Tuesday, June 30, 2020

भारत में 2 जुलाई को लॉन्च हो रहा है सस्ता OnePlus TV कीमत होगी 20 हज़ार रुपए से भी कम June 30, 2020 at 05:49AM

सर्वश्रेष्ठ क्वलिटी और बेहतरीन इनोवेशन के लिए OnePlus की पहचान दुनियाभर में है। प्रीमियम स्मार्टफोन सेगमेंट में OnePlus ने भारतीय उपभोक्ताओं का दिल जीता है और अपने बेहतरीन स्मार्ट टीवी के साथ OnePlus ने दो साल पहले भारतीय प्रशंसकों को लुभाया है। अब सबसे अच्छी बात यह है कि OnePlus जल्दी ही भारत में बहुत ही आकर्षक कीमत पर नए स्मार्ट टीवी लॉन्च कर रहा है।

2 जुलाई को होगा लॉन्च
OnePlus के नए स्मार्ट टीवी के मॉडल्स का लॉन्च 2 जुलाई को शाम 7 बजे होगा। OnePlus ने भारत में लॉन्च होने वाले स्मार्ट टीवी की कीमत के बारे में कुछ संकेत भी दिए हैं। यदि कंपनी के ट्विटर पर दिए गए टीज़र पर भरोसा करें तो यह टीवी 20 हजार रुपए से भी कम कीमत का हो सकता है। OnePlus ने ट्वीट में कहा कि नया OnePlus टीवी 1x,999 के प्राइसटैग में आएगा। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि नए टीवी की कीमत 10,999 रुपये से 19,999 रुपये के बीच हो सकती है।

लॉन्च हो सकते हैं तीन मॉडल
अंदाजा लगाया जा रहा है कि OnePlus इस दौरान दो या तीन नए मॉडल लॉन्च कर सकती है। इनमें से एक स्मार्ट टीवी बजट सेगमेंट और दूसरा मिड-रेंज सेगमेंट का हो सकता है। कुछ रिपोर्ट्स का यह भी कहना है कि बजट लाइनअप में एक नहीं, बल्कि इससे ज्यादा स्मार्ट टीवी भी हो सकते हैं। इनकी कीमत 20 से 50 हजार रुपए के बीच हो सकती है। चर्चा है कि OnePlus का नया टीवी मीडियाटेक चिपसेट के साथ आएगा।

वर्ष 2018 में लॉन्च हुए थे दो स्मार्ट टीवी
OnePlus ने 2018 में स्मार्ट टीवी सेगमेंट में कदम रखा था। उस समय लॉन्च किए गए दो स्मार्ट टीवी OnePlus TV Q1 और Q1 प्रो को भारत में जबरदस्त रेस्पॉन्स मिला था। उस वक्त स्टैंडर्ड मॉडल की कीमत 69,990 रुपये और प्रो मॉडल की कीमत 99,900 रुपये थी। अब OnePlus सभी उपभोक्ताओं को अपने साथ जोड़ने के लिए काफी आकर्षक कीमत में स्मार्ट टीवी लॉन्च करने जा रही है।

क्या हो सकती हैं कीमतें!
माना जा रहा है कि 32 इंच मॉडल की कीमत 19,999 रुपये, 43 इंच मॉडल की कीमत 29,999 रुपये और 55 इंच मॉडल की कीमत 49,999 रुपये या इससे कम हो सकती है। नए लॉन्च होने वाले स्मार्ट टीवी में HD, फुल HD और क्वाड HD रिज्यालूशन का डिस्प्ले हो सकता है। OnePlus के स्मार्ट टीवी में बेहद पतले बेजल, Dolby Vision और Dolby Atmos का सपॉर्ट और काफी स्लिम बॉडी मिलती है। इसमें शानदार सिनमैटिक डिस्प्ले भी यूजर्स को मिल सकता है।

यहां देखें लॉन्च इवेंट
OnePlus के नए स्मार्ट टीवी का लॉन्च इवेंट 2 जुलाई को शाम 7 बजे होगा। यदि आप इस लॉन्च इवेंट को लाइव देखना चाहते हैं तो यूट्यूब स्ट्रीमिंग के इसलिंक पर क्लिक करें



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Reasonable OnePlus TV launching in India on July 2, price will be less than 20 thousand rupees

सामने आईं बीएस 6 रेनो ट्राइबर की माइलेज डिटेल्स, मिलेगा 19kpl तक का माइलेज; बीएस 4 मॉडल की तुलाना में सिर्फ 1kpl कम June 30, 2020 at 01:39AM

रेनो ट्राइबर का बीएस 4 कंप्लेंट पेट्रोल इंजन अगस्त 2019 में लॉन्च हुआ था। वहीं 2020 की शुरुआत में इसे बीएस 6 कंप्लेंट 1.0-लीटर नैचुरली एस्पिरेटेड पेट्रोल इंजन के साथ लॉन्च किया था। कुछ दिन इसका ऑटोमैटिक वैरिएंट भी बाजार में उतारा गया, जो 5-स्पीड AMT गियरबॉक्स से लैस है।
नए एमिशन नॉर्म्स में अपग्रेड किए जाने के बाद बीएस 6 ट्राइबर का माइलेज पुराने बीएस 4 मॉडल की तुलना में थोड़ा कम हो गया है जैसे की अन्य कारों में भी देखने को मिलता है। 5-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स के साथ ट्राइबर का ARAI सर्टिफाइड माइलेज 19kpl है, यह BS4 वैरिएंट से 1kpl कम है। वहीं नए AMT वैरिएंट का ARAI सर्टिफाइड माइलेज 18.29kpl है।

प्रतिद्वंदीयों की तुलना में रेनो ट्राइबर की फ्यूल इकोनॉमी?

  • कीमत के मामले में रेनो ट्राइबर कंपनी की ही डटसन गो+ से थोड़ी ही मंहगी है और अपने प्रतिद्वंदी जैसे हुंडई ग्रैंड i10 निओस, मारुति सुजुकी स्विफ्ट और फोर्ड फिगो की तुलना में काफी सस्ती है।
ट्राइबर गो+ ग्रैंड i10 निओस स्विफ्ट फिगो
इंजन

1.0 लीटर,3 सिलेंडर,नैचुरली एस्पिरेटेड

1.2 लीटर,3 सिलेंडर,नैचुरली एस्पिरेटेड 1.2 लीटर,4 सिलेंडर,नैचुरली एस्पिरेटेड 1.2 लीटर,4 सिलेंडर,नैचुरली एस्पिरेटेड 1.2 लीटर,3 सिलेंडर,नैचुरली एस्पिरेटेड
ARAI माइलेज (MT) 19kpl 19.02kpl 20.7kpl 21.21kpl 18.5kpl
ARAI माइलेज (AMT) 18.29kpl 18.57kpl 20.5kpl 21.21kpl -
  • ऊपर दी गई टेबल से, हम देख सकते हैं कि जबकि ट्राइबर में जहां सात लोगों के बैठने की सुविधा मिलती है वहीं इसका इंजन बाकी सभी कारों की तुलना में कम पावरफुल है बावजूद इसमें दूसरा सबसे कम ARAI माइलेज आंकड़ा मिलता है। हालांकि माइलेज डैटसन गो+ की तुलना में थोडा ही कम हैं, जो मैनुअल में 0.2kpl अधिक और ऑटोमैटिक में 0.28kpl अधिक माइलेज प्रदान करता है।
  • बिना किसी संदेह के, यह मारुति सुजुकी स्विफ्ट है यह मोस्ट फ्यूल एफिशिएंट कार है, क्योंकि यह मैनुअल और ऑटोमैटिक दोनों वैरिएंट में 21.21kpl माइलेज प्रदान करती है। दूसरी ओर फोर्ड फिगो में 18.5kpl के साथ सबसे कम फ्यूल इकोनॉमी मिलती है जो मैनुअल वैरिएंट की है और वर्तमान में ऑटोमैटिक वैरिएंट के आंकड़े उपलब्ध नहीं है। बता दें कि हम ARAI टेस्टेड माइलेज की बात कर रहे हैं तो वास्तविक दुनिया में हमेशा कम होते हैं। हुंडई ग्रैंड आई 10 निओस टर्बो 100hp, 1.0-लीटर, टर्बो-पेट्रोल इंजन को इस तुलना से बाहर रखा गया है।

प्रतिद्वंदीयों की तुलना में रेनो ट्राइबर की कीमत?

ट्राइबर गो+ ग्रैंड i10 निओस स्विफ्ट फिगो
कीमत 4.99-7.22 लाख रु. 4.20-6.90 लाख रु. 5.07-7.69 लाख रु. 5.14-7.97 लाख रु. 5.39-6.95 लाख रु.
  • इस लाइन-अप में सबसे सस्ती कार डैटसन गो+ है, इसके बेस वैरिएंट की कीमत 4.20 लाख रुपए है, जो कि ट्राइबर (लिस्ट में दूसरा सबसे किफायती मॉडल) के मुकाबले 79,000 रुपए सस्ती है। वहीं सबसे ज्यादा कीमत वाली मारुति सुजुकी स्विफ्ट है, जो अपने टॉप वैरिएंट डैटसन गो+ के टॉप वैरिएंट से 1.07 लाख रुपए और टॉप-स्पेक ट्राइबर से 75,000 रुपए महंगा है। सभी दिल्ली एक्स-शोरूम कीमते हैं।


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रेनो ट्राइबर का बीएस 4 कंप्लेंट पेट्रोल इंजन अगस्त 2019 में लॉन्च हुआ था

भारतीय यूजर्स के पास चीन के हर प्रतिबंधित ऐप का विकल्प मौजूद; 59 ऐप्स के रिप्लेसमेंट की पूरी लिस्ट देखिये June 30, 2020 at 01:18AM

भारत सरकार ने 59 चाइनीज ऐप्स पर बैन लगा दिया। इनमें टिक टॉक, यूसी ब्राउजर, हेलो और शेयर-इट जैसे ऐप्स शामिल हैं। ऐसे में इन ऐप्स का इस्तेमाल कर रहे यूजर्स के पास अब क्या विकल्प बचे हैं? उनके डाटा का क्या होगा? क्या चाइनीज ऐप्स के विकल्प के तौर पर दूसरे ऐप्स मौजूद हैं? यदि हैं तो वे कौन से ऐप्स हैं? ये कुछ ऐसे सवाल हैं, जो हर किसी के जेहन में चल रहे हैं। इनके जवाब हम एक्सपर्ट्स के जरिए दे रहे हैं।
सरकार ने जिन 59 ऐप्स पर बैन लगाया हैं, उनमें सबसे ज्यादा 18 ऐप्स यूटीलिटी कैटेगरी के हैं। 8 ऐप्स वीडियो शेयरिंग हैं। 6 सोशल मीडिया ऐप्स हैं।

खुद ही यूज बंद कर देना चाहिए

माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के लाेकलाइजेशन डायरेक्टर और टेक एक्सपर्ट बालेन्दु शर्मा दाधीच कहते कि यूजर्स के पासबहुत सारे विकल्प हैं। इन सभी 59 ऐप्स के विकल्पगूगल प्ले स्टोरऔर iOS प्लेटफॉर्म्स पर मौजूद हैं। लेकिन सबसे पहले आपको एक जिम्मेदार नागरिक के तौर पर इन्हें खुद ही यूज करना बंद कर देना चाहिए, क्योंकि अब ये ऐपगैरकानूनी हो चुके हैं।

  • चीन के 59 ऐप्स और उनके विकल्प-

सरकार का आदेशकैसे लागू होगा?

  • दाधीच के मुताबिकसरकार गूगल को प्ले स्टोर और एपल को अपने iOS प्लेटफार्म्स से इन ऐप्स को हटाने का निर्देश दे देगी। इसके बाद इंटरनेट सर्विस प्रोवाइड(आईएसपी) को इन ऐप्स का डाटा ऐक्सस न करने देने और टेलीकॉम कंपनियों को इन्हें नेटवर्क नहीं मुहैया कराने का आदेश दे देगी। फिर यह ऐप्स काम करना पूरी तरह बंद कर देंगे।

ऐप्सका ऐक्सेस कैसे बंद होगा ?

  • यूजर्स को जो कंपनियां इंटरनेट नेटवर्क देती हैं। जैसे- एयरटेल, जियो, बीएसएनल आदि। ये यूजर्स को दो तरीके से इंटरनेट नेटवर्क देती हैं। एक मोबाइल नेटवर्क के जरिए। दूसरा ब्रॉडबैंड कनेक्शन के जरिए।
  • इन कंपनियों के नेटवर्क को यूजर्स को देने का काम इंटरनेट सर्विस प्रोवाइड(आईएसपी) करते हैं। इन्हीं के जरिए पूरी दुनिया का डाटा आता है। यानी दुनिया के किसी भी देश से जो भी डाटा भारत आएगा, वो आईएसपी के जरिए ही आएगा। इसी तरह जो डाटा भारत से विदेश जाएगा, वो भी आईएसपी के जरिए ही जाएगा।
  • सरकार के निर्देश के बाद किसी भी वेबसाइट या ऐप को बैन करने के लिए इंटरनेट कंपनियों को बस एक फिल्टर लगाना होता है। उसके बाद यूजर्स इस पर मौजूद कोई भी डाटा एक्सेस नहीं कर पाते हैं।

लोगों के पसर्नल डाटा का क्या होगा?

  • चाइनीज ऐप्स का इस्तेमाल कर रहे यूजर्स को अपने जरूरी डाटा और डॉक्यूमेंट्स काे जल्द ही अपने मोबाइल परडाउनलोड कर लेना चाहिए। क्योंकि अब एक से दो दिन में यह पूरी तरह से बंद हो जाएंगे। और कोई चांस नहीं है।
  • सभी ऐपकंपनियों के सर्वर चीन में हैं।यदि तकनीकी तौर पर येकंपनियां लोगों के डाटा डिलीट नहीं करती हैं, तो उनका डाटा डिलीट नहीं होगा। लेकिन इसके बावजूद यूजर्स अपने डाटा एक्सेस नहीं कर पाएंगे। यानी वे अपने वीडियो, फोटो, फाइल्स आदि को आगे देख नहीं पाएंगे।

क्या ऐपभी डिलीट हो जाएंगे?

  • ऐपनहीं डिलीट होंगे, उन्हें आपको खुद डिलीट करना होगा। बस आप सर्वर तक नहीं पहुंच पाएंगे। यानी उन ऐपपर मौजूद आप अपने फोटो, वीडियो और अन्य फाइलें नहीं देख पाएंगे।

क्या जिनके मोबाइल में पहले से ऐपहैं, वे इन्हें यूज कर पाएंगे?

  • बिल्कुल नहीं। ये पूरी तरह से बैन हो गए हैं। कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आपने पहले डाउनलोड किया है या अब डाउनलोड किया है। अब कोई भी नागरिक भारत में इन ऐप्स को इस्तेमाल नहीं कर पाएगा।

चीनी ऐप्स किस तरह की प्राइवेसी को तोड़ रहे थे?

  • चीन ऐप्स असुरक्षित थे। क्योंकि जब किसी ऐप को इंस्टॉल करते हैं, तो आप यह मंजूरी दे चुके होते हैं कि वो आपकी फोटो को, वीडियो को, संदेशों को, फाइलों को, डाटा को ऐक्सेस कर सकता है। इसके बाद वह आपके डाटा का क्या करता है, यह उस कंपनी पर निर्भर करता है।
  • कुछ संस्थान बाकयदा अनुमति लेते हैं कि वे आपके डाटा का इस्तेमाल कर सकते हैं, कुछ संस्थान इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं लेते हैं। लेकिन कई कंपनियां बिना अनुमति के भी डाटा चोरी करती हैं।
  • फिलहाल, भारत-चीन के बीच जो परिस्थिति है, उसमें चीनी कंपनियां हमारे डाटा का कुछ भी कर सकती हैं। चीन का पुराना रिकॉर्ड भी इस मामले में विश्वसनीय नहीं है। साइबर हमलों में भी वो माहिर हैं। इसलिए सरकार ने सोच समझकर फैसला किया है। क्योंकि इन ऐप्स का इस्तेमाल सरकार और सेना से जुड़े लोग भी करते हैं।

प्रोत्साहन मिले तो भारत में भी बन सकते हैं ऐसे ऐप
दाधीच कहते हैं कि चीन वैसे भी कोई सॉफ्टवेयर पॉवर नहीं है, वह बस हॉर्डवेयर का पॉवर है। अपने देश में भी ऐसे नए ऐप्स बन सकते हैं। बस थोड़ा आर्थिक प्रोत्साहन की जरूरत है। अभी हमारे यहां स्टार्टअप्स को बहुत संघर्ष करना पड़ता है। हमारे बहुत से सॉफ्टवेयर डेवलपर विदेशी कंपनियों के लिए काम करते हैं।

भारत में पहले से ही विदेशी ऐप मौजूद, इसलिए भी नहीं बनते
इसके अलावा हमारे यहां पहले से ही बहुत बड़ी संख्या मेंविदेशी ऐप्स मौजूद हैं, जो पाॅपुलर भीहैं, इसलिए भी देशी स्टार्टअप्स ऐसे ऐप्स नहीं बनाते हैं। जबकि चीन में अधिकतर विदेशी ऐप्स बैन हैं। इसके चलते वहां लोकल ऐप्स ज्यादा बनते हैं। वहां सरकार प्रोत्साहन भी ज्यादा देती है। लेकिन हमारे ऐप्स भी दुनिया में पाॅपुलर हो सकते हैं, बस थोड़ा नयापन लाना होगा। हमारे देश के कई ऐप्स बहुत पॉपुलर भी हैं, जैसे पेटीएम, शेयर चैट, फ्लिपकार्ट आदि।



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Chinese Banned Apps Alternatives | Complete List (2020 Update) - Popular Chinese Apps' Alternatives on Android, iOS

लाखों में कमाई करने वाले टिकटॉक स्टार्स अब देसी ऐप की तरफ कर रहे मूव, टिकटॉक बैन होने से दो हजार कर्मचारियों की नौकरी खतरे में June 30, 2020 at 12:00AM

चाइनीज ऐप टिकटॉक के बैन होने से दो हजार भारतीयों की नौकरी खतरे में आ गई है। भारत में टिकटॉक के डेवेलपर बाइटडांस में करीब 2000-2200 लोग काम करते हैं। वहीं, कई ऐसे टिकटॉक स्टार्स हैं, जो इस शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म के जरिए एक वीडियो से लाखों की कमाई करते हैं। हालांकि, टिकटॉक की तरफ से यह आश्वासन दिया गया है कि सरकार से बातचीत कर जल्द ही कुछ निष्कर्ष निकाला जाएगा। बता दें कि टिकटॉक के मजबूत बाजारों में से भारत एक है। एक रिपोर्ट के अनुसार, टिकटाॅक के दुनियाभर में करीब 80 करोड़ यूजर्स हैं। इनमें भारत मेंलगभग 20करोड़ यूजर्स हैं।

टिकटॉक के एक कर्मचारी ने बताया कि हम सालों से टिकटॉक में काम करते हैं। अब नौकरी जाने का डर बना हुआ है। हालांकि, इस पर कंपनी की तरफ से अभी कोई जानकारी नहीं दी गई है।

अब क्या करेंगे टिकटॉक के स्टार्स ?

टिकटॉक के स्टार्स अब देसी शॉट वीडियो प्लेटफॉर्म रोपोसो (ROPOSO) और चिंगारी जैसे ऐप की तरफ मूव कर रहे हैं। रोपोसो के फाउंडर और InMobi Group के सीईओ नवीन तिवारी ने मनी भास्कर को बताया कि भारत-चीन विवाद के बाद से ही हमारे प्लेटफॉर्म रोपोसो पर यूजर्स की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है। पिछले 10 दिनों में टिकटॉक के कई बड़े स्टार्स हमारे ऐप से जुड़े हैं। इनमें वरूण सोनी (टिकटाॅक पर 2.8M फाॅलोवर्स), पायल कोहली (टिकटाॅक पर 2.1M फाॅलोवर्स), उल्हास कमहटे (टिकटाॅक पर 6.8 M फाॅलोवर्स), अंसारी जीशान (टिकटाॅक पर 1.2M फाॅलोवर्स) जैसे टिकटॉक स्टार्स ने इस प्लेटफॉर्म को ज्वाइन किया है। कंपनी ने कहा कि हम टिकटॉक स्टार्स जिनके कंटेंट अच्छे होते हैं उन्हें अपने प्लेटफॉर्म पर टैलेंट शो करने का मौका देंगे। वे यहां से कमाई कर सकते हैं। बता दें कि रोपोसो भारतीय ऐप है और इसे टिकटॉक का सबसे बड़ा राइवल माना जाता है।

ब्रैंड भी कर रहे हैं देसी ऐप की ओरमूव

वहीं एक ब्रैंड के जानकार ने बताया कि कुछ बड़े ब्रैंड अब देसी ऐप को स्पान्सर्ड करेंगे। इनमें 5 बड़े ब्रैंड्स का रोपोसो से तो 2 ब्रैंड ने चिंगारी से डील करने को लेकर बातचीत की है। इन ब्रैंड्स का टिकटॉक स्टार्स के साथ डील है जो कि अब अन्य प्लेटफॉर्म के जरिए स्पांसर करेगी।

टिकटाॅक पर मोटी रकम कमाने के कारण स्टार्स ने छोड़ी थी जाॅब

  • इंग्लिश सिखाकर एक वीडियो से 1 लाख तक कमा लेते थे

मोटिवेशनल स्पीकर अव्वल (Awal TsMadaan) टिकटाॅक पर इंग्लिश बोलना सिखाते हैं। हिन्दी के शब्दों व वाक्यों को इंग्लिश में कैसे बोलते हैं, वे इस पर वीडियो बनाते हैं। टिकटाॅक पर अव्वल के 6 मिलियन (60 लाख) फाॅलोवर्स थे।
अव्वल ने मनी भास्कर से बातचीत में बताया कि वे पिछले एक साल से टिकटाॅक ऐप से जुड़े हुए हैं। इन्हें कई बड़ी कंपनियों ने स्पाॅन्सर किया है और इसके लिए उन्हें लाखों रुपए तक मिले हैं।
अव्वल बताते हैं, 'पहले मैं एक इंटरनेशनल एजेंसी में जाॅब करता था लेकिन टिकटाॅक पर अच्छा रिस्पांस मिलने के बाद मैंने जॉब छोड़ दी और टिकटाॅक पर ही फुल टाइम देने लगा।'' वे बताते हैं कि जितनी सैलेरी उन्हें उस कंपनी में मिलती थी उससे तीन गुना ज्यादा रकम टिकटाॅक पर एक छोटी सी वीडियो से मिल जाती थी। अव्वल ने बताया इसके लिए कंपनियां आपके फॉलोवर्स और कंटेंट देखती हैं और फिर उसके मुताबिक उससे संबंधित कंपनी, एजेंसी, एनजीओ अपना प्रमोशन करवाती थी। अव्वल को कई एजुकेशनल ऐप व संस्थानों से ऐड मिलता था।

  • ब्रैंड्स 1 मिनट के ऐड के 80 हजार रुपए तक देती थी गुंजन को

दिल्ली की रहने वाली गुंजन टिकटाॅक वीडियो के जरिए लोगों को हेल्थ के प्रति जागरूक करती थी। शुरुआत में उन्होंने यह काम शौकिया तौर पर किया, लेकिन बाद में वीडियो पर ऐड के लिए कॉन्टैक्ट्स मिलने लगे तब गुंजन ने इसमें बतौर करियर काम करना शुरू कर दिया। उन्होंने बातचीत में बताया कि मैं अभी एक मीडिया एजेंसी में काम करती थी, लेकिन टिकटाॅक पर टाइम नहीं पाने के कारण जाॅब से रिजाइन दे दिया था। उसके बाद से पूरा टाइम टिकटाॅक पर देती थी ताकि अधिक से अधिक कंपनियों के लिए वीडियो बना सकें। गुंजन को एक वीडियो के लिए कंपनी 20 से 30 हजार रुपए पेमेंट करती थी। गुंजन के मुताबिक, उन्हें हर दिन 4 से 5 कंपनियां अपने प्रोडक्ट के प्रमोशन के लिए अप्रोच करती थी। वे कहती हैं 'हर कंपनी अपने बजट के मुताबिक डील करती थी। छोटी कंपनियां एक ऐड वीडियो के 5 से 10 हजार रुपए तक देती हैं तो नाइका, वीवो, ओप्पो और पूमा जैसे ब्रांड 1 मिनट के ऐड के 80 हजार रुपए तक पेमेंट करने को तैयार रहती हैं।' टिकटॉक अकाउंट पर गुंजन के 3 मिलियन से ज्यादा फॉलोवर्स थे।

कंपनी सरकार के सामने रखेगी अपना पक्ष- टिकटाॅक

टिकटॉक इंडिया के प्रमुख निखिल गांधी की तरफ से मंगलवार को जारी बयान में कहा गया है कि हमने किसी भी भारतीय टिकटॉक यूजर की कोई भी जानकारी विदेशी सरकार या चीनी सरकार को नहीं दी है। उन्होंने कहा है कि इस मसले को लेकर क्लियरिफिकेशन और जवाब के लिए संबंधित सरकारी पक्षों से मिलने के लिए बुलाया गया है।

भारतीय यूजर्स के डेटा अमेरिका और सिंगापुर के सेंटर्स में होते हैं

कंपनी के सूत्रों ने बताया कि ऐसे में निखिल सरकार के सामने भारतीय यूजर्स के डेटा शेयरिंग को लेकर बात रखेंगे क्योंकि कंपनी पहले से ही भारतीय यूजर्स के लिए सुरक्षित और भरोसेमंद सेवाओं के विकल्पों की जांच के प्रोसेस पर काम कर रहा है। बाइटडांस पहले से ही भारत में एक डेटा सेंटर स्थापित करने की योजना बना रही है।
बाइटडांस के बयान के मुताबिक, भारत में हमारे प्लेटफॉर्म के लॉन्च के बाद से हमने अपने भारतीय यूजर्स के डेटा को अमेरिका और सिंगापुर के सेंटर्स में रखा है। भारतीय यूजर्स के डेटा का चीनी सर्वर से लेना देना नहीं है।



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टिकटॉक की तरफ से यह आश्वासन दिया गया है कि सरकार से बातचीत कर जल्द ही कुछ निष्कर्ष निकाला जाएगा

सैमसंग ने लॉन्च की नई QLED 8K टीवी रेंज, प्री-बुकिंग करने पर मिलेंगे दो गैलेक्सी S20+ स्मार्टफोन June 29, 2020 at 11:10PM

सैमसंग ने मंगलवार को भारत में प्रीमियम फीचर्स से लैस 2020 लाइफस्टाइल टेलीविजन का नया पोर्टफोलियो लॉन्च किया। इसमें 'द सेरिफ' और 2020 QLED 8K TV लाइन शामिल हैं। सेरिफ तीन साइज में उपलब्ध होगी। इसके 43-इंच मॉडल की कीमत 83900 रुपए, 49-इंच मॉडल की कीमत 1,16,900 रुपए जबकि 55-इंच मॉडल की कीमत 1,48,900 रुपए हैं। कंपनी ने बताया कि सेरिफ 8 जुलाई से 17 जुलाई तक अमेजन पर बिक्री के लिए उपलब्ध होगी।

QLED 8K टीवी: भारत में कीमत
कंपनी ने सैमसंग की हाई-एंड QLED 8K टीवी की नई रेंज भी लॉन्च की है। इसके 65 इंच मॉडल की कीमत 4.99 लाख रुपए, 75 इंच मॉडल की कीमत 9.99 लाख रुपए, 82 इंच मॉडल की कीमत 14.29 लाख रुपए जबकि 85 इंच मॉडल की कीमत 15.79 लाख रुपए है। 2020 QLED 8K टीवी रेंज इंडस्ट्री-लीडिंग पिक्चर क्वालिटी, ब्रीद टेकिंग डिजाइन और स्मार्ट कैपेबिलिटी के साथ आएगी।

प्री बुक करने पर दो गैलेक्सी S20 प्लस स्मार्टफ़ोन मिलेंगे
प्री-बुकिंग 1-10 जुलाई तक की जा सकेगी। QLED 8K टीवी की प्री-बुकिंग पर वाले ग्राहकों को अल्ट्रा-प्रीमियम टीवी के साथ दो गैलेक्सी S20 प्लस स्मार्टफ़ोन मिलेंगे। कंपनी ने कहा कि यूजर QLED 8K टीवी पर 15,000 रुपए का कैशबैक भी ले सकते हैं।

10 साल की स्क्रीन बर्न-इन वारंटी मिलेगी
सेरिफ़ और QLED 8K टीवी 10 साल की स्क्रीन बर्न-इन वारंटी, एक साल की कॉम्प्रिहेन्सिव वारंटी और पैनल पर एक साल की अतिरिक्त वारंटी के साथ आएंगे।

यूजर तक पहुंचाता है मीनिंगफुल साउंड
कंपनी के अनुसार, ध्यान भंग करने वाले शोरों का पता लगाने और रियल टाइम में वॉल्यूम और क्लैरिटी को ऑटोमैटिक एडजस्ट करने से, द सेरिफ एक्टिव वॉयस एम्पलीफायर (AVA) फीचर के साथ मीनिंगफुल आवाज़ पर फोकस करता है। यह यूजर को QLED स्क्रीन पर वीडियो और म्यूजिक चलाने, आईफोन, आईपैड और मैक से तस्वीरें शेयर करने की सुविधा देता है।

8K QLED टीवी में 33 मिलियन पिक्सल मिलते हैं
कंपनी ने द सेरिफ़ टीवी में ही एलेक्सा और बिक्सबी जैसे वॉयस असिस्टेंट को इंटीग्रेट कर दिया है ताकि यूजर को बेहतर वॉयस कंट्रोल कैपेबिलिटी मिल सके। सैमसंग 8K QLED टीवी में 33 मिलियन पिक्सल, 4K यूएचडी टीवी के चार गुना रेजोल्यूशन और फुल एचडी टीवी से 16 गुना रेजोल्यूशन मिलता है।



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सेरिफ़ और QLED 8K टीवी 10 साल की स्क्रीन बर्न-इन वारंटी, एक साल की कॉम्प्रिहेन्सिव वारंटी और पैनल पर एक साल की अतिरिक्त वारंटी के साथ आएंगे

चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगने के बाद चिंगारी ऐप को लगभग एक लाख लोगों ने डाउनलोड किया, हर घंटे मिल रहे 20 लाख व्यूज; आनंद महिंद्रा भी हुए फैन June 29, 2020 at 09:48PM

सोमवार को भारत सरकार ने टिकटॉक समेत 59 चीनी ऐप पर बैन लगा दिया है। जिसके बाद अब यूजर्स के बीच टिकटॉक के इंडियन वर्जन चिंगारी ऐप को डाउनलोड करने की होड़ सी लगगई है। टिकटॉक पर बैन लगने के कुछ समय बाद ही चिंगारी को लगभग एक लाख लोगों ने डाउनलोड किया और हर घंटे ऐप पर 20 लाख व्यूज मिल रहे हैं।
भारत-चीन सीमा पर हुई झड़प के बाद भड़की चीनी विरोधी भावनाओं के कारण इसकी लोकप्रियताबढ़ती चली गई। पहले ही इसे 30 लाख लोग डाउनलोड कर चुके हैं। ऐप को बेंगलुरु स्थित प्रोग्रामर बिस्वत्मा नायक और सिद्धार्थ गौतम ने पिछले साल तैयार किया था, जो अब गूगल प्ले स्टोर पर टॉप पर चल रही है। इसने टिकटॉक की क्लोन कही जाने वाली मित्रों ऐप को भी पीछे छोड़ दिया है।

उम्मीद से अधिक ट्रैफिक मिल रहा है- नायक

  • नायक ने कहा, चूंकि यह बात अब लोगों को पता चल गई है कि भारतीयों के पास अब टिकटॉक का एक देसी और अधिक मनोरंजक विकल्प है, इसलिए हम अपने ऐप पर उम्मीद से अधिक ट्रैफिक दर्ज कर रहे हैं।"
  • नायक ने आगे बताया कि- चिंगारी नए बेंचमार्क सेट कर रहा है, बहुत सारे निवेशक हमारे ऐप में रुचि दिखा रहे हैं। हम अपने फ्री-ऑफ-कॉस्ट सोशल प्लेटफॉर्म को बड़ा करने के लिए बोर्ड पर एक अच्छा निवेशकोंको प्राप्त करने के लिए बातचीत कर रहे हैं।

आनंद महिंद्रा ने भी डाउनलोड किया ऐप

  • उद्योगपति आनंद महिंद्रा "जिन्होंने कभी टिकटॉक यूज नहीं किया, ने भी चिंगारी को डाउनलोड किया और इसके बारे में ट्वीट करते हुए कहा, "आपसे अधिक शक्ति"।

ऐप पर मिलती है कई तरह की सुविधाएं

  • चिंगारी यूजर्स को वीडियो डाउनलोड और अपलोड करने, दोस्तों के साथ चैट करने, नए लोगों के साथ बातचीत करने, कंटेंट शेयर करने और फीड के माध्यम से ब्राउज़ करने की अनुमति देता है। चिंगारी यूजर्स को व्हाट्सएप स्टेटस, वीडियो, ऑडियो क्लिप, जीआईएफ स्टिकर और फोटो के साथ क्रिएटिव होने का अवसर मिलता है।

10 भाषाओं में उपलब्ध, वीडियो वायरल होने पर भुगतान भी करता है ऐप

  • यह ऐप अंग्रेजी, हिंदी, बंगला, गुजराती, मराठी, कन्नड़, पंजाबी, मलयालम, तमिल और तेलुगु जैसे भाषाओं में उपलब्ध है। चिंगारी कंटेंट क्रिएटर के वीडियो वायरल होने के आधार पर उन्हें भुगतान भी करता है।
  • ऐप पर अपलोड किए गई हर वीडियो पर यूजर को व्यूज के हिसाब से पॉइंट्स मिलते हैं, इन पॉइंट्स को बाद में पैसों में बदला जा सकता है। ऐप गूगल प्ले स्टोर और एपल ऐप स्टोर पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध है।
  • चिंगारी ऐप के को-फाउंडर और चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर सुमित घोष ने चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि- लंबे समय से टिकटॉक यूजर्स की जासूसी कर रहा था और चीन को डेटा वापस भेज रहा था। हम खुश हैं कि आखिरकार यह कदम उठाया गया है।


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चिंगारी कंटेंट क्रिएटर के वीडियो वायरल होने के आधार पर उन्हें भुगतान भी करता है

पिछले 19 महीने में वोडा-आइडिया ने 11.613 करोड़ ग्राहकों को खोया, 32.907 करोड़ सब्सक्राइबर्स के साथ एयरटेल दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी बनी June 29, 2020 at 08:24PM

दो साल से भी कम समय में वोडाफोन आइडिया ने 11.613 करोड़ ग्राहकों को खो दिया है और 32.5 करोड़ यूजर बेस के साथ कंपनी तीसरे स्थान पर पहुंच गई है। इसी अवधि के दौरान, रिलायंस जियो ने अपने यूजर बेस को मजबूत किया और भारती एयरटेल ने अपनी बाजार हिस्सेदारी को बनाए रखने में कामयाबी हासिल की। रिपोर्ट के मुताबिक, वोडाफोन आइडिया ने 19 महीने में बीएसएनएल के वायरलेस यूजर बेस की तुलना में अधिक ग्राहकों को खो दिया है।

2018 में वोडा-आइडिया का संयुक्त यूजर बेस 44.165 करोड़ था

  • भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के आंकड़ों के अनुसार, बीएसएनएल का वायरलेस सब्सक्राइबर बेस अगस्त 2018 के अंत में 11.358 करोड़ था। वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर का 31 अगस्त, 2018 को विलय हो गया था और विलय के बाद इनका संयुक्त यूजर बेस 44.165 करोड़ हो गया। इसी दौरान, भारती एयरटेल का यूजर बेस 34.588 करोड़ था, जबकि रिलायंस जियो का 23.923 करोड़ था। अगस्त 2018 तक वोडाफोन आइडिया 37.85% शेयर के साथ बाजार में आगे था, इसके बाद एयरटेल 29.64% और रिलायंस जियो 20.50% पर था। बीएसएनएल का वायरलेस शेयर 9.73% था।

19 महीने में बदल गई बाजार की तस्वीर

  • लेकिन 19 महीनों के बाद, बाजार की गतिशीलता पूरी तरह से बदल गई है। फरवरी 2020 तक रिलायंस जियो ने 32.99% की वायरलेस बाजार हिस्सेदारी हासिल की, इसके बाद एयरटेल 28.35% और वोडाफोन आइडिया के 28.05% पर पहुंच गया। बीएसएनएल की हिस्सेदारी बढ़कर 10.32% हो गई।
  • फरवरी 2020 में, रिलायंस जियो ने अपने बेस को 38.282 करोड़ तक बढ़ाने के लिए 62.5 लाख वायरलेस सब्सक्राइबर जोड़े, जबकि एयरटेल ने 922,946 यूजर्स को जोड़ कर अपने ओवरऑल बेस को 32.907 करोड़ तक पहुंचाया। वोडाफोन आइडिया ने 34.6 लाख ग्राहक खो दिए और फरवरी में इसका बेस 32.552 करोड़ था।
  • फरवरी के अंत में बीएसएनएल ने भी 4,39,318 ग्राहकों को जोड़कर अपने बेस को बढ़ाकर 11.968 करोड़ कर दिया।

ब्रॉडबैंड यूजर्स को भी जोड़ने में पिछड़ रहा वोडा-आइडिया

  • वोडाफोन आइडिया वायरलेस ब्रॉडबैंड यूजर्स को भी जोड़ने में पिछड़ रहा है। कंपनी के 11.823 करोड़ ब्रॉडबैंड यूजर्स हैं, जो उद्योग में सबसे कम है। इसके विपरीत, जियो के 38.283 करोड़ ब्रॉडबैंड यूजर्स हैं क्योंकि कंपनी पूरी तरह से 4G ऑपरेटर है जबकि एयरटेल के पास फरवरी 2020 तक 14.365 करोड़ वायरलेस ब्रॉडबैंड यूजर्स हैं।


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वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर का 31 अगस्त, 2018 को विलय हो गया था और विलय के बाद इनका संयुक्त यूजर बेस 44.165 करोड़ हो गया था
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