साइबर क्राइम की बढ़ती घटनाओं के कारण वर्ष 2019 में वैश्विक अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर करीब 73 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। यह ग्लोबल GDP का 1% से ज्यादा है। वहीं, 2018 में हुए 600 बिलियन डॉलर के नुकसान से 50% से ज्यादा है। साइबर सिक्युरिटी फर्म मैकेफी की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
दो-तिहाई कंपनियों में हुई साइबर क्राइम की घटना
रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 में दो-तिहाई कंपनियों ने साइबर क्राइम की घटना का सामना किया है। इसमें कंपनियों की औसत लागत आधा मिलियन डॉलर से ज्यादा रही है। साइबर क्राइम में IP की चोरी और फाइनेंशियल क्राइम की 75% हिस्सेदारी रही है। कंपनियों के लिए यह घटनाएं सबसे बड़ी चुनौती रही है। मैकेफी ने सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (CSIS) के साथ मिलकर यह रिपोर्ट तैयार की है।
वित्तीय नुकसान के अलावा अन्य प्रभाव भी पड़े
'द हिडन कॉस्ट ऑफ साइबर क्राइम' नाम से तैयार की गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि साइबर क्राइम से कंपनियों को वित्तीय नुकसान के अलावा अन्य नुकसान भी हुए हैं। 92% कंपनियों ने स्वीकार किया है कि साइबर क्राइम से उनके कारोबार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। साथ ही साइबर क्राइम की घटना के बाद वर्क आवर्स का नुकसान हुआ है।
56% कंपनियों के पास साइबर क्राइम को रोकने की योजना नहीं
कंपनियों को हुए नुकसान में डाउनटाइम, ब्रांड की प्रतिष्ठा और कार्य दक्षता में कमी भी शामिल है। सर्वे में शामिल 56% कंपनियों ने स्वीकार किया है कि उनके पास साइबर क्राइम को रोकने और रिस्पॉन्ड करने की कोई योजना नहीं है। सर्वे में शामिल 951 कंपनियों के पास रेस्पॉन्स प्लान है। इसमें से केवल 32% ने माना कि यह प्लान प्रभावी था।
साइबर क्राइम से सिस्टम डाउनटाइम कॉमन अनुभव
सर्वे में शामिल दो-तिहाई कंपनियों का मानना है कि साइबर क्राइम के बाद सिस्टम डाउनटाइम कॉमन अनुभव रहा है। 2019 में डाउनटाइम के कारण कंपनियों की औसत लागत 7,62,231 डॉलर रही है। यह रिपोर्ट 1500 IT और बिजनेस डिसीजन मेकर्स के ऑनलाइन इंटरव्यू के आधार पर तैयार की गई है। 33% उत्तरदाताओं का कहना है कि IT सिक्युरिटी की घटना के कारण सिस्टम डाउनटाइम की औसत लागत 1 लाख से 5 लाख डॉलर के बीच रही है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
No comments:
Post a Comment
Note: Only a member of this blog may post a comment.