Sunday, March 15, 2020

2010-20 में रजिस्टर्ड 53.7% वाहनों के एमिशन नॉर्म्स की सरकार को जानकारी नहीं; फिर भी दावा- BS6 लागू होने के बाद बाद 5 गुना कम होगा जाएगा प्रदूषण March 14, 2020 at 11:02PM

नई दिल्ली. 1 अप्रैल से देश में नए एमिशन नॉर्म्स (बीएस6) लागू होने जा रहे हैं। भारत सरकार का दावा है कि भारत स्टेज 6 यानी बीएस-6 नॉर्म्स लागू होने से प्रदूषण में 5 गुना तक कमी हो जाएगी। लेकिन परिवाहन विभाग पर जारी आंकड़े सरकार के इन आंकड़ों की पोल खोलते नजर आ रहे हैं। वेबसाइट पर जारी आंकड़ों के मानें तो साल 2010 से 2020 के बीच कुल 23,01,02,541 वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ। इसमें से बीएस4 एमिशन नॉर्म्स वाले 23.7% वाहन, बीएस3 वाले 12.37% वाहन हैं लेकिन गौर करने वाली बात इन 10 सालों में रजिस्टर्ड हुए 53.7% वाहन ऐसे भी है जिनके एमिशन नॉर्म्स के बारे में सरकार के पास कोई जानकारी ही नहीं है।

किस एमिशन नॉर्म्स में कितने वाहन

एमिशन नॉर्म्स संख्या
बीएस-1 1.7%
बीएस-2 8.5%
बीएस-3 12.3%
बीएस-4 23.7%
बीएस-5 लागू नहीं हुआ
बीएस- 6 0.1%
इनमें से 53.7% वाहन ऐसे हैं, जिनके उत्सर्जन मानकों के बारे में सरकार के पास कोई डेटा नहीं है। यह सभी आंकड़े 2010 से 2020 के दौरान के

किस कैटेगरी के कितने वाहन

कैटेगरी संख्या
दोपहिया वाहन 75.8%
कार 13.4%
ट्रक, ट्रैक्टर, ट्रेलर 6.1%
ऑटो रिक्शा 2.6%
टैक्सी, कैब 1.1%
बस 0.5%
अन्य 0.6%

क्या है बीएस6
देश भर में एक अप्रैल 2020 से बीएस4 की जगह बीएस6 एमिशन नॉर्म्स लागू हो रहे हैं। भारत में इसे सबसे पहले साल 2000 में लागू किया गया था। इससे पहले तक भारत में कार्बन उत्सर्जन को लेकर कोई मानक तय नहीं थी। बीएस को यूरोपियन कार्बन उत्सर्जन मानक यूरो की तर्ज पर भारत में लागू किया गया था। मौजूदा वक्त में देशभर में बीएस4 कार्बन उत्सर्जन मानक लागू है। हालांकि अब अप्रैल 2020 में अगला उत्सर्जन मानक बीएस6 लागू होना है। भारत सरकार ने एक स्टेज छोड़कर बीएस4 के बाद सीधे बीएस6 लागू किया है। ऐसा करने के पीछे गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण के स्तर में कमी लाने को वजह बताया गया है।

सल्फर के उत्सर्जन में कमी लाना
हर एक उत्सर्जन मानक में पेट्रोल और डीजल गाड़ियों से निकलने वाले धुएं के साथ सल्फर की मात्रा को कम करना होता है। बीएस3 स्टैंडर्ड के तहत पेट्रोल गाड़ियां 150 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम सल्फर उत्सर्जित कर सकती थी। जो बीएस6 में घटकर 10 मिलीग्राम प्रति किग्रा हो गया है। इसी तरह डीजल गाड़ियां बीएस3 स्टैंडर्ड नॉर्म्स के तहत 350 मिलीग्राम प्रति किग्रा सल्फर उत्सर्जित कर सकती थी, जिसकी मात्रा घटकर 10 मिलीग्राम प्रति किग्रा हो गई है।

सल्फर उत्सर्जन (अधिकतम) BS3 (mg/kg) BS4 (mg/kg) BS6 (mg/kg)
पेट्रोल 150 50 10
डीजल 350 50 10

बीएस6 एमिशननॉर्म्स देशभर में एक साथ लागू किया जा रहा है

भारत में साल 2000 के बाद से बीएस नार्म्स एक साथ कभी लागू नहीं हुए। इन्हें चरणबद्ध तरीके से लागू किया गया। पहले मेट्रो और कुछ चुनिंदा शहरों में इन्हें लागू किया गया। इसके बाद टीयर-2 और टीयर-3 शहरों में लागू किए जाता हैं। हालांकि इस साल पूरे देश में एक साथ बीएस6 एमिशन नॉर्म्स लागू किया जा रहा है।

  • बीएस1:साल 2000 में देशभर में एक साथ लागू किया गया।
  • बीएस2:सबसे पहले दिल्ली एनसीआर, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में लागू किया गया। इसके बाद अप्रलै 2003 में बीएस2 को 13 अन्य शहरों में लागू किया गया।
  • बीएस3:अप्रैल 2005 में दिल्ली एनसीआर समेत 13 शहरों में लागू किया गया। इसके बाद अप्रैल 2010 में इसे देशभर में लागू कर दिया गया।
  • बीएस4: अप्रैल 2010 में दिल्ली एनसीआर समेत देश के चुनिंदा 13 शहरों में लागू किया गया। इसके बाद अप्रैल 2017 में इसे देशभर में लागू किया गया है।
  • बीएस6: 1अप्रैल 2020 में देशभर में लागू होगा।

बीएस4 और बीएस 6 में क्या अंतर
बीएस4 एमिशन नार्म्स के तहत वाहन के इंजन को इस हिसाब से डिजाइन किया जाता है कि उससे निकलने वाले धुएं से सल्फर की मात्रा भारत सरकार के तय पैमाने के आधार पर हो। इसके लिए कम सल्फर वाले ईंधन (डीजल) का इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए सरकार की तरफ से ईंधन का ग्रेड तय किया जाता है। ग्रेड आधारित ईंधन बीएस6 ईंधन देशभर में एक अप्रैल 2020 से मिलना शुरू होगा। बीएस-6 नियम आने से कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी।

इससे पहले 1 अप्रैल 2017 से ही पेट्रोलियम मंत्रालय ने पूरे देश में बीएस4ग्रेड के पेट्रोल और डीजल की बिक्री शुरू कीथा। वर्तमान में जम्मू कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, राजस्थान के कुछ हिस्सों और पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित उत्तर भारत में बीएस-4 ईंधनों की आपूर्ति की जा रही है, जबकि देश के बाकी हिस्से में बीएस-3 ईंधन की आपूर्ति की जा रही हैं।



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53.7% of vehicles registered in the last 10 years, which emission norms are not known by its government, but claim - pollution will reduce 5 times after BS6 is implemented

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