Monday, August 17, 2020

सैमसंग वियतनाम से कारोबार समेट कर आएगी भारत; अगले 5 साल में बनाएगी 3.7 लाख करोड़ रुपए के स्मार्टफोन, भारी तादाद में पैदा होंगी नौकरियां August 17, 2020 at 06:38AM

साउथ कोरिया की स्मार्टफोन निर्माता कंपनी सैमसंग अब जल्द ही अपना प्रोडक्शन वियतनाम से भारत में शिफ्ट करने वाली है। सैमसंग देश में तीन लाख करोड़ से भी ज्‍यादा के प्रोडक्ट बनाने को तैयार है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सैमसंग अगले पांच वर्षों में भारत में 3.7 लाख करोड़ रुपए के मोबाइल फोन का उत्पादन करने की योजना बना रही है। बता दें कि आईफोन बनाने वाली कंपनी एपल पहले भारत में निवेश को तैयार हो चुकी है। वहीं कुछ और कंपनियां भारत आने की तैयारी कर रही है।

सरकार की पीएलआई योजना के तहत करेगी निवेश

खबर है कि इसको लेकर सैमसंग ने इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अपनी योजना पर चर्चा की है। हालांकि, कंपनी ने फिलहाल इस पर कुछ नहीं कहा है। न्यूज एजेंसी पीटीआई को आधिकारिक सोर्स ने नाम न बताने की शर्त पर कहा है कि कंपनी प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव (पीएलआई) स्कीम के तहत स्‍मार्टफोन भारत में बनाने के लिए तैयार है। सरकार की तरफ से इस स्कीम का ऐलान अप्रैल माह में किया गया था। योजना के तहत बेस ईयर तक कंपनियों को भारत में तैयार उत्पादों और टारगेट पूरा करने पर चार से छह प्रतिशत तक का इनसेंटिव दिया जाएगा। अगले पांच वर्षों तक कंपनी को मोबाइल भारत में बनाने पर यह इनसेंटिव मिलेगा।

सैमसंग का भारतीय मोबाइल फोन बाजार में 24 प्रतिशत हिस्सेदारी है

सैमसंग का एक प्‍लांट उत्तर प्रदेश के नोएडा में है और यह कंपनी की दुनिया में सबसे बड़ी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट है। कंपनी अब यहां पर दूसरे देशों के बाजार के लिए मोबाइल फोन तैयार कर रही है। सैमसंग मोबाइल फोन का 50 प्रतिशत हिस्‍सा वियतनाम में तैयार करती है। चर्चा है कि कंपनी 2.2 लाख करोड़ रुपए के स्मार्टफोन बनाएगी, जो पीएलआई योजना के तहत 15 हजार रुपए की सब कैटेगरी में शामिल होंगे। रिसर्च फर्म आईडीसी के अनुसार, अप्रैल-जून तिमाही में सैमसंग का भारतीय मोबाइल फोन बाजार में 24 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

केंद्र ने लॉन्च की हैं तीन योजना

केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए 1 अप्रैल को तीन स्कीम्स को नोटिफाइड किया था। इसमें इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट एंड सेमी कंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग, मोडिफाइड इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स (EMC 2.0) और प्रोडक्शन इंसेंटिव स्कीम शामिल हैं। इन तीनों स्कीम्स के तहत सरकार की ओर से अगले पांच साल में 50,000 करोड़ रुपए का इंसेंटिव दिया जाएगा। पीएलआई लाभ लेने के लिए लावा, डिक्सन टेक्नोलॉजी, माइक्रोमैक्स और पैगेट इलेक्ट्रॉनिक्स ने आवेदन किया है। लावा की अगले पांच साल में इस स्कीम के तहत 800 करोड़ रुपए के निवेश की योजना है।

अब तक 22 कंपनियों ने किया अप्लाई सैमसंग

सरकार की पीएलआई स्कीम के ऐलान ने उन कंपनियों ने खासी तरजीह दी है जो अब सप्लाई चेन को चीन से बाहर शिफ्ट करने पर सोच रही हैं। इसी के मद्देनजर सैमसंग भी अब एपल की राह पर है। एपल के फोन को एशिया में एसेंबल करने वाली कंपनियां फॉक्‍सकॉन, विस्‍ट्रॉन और पेगाट्रॉन अब भारत में अपना बेस मजबूत करने में जुट गई हैं। एक अगस्‍त को आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने बताया कि करीब 22 कंपनियों पीएलआई स्‍कीम के तहत आवेदन किया है और वो देश में अपना प्रोडक्शन शुरू करना चाहती हैं। सरकार के इस योजना में अगले 5 साल में 11 लाख करोड़ रुपए के मोबाइल फोन बनाए जाएंगे। इससे करीब 12 लाख नए रोजगार पैदा होंगे।




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केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए 1 अप्रैल को तीन स्कीम्स को नोटिफाइड किया था।

मीडिया संस्थानों को रेवेन्यू शेयरिंग करना अनिवार्य हुआ तो गूगल फ्री सेवा को कर सकता है बंद August 17, 2020 at 04:28AM

सर्च इंजन गूगल ऑस्ट्रेलिया में अपनी फ्री सेवाएं बंद करने वाला है। गूगल ने चेताया है कि ऑस्ट्रेलिया से मुफ्त सर्च सेवाओं को वापस लिया जा सकता है। ऑस्ट्रेलिया ने जब से गूगल से ये कहा है कि उसे समाचार सामग्री का इस्तेमाल करने के लिए स्थानीय मीडिया संस्थानों को पैसे का भुगतान करना चाहिए। तब से ऑस्ट्रेलियाई सरकार और गूगल के बीच तनातनी बनी हुई है।

गूगल ने सोमवार को ऑस्ट्रेलिया ​​​​​​सरकार को चेताया

ऑस्ट्रेलिया सरकार गूगल से समाचार सामग्री के लिए भुगतान की योजना पर काम कर रही है। इसी की प्रतिक्रिया में गूगल ने सोमवार को यह कदम उठाने की चेतावनी दी है। बता दें कि ऑस्ट्रेलिया एक कानून के मसौदे पर काम कर रहा है, इसके तहत गूगल और फेसबुक दोनों को मीडिया कंपनियों से ली गई समाचार सामग्रियों के लिए भुगतान करना पड़ सकता है। इस कानून पर सार्वजनिक विचार-विमर्श की प्रक्रिया एक सप्ताह में पूरी होनी है।

कंपनी ने कहा, गूगल सर्च की मुफ्त सुविधा भी गंवानी पड़ सकती है

गूगल ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के प्रबंध निदेशक मेल सिल्वा ने कहा है कि इस प्रस्तावित कानून की वजह से हमें आपको काफी खराब गूगल सर्च और यूट्यूब उपलब्ध कराने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। साथ ही यूजर्स का डेटा बड़ी समाचार कंपनियों को दिया जा सकता है। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया में आपको गूगल सर्च की मुफ्त सुविधा भी गंवानी पड़ सकती है।



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गूगल ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के प्रबंध निदेशक मेल सिल्वा ने कहा है कि इस प्रस्तावित कानून की वजह से हमें आपको काफी खराब गूगल सर्च और यूट्यूब उपलब्ध कराने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

10 हजार रुपए कम में खरीद सकेंगे गैलेक्सी बड्स लाइव इयरबड्स, गैलेक्सी वॉच 3 पर 5000 रुपए तक की छूट; जानें ऑफर डिटेल्स August 17, 2020 at 04:03AM

सैमसंग ने गैलेक्सी वॉच 3 और गैलेक्सी बड्स लाइव इयरबड्स को भारत में लॉन्च कर दिया गया है। इन्हें सबसे पहले 5 अगस्त को हुए गैलेक्सी अनपैक्ड इवेंट में पेश किया गया था। गैलेक्सी वॉच 3 ओरिजनल गैलेक्सी वॉच का अपडेट वर्जन है जबकि, सैमसंग गैलेक्सी बड्स लाइव, पिछली जनरेशन के गैलेक्सी बड्स की तुलना में एक अलग डिजाइन के साथ आता है।

सैमसंग गैलेक्सी वॉच 3, गैलेक्सी बड्स लाइन: भारत में कीमत और उपलब्धता

  • सैमसंग गैलेक्सी वॉच 3 वाई-फाई और 4G मॉडल के साथ-साथ दो साइज में आता है। गैलेक्सी वॉच 3 का 41mm मॉडल मिस्टिक ब्रॉन्ज और मिस्टिक सिल्वर कलर में उपलब्ध होगा, जबकि 45mm मॉडल मिस्टिक सिल्वर और मिस्टिक ब्लैक कलर में आएगा।
  • वाई-फाई के साथ 41mm वैरिएंट की कीमत 29,990 रुपए जबकि 4G मॉडल की कीमत 34,490 रुपए होगी। दूसरी तरफ वाई-फाई के साथ 45mm वैरिएंट की कीमत 32,990 रुपए जबकि 4G मॉडल की कीमत 38,990 रुपए होगी। सभी वैरिएंट 27 अगस्त से बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे।
  • सैमसंग गैलेक्सी बड्स लाइव की कीमत 14,990 रुपए है। इयरबड्स तीन कलर ऑप्शन में उपलब्ध हैं जिसमें मिस्टिक ब्लैक, मिस्टिक ब्रॉन्ज और मिस्टिक व्हाइट कलर शामिल हैं। इनकी बिक्री 25 अगस्त से शुरू होगी।
  • कंपनी का का कहना है कि दोनों डिवाइस सैमसंग ओपेरा हाउस, सैमसंग डॉट कॉम और देश के प्रमुख ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से खरीदें जा सकेंगे।

प्री-बुकिंग ऑफर पर मिलेगा 10 हजार रुपए तक का डिस्काउंट

  • कंपनी गैलेक्सी वॉच 3 पर प्री-बुकिंग ऑफर भी दे रही है। स्मार्टवॉच के दोनों में से किसी भी साइज की प्री-बुकिंग करने पर ग्राहक गैलेक्सी बड्स लाइव को 4990 रुपए में खरीद सकेंगे, यानी पूरे 10 हजार रुपए का डिस्काउंट। इस ऑफर का लाभ 17 अगस्त से 26 अगस्त तक लिया जा सकेगा। ऑफर सिर्फ सैमसंग शॉप और ऑफलाइन रिटेल स्टोर्स पर ऑनलाइन बुकिंग करने पर ही मान्य है।
  • खासतौर से वाई-फाई मॉडल के लिए, 41mm मॉडल बुक करने पर ग्राहकों को 4,500 रुपए का इंस्टेंट कैशबैक और 45mm मॉडल पर 5,000 रुपए का इंस्टेंट कैशबैक दिया जा रहा है। यह ऑफर सैमसंग शॉप, अमेजन और फ्लिपकार्ट पर 20 अगस्त से 26 अगस्त तक के लिए मान्य है।

सैमसंग गैलेक्सी वॉच 3 के स्पेसिफिकेशन

  • सैमसंग गैलेक्सी वॉच 3 Tizen बेस्ड वियरेबल ओएस 5.5 पर काम करता है। इसमें 41-इंच वैरिएंट पर 1.2-इंच (360x360 पिक्सल) सर्कुलर सुपर एमोलेड डिस्प्ले और समान रेजोल्यूशन के साथ 45 मिमी वैरिएंट पर 1.4-इंच डिस्प्ले है। स्मार्टवॉच डुअल-कोर Exynos 9110 CPU और माली-T720 GPU से लैस है। स्मार्टवॉच में 8GB स्टोरेज के साथ 1GB रैम मिलती है।
  • गैलेक्सी वॉच 3 IP68 वॉटर और डस्ट रेजिस्टेंस के साथ आता है। कनेक्टिविटी ऑप्शन में वाई-फाई मॉडल के लिए वाई-फाई 802.11 बी / जी / एन और ब्लूटूथ 5.0 शामिल हैं जबकि एलटीई मॉडल 4G कनेक्टिविटी को सक्षम करने वाले ईसिम सपोर्ट के साथ आता हैं। इसमें जीपीएस की सुविधा भी है। 41mm वैरिएंट में 247 एमएएच की बैटरी और 45mm वैरिएंट में 340 एमएएच की बैटरी मिलती है।

गैलेक्सी बड्स लाइव के स्पेसिफिकेशन

  • सैमसंग गैलेक्सी बड्स लाइव में AKG ट्यूनिंग के साथ 12mm ड्राइवर हैं। बेहतर कॉल क्वालिटी के लिए इसमें तीन माइक्रोफोन हैं। कनेक्टिविटी के लिए बड्स लाइव ब्लूटूथ 5.0 का उपयोग करता है, और एसबीसी, एएसी और स्केलेबल ब्लूटूथ कोडेक्स का सपोर्ट करता है।
  • इयरबड्स में 60 एमएएच की बैटरी है और चार्जिंग केस में 472 एमएएच की बैटरी है। केस में चार्जिंग के लिए एक यूएसबी टाइप-सी पोर्ट है और कंपनी का दावा है कि इसमें 29 घंटे तक की बैटरी लाइफ मिलती है। इयरबड्स में आठ घंटे तक की बैटरी लाइफ होने का दावा किया गया है।
  • ये फास्ट चार्जिंग सपोर्ट के साथ आते हैं जो पांच मिनट की चार्जिंग के साथ एक घंटे का प्लेबैक देता है। इयरफोन वॉटर रेजिस्टेंट के लिए IPX2 रेटेड हैं और सैमसंग के बिक्सबी वॉयस असिस्टेंट के साथ काम करते हैं। सैमसंग गैलेक्सी बड्स लाइव में एक्टिव नॉइज कैंसिलेशन और Qi वायरलेस चार्जिंग है। इसमें टच कंट्रोल मिलता है।


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कंपनी का का कहना है कि दोनों डिवाइस सैमसंग ओपेरा हाउस, सैमसंग डॉट कॉम और देश के प्रमुख ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से खरीदें जा सकेंगे।

सेगमेंट के सबसे पावरफुल इंजन के साथ लॉन्च हुई रेनो डस्टर 1.3 टर्बो पेट्रोल, शुरुआती कीमत 10.49 लाख रुपए August 17, 2020 at 01:05AM

रेनो ने 1.3 लीटर टर्बो पेट्रोल इंजन से लैस पॉपुलर एसयूवी डस्टर की कीमतों की घोषणा कर दी है। इसकी शुरुआती कीमत 10.49 लाख रुपए है। इसके मैनुअल ट्रांसमिशन में तीन ट्रिम्स, RXE, RXS और RXZ और सीवीटी ट्रांसमिशन में दो ट्रिम RXS और RXZ मिलेंगे। सीवीटी से लैस मॉडल की शुरुआती कीमत 12.99 लाख रुपए है। नई टर्बो पेट्रोल डस्टर को बाजार में पहले से मौजूद 1.5-लीटर पेट्रोल डस्टर के साथ बेचा जाएगा, जो पहले से ही 8.59 लाख रुपए शुरुआती कीमत के साथ उपलब्ध है।

2020 रेनो डस्टर वैरिएंट वाइस एक्स शोरूम कीमत
वैरिएंट 1.5L पेट्रोल (MT) 1.3L टर्बो पेट्रोल (MT) 1.3L टर्बो पेट्रोल (CVT)
RXE 8.59 लाख रु. 10.49 लाख रु. -
RXS 9.39 लाख रु. 11.39 लाख रु. 12.99 लाख रु.
RXZ 9.99 लाख रु. 11.99 लाख रु. 13.59 लाख रु.

नए इंजन में कितना है दम?

  • नए 1.3-लीटर टर्बो पेट्रोल इंजन, वही यूनिट है जो निसान किक्स में मिलती है और ये सेगमेंट में सबसे शक्तिशाली है। यह 1.5-लीटर K9K डीजल इंजन की जगह लेता है जो कि एक महत्वपूर्ण पावरट्रेन था जिसे रेनो-निसान कारों द्वारा साझा किया गया था।
  • पावर और टॉर्क के लिहाज से 1.3-लीटर टर्बो पेट्रोल 5500 आरपीएम पर 156 पीएस का पावर जनरेट करता है और 1600 आरपीएम पर 254 एनएम का टार्क जनरेट करता है।
  • टर्बो-पेट्रोल डस्टर में 6-स्पीड मैनुअल और 7-स्पेट सीवीटी ट्रांसमिशन ऑप्शन मिलते हैं।
  • कंपनी ने दावा किया कि मैनुअल ट्रांसमिशन में 16.5 किमी. प्रति लीटर और सीवीटी ट्रांसमिशन में 16.42 किमी. प्रति लीटर का माइलेज मिलेगा। बता दें कि यह यूनिट रेनो की इंटरनेशनल ऑफरिंग जैसे कि कज्जर (Kadjar) एसयूवी और अरकाना (Arkana) क्रॉसओवर के साथ-साथ एंट्री-लेवल मर्सिडीज-बेंज कारों जैसे ए-क्लास सेडान और जीएलए में भी मिलती है।
  • इसके अलावा, 106 हॉर्स पावर जनरेट करने वाला 1.5 लीटर नैचुलरी एस्पीरेटेड पेट्रोल इंजन भी बिक्री के लिए उपलब्ध होगा, इसमें सिर्फ 5-स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन मिलता है।

फीचर्स लिस्ट में क्या नया?

  • 2020 रेनो डस्टर के टॉप RXZ वैरिएंट में 17 इंच अलॉय व्हील, फ्यूल सेविंग इंजन स्टार्ट-स्टॉप फंक्शन और रिमोट प्री-कूलिंग केबिन के रूप में भी कई अपडेट्स मिले हैं।
  • पिछली फीचर लिस्ट में कोई बदलाव नहीं किया गया है जिसमें कार-प्ले और एंड्रायड ऑटो के साथ आठ इंच का टचस्क्रीन सिस्टम और सेफ्टी के लिहाज से एबीएस, इंजन इमोबिलाइज़र, ड्राइवर और फ्रंट पैसेंजर एयरबैग, ड्राइवर और पैसेंजर सीट बेल्ट रिमाइंडर, रिवर्स पार्किंग सेंसर, इलेक्ट्रॉनिक ब्रेकफोर्स डिस्ट्रीब्यूशन (ईबीडी) विद ब्रेक असिस्ट (बीए) और रेपिड डिसीलेरेशन वॉर्निंग शामिल हैं।


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इसके मैनुअल ट्रांसमिशन में तीन ट्रिम्स, RXE, RXS और RXZ और सीवीटी ट्रांसमिशन में दो ट्रिम RXS और RXZ मिलेंगे।

क्लच, गियर और ब्रेक भी आपकी कार की उम्र कम कर सकते हैं, ड्राइविंग के दौरान कभी न करें ये 10 गलतियां August 16, 2020 at 11:43PM

लगभग हर व्यक्ति को लगता है कि वो परफेक्ट ड्राइवर है लेकिन जाने-अनजाने में ड्राइविंग के दौरान हम सभी ऐसी गलतियां कर रहे होते हैं, जो गाड़ी की उम्र को कम कर रही होती है, लेकिन इसका पता हमें तब चलता है जब काफी देर हो चुकी होती है, पार्ट्स डैमेज हो चुके होते हैं। तो चलिए एक्सपर्ट से जानते हैं कि कार ड्राइव करने के दौरान हम क्या गलतियां करते हैं और इनसे कैसे बच सकते हैं...

1. गाड़ी समय पर वॉश न कराना

लगभग सभी को आउटिंग के लिए शौक होता है, बारिश हो या कोई भी मौसम फैमिली और फ्रेंड्स के साथ घूमने-फिरने किसे पसंद नहीं। खासतौर से बारिश के मौसम की बात की जाए, तो इस दौरान आउटिंग करने से गाड़ी की अंडर बॉडी में पानी और कीचड़ लग जाता है, जिससे जंग लगने का खतरा बढ़ जाता है। लंबे समय तक अगर गाड़ी वॉश न करवाई जाए, तो पार्ट्स डैमेज हो सकते हैं। ऐसे में बारिश के सीजन में गाड़ी साफ-सुथरी रखने की कोशिश करें। बारिश का मौसम जाने की बाद भी जिनकी रनिंग ज्यादा नहीं है उन्हें खासतौर से कार वॉश करा लेना चाहिए ताकि पार्ट्स में जंग लगने की टेंशन न रहे। हो सके तो सायलेंसर की कोटिंग करा लें क्योंकि यह बार-बार गर्म-ठंडा होता है और इसमें ऑक्सीडेशन की प्रोसेस तेज होती है इसलिए जल्दी जंग लगती है। बजट ज्यादा है को फुल बॉडी कोटिंग करा सकते हैं।

2. क्लच के ऊपर जोर देकर लंबे समय तक गाड़ी खड़ी रखना

इसे इस बात से समझा जा सकता है कि चढ़ाई चढ़ते वक्त यदि हम जाम में फंस जाते हैं तो हम गाड़ी न्यूट्रल कर हैंड ब्रेक लगाने की बजाए लगातार क्लच पर जोर देकर या हाफ क्लच में गाड़ी आगे बढ़ाते रहते हैं। जाम में फंसे होने से गाड़ी खड़ी रहती है लेकिन क्लच भी अपना काम कर रहा होता है, लंबे समय इस स्थिति में खड़े रहने पर क्लच पर जोर पड़ता है, जिसे उसके खराब होने के चांसेस बढ़ जाते हैं। इसलिए चढ़ाई पर यदि लंबा जाम हैं तो बेहतर होगा कि हैंड ब्रेक लगाकर गाड़ी न्यूट्रल कर लें।

3. गियर शिफ्ट करने के बाद भी क्लच पर पैर रखे रहना

बात अगर नए ड्राइवर की हो तो यह समस्या बहुत आम है लेकिन कई पुराने ड्राइवर भी अक्सर यह गलती करते हैं। एक्सपर्ट ने बताया कि गियर बदलने के तुरंत बाद क्लच से पैर हटा कर क्लच रेस्ट पर पैर रखें। अगर गाड़ी में क्लच रेस्ट नहीं है तो साइड में रख लें। ऐसे इसलिए क्योंकि पैर के वजन से भी क्लच के ऊपर कुछ न कुछ प्रेशर पड़ता है। हालांकि इससे क्लच डिस्क खराब नहीं होते हैं लेकिन प्रेशर प्लेट के फिंगर्स हार्ड हो जाते हैं, जिससे क्लच कुछ समय बाद टाइट लगने लगता है। लंबे समय तक अगर ऐसा करते हैं तो माइलेज पर तो फर्क पड़ेगा ही साथ ही क्लच में खराबी आने की संभावना बढ़ जाती है।

4. विंड शील्ड को पेपर से साफ करना

हम अक्सर विंड शील्ड को साफ करने के लिए पेपर को इस्तेमाल करते हैं। एक्सपर्ट ने बताया कि विंड शील्ड को पेपर से कभी साफ न करें, क्योंकि ये विंड शील्ड के लिए स्लो पॉइजन का काम करता है। क्योंकि पेपर कई तरह के मटेरियल से बना होता है, अगर हम कांच को पेपर से साफ करेंगे तो उसके छोटे-छोटे कण कांच को धीरे-धीरे खराब कर देंगे। हालांकि इसका असर काफी लंबे समय बाद नजर आता है। इसलिए विंड शील्ड साफ करने के लिए हमेशा माइक्रो फाइबर क्लॉथ से साफ करें। कोशिश करें, जिस कपड़े से गाड़ी का कांच साफ कर रहें हैं उससे किसी दूसरे चीज को साफ न करें, जिससे उस कपड़े में डस्टिंग और हैवी पार्टिकल्स के लगने की संभावना काफी कम हो जाएगी।
नोट- गर्मी में अगर गाड़ी घर के बाहर लंबे समय तक खड़ी रहती है, तो वाइपर ब्लेड आर्म को उठा दें, ताकि कांच वे विंड शील्ड के संपर्क में न रहें। इससे वाइपर ब्लेड की लाइफ बनी रहेगी।

5. हैंड ब्रेक लगाकर लंबे समय के लिए गाड़ी खड़ी कर देना

खासतौर से बारिश के मौसम में हैंड ब्रेक का इस्तेमाल सोच-समझ कर करें वरना जेब पर भारी पड़ सकता है। बारिश के मौसम में अगर हफ्ते या महीने भर के लिए कहीं गाड़ी खड़ी कर रहे हों तो हैंड ब्रेक न लगाएं। ऐसा करने से पिछले पहिए के ड्रम ब्रेक जाम हो सकते हैं। रिपेयरिंग के लिए मैकेनिक को उसी जगह आकर ड्राम ब्रेक खोलना पड़ेगा, और हो सकता है कि नए भी डलवाना पड़ जाएं।

6. बिना बटन दबाए हैंड ब्रेक खींच देना

कई बार देखने में आता है कि लोग बिना बटन दबाएं हैंड ब्रेक को पूरी ताकत से खींच देते हैं। लेकिन सही तरीका यह है कि हैंड ब्रेक रिलीजिंग बटन दबाकर ही पार्किंग ब्रेक को इंगेज करें। ऐसा नहीं करने पर लॉकिंग गियर खराब होने की संभावना बढ़ जाती है। सही तरीके से इस्तेमाल करेंगें तो हैंड ब्रेक की लाइफ बनी रहेगी।

7. टायर प्रेशर, व्हील बैलेंसिंग और अलाइनमेंट को नजरअंदाज करना

टायर प्रेशर न सिर्फ टायर बल्कि गाड़ी की लाइफ को बढ़ने में भी अहम भूमिका निभाते हैं लेकिन ज्यादातर लोग इस और ध्यान नहीं देते। जिसका परिणाम यह होता है कि हम जल्दी टायर बदलने पढ़ जाते हैं। एक्सपर्ट न बताया कि टायर्स की लंबी उम्र के लिए हर पांच हजार किलोमीटर पर व्हील बैलेंसिंग और हर 10 हजार किलोमीटर पर अलाइनमेंट और टायर रोटेशन करें। आमतौर पर कई कंपनी कई टायर्स की लाइफ 30 हजार किमी. क्लेम करती हैं लेकिन अब समय समय पर व्हील बैलेंसिंग-अलाइनमेंट कराते रहेंगे तो इन्हें 40 हजार किमी. तक भी यूज किया जाता सकता है। इसके अलावा लंबे समय कहीं गाड़ी खड़ी कर रहे हैं तो उसे आगे-पीछे करते रहें ताकि फ्लैट स्पॉट आने की संभावना न रहे।

8. गियर शिफ्टिंग पर ध्यान न देना

कई लोग फर्स्ट गियर पर गाड़ी स्टार्ट करके तेज एक्सीलेरेशन करते हैं और तुरंत बाद गियर बदलना शुरू कर देते हैं। इसका गाड़ी के इंजन पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है, जो थोड़े समय बाद दिखना भी शुरू हो जाता है जब इंजन में या क्लच में काम निकलता है। एक्सपर्ट ने बताया कि इंजन कि बेहतर लाइफ और माइलेज के लिए नॉर्मल और परफेक्ट गियर शिफ्टिंग करनी चाहिए। डीजल गाड़ियों में दो से ढाई हजार आरपीएम पर जबकि पेट्रोल गाड़ी में साढे तीन से चार के बीच में गियर शिफ्ट करें। इसे ऊपर आरपीएम में गियर शिफ्ट करेंगे तो इससे इंजन को नुकसान तो पहुंचगा ही साथ ही फ्यूल की खपत भी ज्यादा होगा।

9. पैसे बचाने के लिए कोई भी इंजन ऑयल डलवा लेना

गाड़ी पर खर्च करने के मामले में कई लोग थोड़े कंजूस हो जाते हैं। पैसे बचाने के चक्कर में कोई सा भी इंजन ऑयल डलवा लेते हैं, जोकि बिल्कुल गलत है। ऑयल की क्वालिटी का सीधा असर इंजन की लाइफ पर पड़ता है। इंजन को बेहतर तरीके से काम करने के लिए अच्छे ऑयल की जरूरत होती है, जिसकी विस्कोसिटी अच्छी हो। एक्सपर्ट ने बताया कि जिसकी गाड़ी साल भर में 50 से 60 हजार किमी. या उससे ज्यादा चलती है, तो उसे इंजन की लंबी उम्र के लिए फुल सिंथेटिक ऑयल डलवाना चाहिए क्योंकि उनकी गाड़ी की रनिंग और इंजन के चलने की घंटे काफी ज्यादा होते हैं, अगर रनिंग कम है तो अथॉराइज्ड सेंटर से मिनरल ऑयल डलवाया जा सकता है।

10. गाड़ी स्टार्ट करते ही दौड़ाने लगना

अक्सर लोग गाड़ी स्टार्ट करते ही उसे दौड़ाना शुरू कर देते है, जोकि बिल्कुल गलत है, क्योंकि इस समय इंजन पूरी तरह से तैयार ही नहीं होता है। खासतौर से सर्दियों के मौसम में ऑयल नीचे जमा हो जाता है, ऐसे में गाड़ी की लंबी उम्र के लिए जरूरी कि ऑयल अच्छी तरह से पूरे इंजन में सर्कुलेट हो जाएं। इसके लिए कर कम से कम एक मिनट के लिए कार स्टार्ट करके छोड़ दें ताकि ऑयल अच्छी तरह के इंजन में फैल जाए। ऐसा न करने पर पिस्टन समेत इंजन के अन्य पार्ट्स डैमेज हो सकते हैं, जो रिपेयर करवाना काफी खर्चीला काम हो सकता है।

नोट- सभी टिप्स मारुति सुजुकी के सर्विस मैनेजर मोहम्मद अहमद, हुंडई के सर्विस मैनेजर सिद्धार्थ गुप्ता और सर्विस सेंटर ऑनर मनप्रीत सिंह से बातचीत के आधार पर हैं

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एक्सपर्ट ने बताया कि अगर किसी की गाड़ी साल भर में 50 से 60 हजार किमी. या उससे ज्यादा चलती है तो उसे इंजन की लंबी उम्र के लिए फुल सिंथेटिक अलॉय डलवाना चाहिए।
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