Monday, August 17, 2020

सैमसंग वियतनाम से कारोबार समेट कर आएगी भारत; अगले 5 साल में बनाएगी 3.7 लाख करोड़ रुपए के स्मार्टफोन, भारी तादाद में पैदा होंगी नौकरियां August 17, 2020 at 06:38AM

साउथ कोरिया की स्मार्टफोन निर्माता कंपनी सैमसंग अब जल्द ही अपना प्रोडक्शन वियतनाम से भारत में शिफ्ट करने वाली है। सैमसंग देश में तीन लाख करोड़ से भी ज्‍यादा के प्रोडक्ट बनाने को तैयार है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सैमसंग अगले पांच वर्षों में भारत में 3.7 लाख करोड़ रुपए के मोबाइल फोन का उत्पादन करने की योजना बना रही है। बता दें कि आईफोन बनाने वाली कंपनी एपल पहले भारत में निवेश को तैयार हो चुकी है। वहीं कुछ और कंपनियां भारत आने की तैयारी कर रही है।

सरकार की पीएलआई योजना के तहत करेगी निवेश

खबर है कि इसको लेकर सैमसंग ने इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अपनी योजना पर चर्चा की है। हालांकि, कंपनी ने फिलहाल इस पर कुछ नहीं कहा है। न्यूज एजेंसी पीटीआई को आधिकारिक सोर्स ने नाम न बताने की शर्त पर कहा है कि कंपनी प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव (पीएलआई) स्कीम के तहत स्‍मार्टफोन भारत में बनाने के लिए तैयार है। सरकार की तरफ से इस स्कीम का ऐलान अप्रैल माह में किया गया था। योजना के तहत बेस ईयर तक कंपनियों को भारत में तैयार उत्पादों और टारगेट पूरा करने पर चार से छह प्रतिशत तक का इनसेंटिव दिया जाएगा। अगले पांच वर्षों तक कंपनी को मोबाइल भारत में बनाने पर यह इनसेंटिव मिलेगा।

सैमसंग का भारतीय मोबाइल फोन बाजार में 24 प्रतिशत हिस्सेदारी है

सैमसंग का एक प्‍लांट उत्तर प्रदेश के नोएडा में है और यह कंपनी की दुनिया में सबसे बड़ी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट है। कंपनी अब यहां पर दूसरे देशों के बाजार के लिए मोबाइल फोन तैयार कर रही है। सैमसंग मोबाइल फोन का 50 प्रतिशत हिस्‍सा वियतनाम में तैयार करती है। चर्चा है कि कंपनी 2.2 लाख करोड़ रुपए के स्मार्टफोन बनाएगी, जो पीएलआई योजना के तहत 15 हजार रुपए की सब कैटेगरी में शामिल होंगे। रिसर्च फर्म आईडीसी के अनुसार, अप्रैल-जून तिमाही में सैमसंग का भारतीय मोबाइल फोन बाजार में 24 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

केंद्र ने लॉन्च की हैं तीन योजना

केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए 1 अप्रैल को तीन स्कीम्स को नोटिफाइड किया था। इसमें इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट एंड सेमी कंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग, मोडिफाइड इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स (EMC 2.0) और प्रोडक्शन इंसेंटिव स्कीम शामिल हैं। इन तीनों स्कीम्स के तहत सरकार की ओर से अगले पांच साल में 50,000 करोड़ रुपए का इंसेंटिव दिया जाएगा। पीएलआई लाभ लेने के लिए लावा, डिक्सन टेक्नोलॉजी, माइक्रोमैक्स और पैगेट इलेक्ट्रॉनिक्स ने आवेदन किया है। लावा की अगले पांच साल में इस स्कीम के तहत 800 करोड़ रुपए के निवेश की योजना है।

अब तक 22 कंपनियों ने किया अप्लाई सैमसंग

सरकार की पीएलआई स्कीम के ऐलान ने उन कंपनियों ने खासी तरजीह दी है जो अब सप्लाई चेन को चीन से बाहर शिफ्ट करने पर सोच रही हैं। इसी के मद्देनजर सैमसंग भी अब एपल की राह पर है। एपल के फोन को एशिया में एसेंबल करने वाली कंपनियां फॉक्‍सकॉन, विस्‍ट्रॉन और पेगाट्रॉन अब भारत में अपना बेस मजबूत करने में जुट गई हैं। एक अगस्‍त को आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने बताया कि करीब 22 कंपनियों पीएलआई स्‍कीम के तहत आवेदन किया है और वो देश में अपना प्रोडक्शन शुरू करना चाहती हैं। सरकार के इस योजना में अगले 5 साल में 11 लाख करोड़ रुपए के मोबाइल फोन बनाए जाएंगे। इससे करीब 12 लाख नए रोजगार पैदा होंगे।




Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए 1 अप्रैल को तीन स्कीम्स को नोटिफाइड किया था।

No comments:

Post a Comment

Note: Only a member of this blog may post a comment.

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...