो चलिए बात करते हैं क्या है जंप स्टार्टर, कैसे काम करता है साथ ही जानते हैं इसके फायदे और कीमत...

क्या है पोर्टेबल पावर बैंक जंप स्टार्टर?

  • यह गैजेट हूबहू पावरबैंक सा दिखता है और काम भी वैसा ही करता है। जैसा की नाम से समझ आ रहा है यह इमरजेंसी में कार को स्टार्ट करने का काम करता है। अगर यह छोटा सा गैजेट आपके पास है तो न किसी मैकेनिक की जरूरत पड़ेगी न ही किसी दूसरी बैटरी की, पोर्टेबल जंप स्टार्टर अकेला ही आपकी बंद पड़ी कार को स्टार्ट करने का काम कर सकता है।
  • बाजार में 69800mAh तक की कैपेसिटी वाले पावरबैंक जंप स्टार्टर मौजूद हैं। आम पावर बैंक की तुलना में यह काफी पावरफुल होता है। यह मल्टी फंक्शनैलिटी के साथ आता है, यानी इससे कई सारे काम भी किए जा सकते हैं।
  • बाजार में अलग-अलग कैपेसिटी और ब्रांड के जंप स्टार्टर मौजूद हैं। इसकी किट में जंपर केबल के अलावा कई तरह की चार्जिंग केबल, सॉकेट और एक्सेसरीज मिलती है। कई जंप स्टार्टर की किट में एयर कम्प्रेसर भी मिल जाता है।

कैसे काम करता है यह पोर्टेबल जंप स्टार्टर?

कार को जंप स्टार्ट कराने के लिए इसमें डेडिकेटेड जंपर केबल मिलती है, जिसमें दो क्लिप लगी होती हैं, ये रेड और ब्लैक कलर के क्लिप ठीक वैसे ही होती हैं जैसे जंपर केबल में मिलती है। केबल का प्लग जंप स्टार्टर में दिए गए डेडिकेटेड पोर्ट में लगाना होता है। केबल के प्लग बैटरी के टर्मिनल्स से कनेक्ट कर पावर ऑन करना होता है। कनेक्शन करने के बाद जैसे ही आप गाड़ी का इग्निशन ऑन करेंगे या सेल्फ स्टार्ट करेंगे, गाड़ी आराम से स्टार्ट हो जाएगी।

इसके क्या-क्या फायदे हैं?
1.
कार या बाइक की बैटरी डिस्चार्ज हो गई है, तो जंप स्टार्टर पावर बैंक से आप अपनी गाड़ी दोबारा स्टार्ट कर सकते हैं।
2. यह इतने पावरफुल होता है कि इससे लैपटॉप भी चार्ज किया जा सकता है। लैपटॉप चार्ज करने के लिए सॉकेट इसकी किट में ही मिलते हैं।
3. इसमें कई सारे यूएसबी पोर्ट भी मिलते हैं, इसकी मदद से फोन, टैबलेट, डिजिटल कैमरा, गेमिंग सिस्टम, पोर्टेबल जीपीएस डिवाइस चार्ज किए जा सकते हैं।
4. इससे 12V इलेक्ट्रिक डिवाइस जैसे वैक्यूम क्लीनर, एयर कम्प्रेसर को भी ऑपरेट किया जा सकता है। इसके लिए किट में ही अलग से केबल मिलती है।
5. इसमें टॉर्च और SOS इमरजेंसी लाइट्स मिलती हैं, अंधेरे में या मुसीबत में फंसे होने पर इसे मदद मांगने या अलर्ट करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
6. कई जंप स्टार्टर में इमरजेंसी में कार के कांच तोड़ने के लिए मेटल ग्लास ब्रेकर और सीट बेल्ट काटने के लिए कटर भी लगा मिल जाता है। (ये मॉडल पर निर्भर करता है।)
7. कई मॉडल्स के साथ किट में ही एयर कम्प्रेसर भी मिल जाता है, यानी इससे टायर्स में हवा भी भरी जा सकती है। (ये मॉडल पर निर्भर करता है।)
8. इसे किसी भी तरह की कार (पेट्रोल/डीजल/सीएनजी) और बाइक के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

कितनी है इसकी कीमत?
ई-कॉमर्स साइट पर इसकी काफी बड़ी रेंज उपलब्ध है। कैपेसिटी और ब्रांड के हिसाब से इनकी कीमत अलग-अलग है। अमेजन पर सबसे सस्ता जंप स्टार्टर 3999 रुपए का है जबकि फ्लिपकार्ट पर इसकी शुरुआती कीमत 3800 रुपए है।

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इसकी किट में जंपर केबल के अलावा कई तरह की चार्जिंग केबल, सॉकेट और एक्सेसरीज मिलती है। कई जंप स्टार्टर की किट में एयर कम्प्रेसर भी मिल जाता है।
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