Wednesday, July 8, 2020

इंस्टाग्राम ने लॉन्च किया टिकटॉक जैसा फीचर Reels, आज से भारत में रोलआउट July 08, 2020 at 02:31AM

इंस्टाग्राम भारतीय यूजर्स के लिए अपने नए फीचर रील्स (Reels) की टेस्टिंग शुरू कर दी है। टिकटॉक के विकल्प के तौर पर रील्स आज रात 7:30 बजे से भारत में रोलआउट होने लगेगा। बता दें कि इंस्टाग्राम का नया फीचर रील्स शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म टिकटॉक की तरह ही काम करता है। रील्स के जरिए यूजर 15 सेकेंड का वीडियो बना सकते हैं। इस वीडियो को ऑडियो फाइल्स या म्यूजिक ट्रैक के साथ एडिट किया जा सकता है।

इंस्टाग्राम इसे क्रिएटर्स के लिए एक अवसर के रूप देख रहा है

टिकटाॅक की तरह ही इंस्टाग्राम इसे क्रिएटर्स के लिए एक अवसर के रूप में भी देख रहा है। इंस्टाग्राम पहले से ही क्रिएटर्स के साथ पार्टनरशिप में है और लॉन्च से समय यूज़र्स को सबसे पहले ये एमी विर्क, कोमल पांडेय जैसे इंफ्लुएंसर्स के पेज के ज़रिए दिखेगा, लेकिन इंस्टाग्राम के प्रोडक्ट के वीपी विशाल शाह को रील्स के जरिए से 'भारत में अगला सुपरस्टार' मिलने की उम्मीद है।

रील्स इंस्टाग्राम स्टोरीज की सेक्शन में भी दिखेगा

इंस्टाग्राम रील्स के जरिए 15 सेकेंड की शॉर्ट वीडियो बनाई जा सकती है। वीडियो की बैकग्राउंड को बदला जा सकता है वहीं टिकटॉक की तरह ही स्पीड को भी कंट्रोल किया जा सकता है। इस सर्विस में टिकटॉक का 'Duet' फीचर भी यूजर्स को मिलेगा। रील्स इंस्टाग्राम स्टोरीज़ की सेक्शन में भी दिखेगा। पूरी वीडियो बनाने के बाद यूजर इसे अपनी इंस्टाग्राम स्टोरीज में शेयर कर सकेंगे। इसके अलावा यूजर अपने फ्रेंड्स को यह वीडियो डायरेक्ट भी भेज सकेंगे।
इंस्टाग्राम ने इस फीचर में म्यूजिक के लिए भारत में सारेगामा के साथ साझेदारी की है। ऐसे में म्यूजिक के साथ कॉपीराइट को लेकर किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं होने वाली है।

सरकार ने टिकटॉक समेत 59 चाइनीज ऐप बैन किए

इंस्टाग्राम का यह फीचर ऐसे समय में आ रहा है जब भारत सरकार ने टिकटॉक समेत 59 चाइनीज ऐप पर बैन लगा दिया है। इस बैन के बाद इन ऐप्स को गूगल प्ले स्टोर और एपल ऐप स्टोर से भी हटा दिया गया है। टिकटॉक के विकल्प में लोग चिंगारी ऐप को खूब पसंद कर रहे हैं। कुछ ही समय में इसके 2 करोड़ से ज्यादा डाउनलोड हो चुके हैं।



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इंस्टाग्राम का यह फीचर ऐसे समय में आ रहा है जब भारत सरकार ने टिकटॉक समेत 59 चाइनीज ऐप पर बैन लगा दिया है

हैकर ग्रुप ने भारत समेत 55 देशों की 570 ई-कॉमर्स स्टोर्स से डेटा चुराया, जानकारी बेचकर 52 करोड़ रुपए कमाए July 07, 2020 at 11:00PM

हैकर ग्रुप कीपर ने भारत समेत 55 देशों की करीब 570 ई-कॉमर्स स्टोर्स से डेटा चोरी किया है। बीते 3 साल यानी 2017 से अब तक इस ग्रुप ने 184,000 से ज्यादा क्रेडिट कार्ड की जानकारी लीक करके उसे डार्क वेबसाइट पर बेचकर 7 मिलियन डॉलर (लगभग 52.48 करोड़ रुपए) कमाए हैं।

थ्रेट इंटेलीजेंस फर्म जेमिनी एडवाइजरी के मुताबिक हैकर ग्रुप को कीमत के नाम से जाना जाता है। ये ग्रुप ऑनलाइन स्टोर्स के जानकारी चुरा रहा है। इसमें मुंबई स्थित ऑनलाइन ज्वैलरी स्टोर ejohri.com भी शामिल है। जिसने इसी साल फरवरी में कथित तौर पर समझौता किया था।

अमेरिकी वेबसाइट पर सबसे ज्यादा अटैक
जेमिनी की रिपोर्ट के मुताबिक, मैगेंटो सीएमएस पर संचालित 85% से अधिक विक्टिम साइट्स हैं। इन्हें मेगेकार्ट अटैक के लिए सबसे पहले टारगेट किया जाता है। दुनियाभर में इसके 250,000 से अधिक यूजर्स हैं। जिन वेबसाइट पर सबसे ज्यादा अटैक किया गया है उनमें अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और नीदरलैंड शामिल हैं।

इन वेबसाइट्स को बनाया शिकार
हैक की गई वेबसाइटों में ऑनलाइन साइकिल मर्चेंट milkywayshop.it, पाकिस्तान स्थित कपड़े की दुकान alkaramstudio.com, इंडोनेशिया स्थित Apple प्रॉड्कट रिसेलर ibox.co.id और अमेरिका स्थित प्रीमियर वाइन और स्पिरिट्स सेलर cwspirits.com शामिल हैं।

कीपर मेगेकार्ट ग्रुप ने सैंकड़ों डोमेन से समझौता करके कई ग्राहकों के भुगतान कार्ड की जानकारी निकाली है, जिन्हें अभी तक उजागर नहीं किया गया है।

साइबर अटैक जारी रहने की संभावना
रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनियाभर में कोविड-19 क्वारंटाइन उपायों के दौरान CNP (कार्ड नॉट प्रेजेंट) के आंकड़ों में 7 मिलियन डॉलर (करीब 52.48 करोड़ रुपए) से अधिक के रेवेन्यू और साइबर क्राइम में वृद्धि हुई है। कीपर द्वारा दुनियाभर के व्यापारियों पर साइबर अटैक जारी रखने की संभावना है।



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थ्रेट इंटेलीजेंस फर्म जेमिनी एडवाइजरी के मुताबिक हैकर ग्रुप को कीमत के नाम से जाना जाता है

इंस्टाग्राम का pin comments फीचर अब सभी के लिए उपलब्ध, यूजर्स अब एक साथ कर सकेंगे 25 कमेंट डिलीट, पोस्ट में कौन टैग कर सकेगा यह सुनिश्चित करने की सुविधा भी July 07, 2020 at 10:12PM

इंस्टाग्राम ने 'पिन कमेंट फीचर' को अब सभी के लिए रोल आउट कर दिया है। फोटो शेयरिंग प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम के इस फीचर का मई से ही टेस्टिंग चल रहा था। इस फीचर्स की मदद से यूजर्स अब अपने अकाउंट पर निगेटिव कमेंट को एक साथ डिलीट कर सकेंगे। साथ ही ट्रोल करने वाले यूजर्स के अकाउंट को ब्लॉक भी कर पाएंगे।

पॉजिटिविटी माहौलबनाए रखने में मदद

दरअसल, इंस्टाग्राम का यह फीचरयूजर्स कोउनके अकाउंट पर पॉजिटिव माहौल बनाए रखने में मदद करेगा।
द वर्ज की रिपोर्ट में बताया गया है कि प्लेटफॉर्म पर दुर्व्यवहार को रोकने और यूजर्स को अपने पोस्ट पर कंट्रोल बनाए रखने के लिए यह सुविधा शुरू की गई है।

एक बार में 25 ट्रोल कमेंट को डिलीट कर सकेंगे

इंस्टाग्राम यूजर्स एक बार में अधिकतम 25 ट्रोल कमेंट को डिलीट कर सकेंगे। एंड्राइड यूजर्स ट्रोल कमेंट को सीधे प्रेस और होल्ड करके डिलीट कर पाएंगे। जबकि iOS यूजर्स को कमेंट पर टैप करना होगा। उसके बाद टॉप राइट कॉर्नर पर डॉटेड आइकन दिखेगा। इस तरह यूजर्स उस कमेंट को डिलीट कर पाएंगे। इसके अलावा ट्रोल कमेंट को थोक में डिलीट करने के कई अन्य ऑप्शन भी दिए गए हैं।

एक से ज्यादा पिन कमेंट कर सकेंगे लिंक

इस फीचर की मदद से यूजर्स एक से ज्यादा पोस्ट को टॉप पर पिन कमेंट के तौर पर पेस्ट कर सकेंगे। साथ ही यूजर्स सेट कर सकेगा कि कौन उसे इंस्टाग्राम पर टैग और मेंशन कर सकता है। इसके लिए Everyone, Only people you follow और No one ऑप्शन मिलेगा।



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इस फीचर की मदद से यूजर्स एक से ज्यादा पोस्ट को टॉप पर पिन कमेंट के तौर पर पेस्ट कर सकेंगे

H.266 कोडेक तकनीक 4K और 8K टीवी पर वीडियो स्ट्रीमिंग का डेटा आधा करेगी, इसके लिए चिप डेवलप करने की जरूरत July 07, 2020 at 08:06PM

फ्राउनहोफर हेनरिक हर्ट्ज इंस्टीट्यूट के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कम्प्यूटर साइंस डिवीजन ने वीडियो से जुड़ी नई वीवीसी टेक्नोलॉजी की घोषणा की है। रिसर्चर का ऐसा दावा है कि वर्सटाइल वीडियो कोडिंग (VVC) की मदद से वीडियो स्ट्रीमिंग के दौरान लगभग आधा डेटा ही खर्च होगा। बता दें कि फ्राउनहोफर इंस्टीट्यूट जर्मन रिसर्च ऑर्गनाइजेशन के हिस्सा है।

कोडेक का पूरा नाम H.266/वर्सटाइल वीडियो कोडिंग है। फ्राउनहोफर का कहना है कि इसे इंडस्ट्री-स्ट्रैंडर्ड H.264/एडवांस वीडियो कोडिंग (AVC) और H.265/हाई इफिशिएंसी वीडियो कोडिंग (HEVC) फॉर्मेट के सक्सेसर के तौर पर तैयार किया गया है। ये आज बाजार में ग्लोबल डिजिटल ट्रांसमिशन और कम्प्रेशन का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा है।

HEVC को पहली बार 2013 में जारी किया गया था, लेकिन कोडेक का अपने कई स्टेकहोल्डर्स से पेटेंट कंट्रोवर्सी के चलते विवादास्पद साबित हुआ है। यही कारण है कि AVC 2003 में पहली बार रिलीज होने के बावजूद भी HEVC प्रमुख मानक बना हुआ है।

हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर कंपनियों को होगा फायदा
फ्राउनहोफर का कहना है कि वीवीसी इंडस्ट्री के लिए एक रास्ता हो सकता है, क्योंकि वर्तमान में लगभग हर बड़ी हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर कंपनी एक फिक्स पेटेंट रॉयल्टी सिस्टम में बंधी हुई हैं। यह सुनिश्चित करती है कि विभिन्न स्टेकहोल्डर्स को उपकरणों, वेबसाइटों और ऐप्स के लिए विभिन्न कम्प्रेशन और ट्रांसमिशन मानकों का उपयोग करने के लिए कितना भुगतान करना होगा। फ्राउनहोफर के मुताबिक वीवीसी के साथ आप बिना किसी लाइसेंसिंग सिरदर्द के एवीसी और एचईवीसी से कुछ बेहतर कर सकते हैं।

नेटवर्क कम होने पर ट्रांसमिशन को बेहतर करेगी
जहां मोबाइल नेटवर्क कम होता वहां H.266/VVC वीडियो ट्रांसमिशन को बेहतर बनाता है। जैसे, पिछले स्टैंडर्ड H.265/HEVC में 90 मिनट के UHD वीडियो की स्ट्रीमिंग के लिए 10 गीगाबाइट डेटा की आवश्यकता होती है, लेकिन नई तकनीक में इसके लिए 5 गीगाबाइट डेटा की आवश्यकता होगी। क्योंकि H.266/VVC को अल्ट्रा हाई रिजॉल्यूशन वीडियो कंटेंट को ध्यान में रखते हुए डेवलप किया गया है। इसलिए फ्लैट स्क्रीन टीवी पर 4K या 8K वीडियो स्ट्रीमिंग करते समय नया स्टैंडर्ड फायदेमंद होता है।

एपल, माइक्रोसॉफ्ट ने भी तकनीक पर काम किया
कोडेक, जिसे H.266 और वर्सटाइल वीडियो कोडिंग (VVC) दोनों कहा जाता है, इस पर एपल, माइक्रोसॉफ्ट, क्वालकॉम, एरिक्सन, इंटेल और हुवावे ने इसके डेवलपमेंट पर काम किया था। फ्राउनहोफर को उम्मीद है कि आने वाले समय में स्मार्टफोन और अन्य कैमरे फॉर्मेट से रिकॉर्डिंग के दौरान इसका इस्तेमाल किया जाएगा। हालांकि, इसेके लिए पहले चिप को डेवलप करने की जरूरत है।



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रिसर्चर का ऐसा दावा है कि वर्सटाइल वीडियो कोडिंग (VVC) की मदद से वीडियो स्ट्रीमिंग के दौरान लगभग आधा डेटा ही खर्च होगा
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