एपल ने बुधवार को आईफोन की कीमतों में बढ़ोतरी की। एपल के अलावा रियलमी, वीवो और श्याओमी ने भी अपने स्मार्टफोन की कीमतें बढ़ा दी है। हालांकि श्याओमी ने फिलहाल इस बात पर कोई सफाई नहीं दी कि स्मार्टफोन की कीमतों में कितना इजाफा किया जाएगा। श्याओमी इंडिया के सीईओ मनु जैन ने एक ट्वीट कर इतना जरूर कहा कि सरकार के स्मार्टफोन पर जीएसटी दर 50 फीसदी बढ़ाकर 12 से 18 फीसदी कर दिया है। ऐसे में श्याओमी 5 फीसदी प्रॉफिट शेयरिंग के हिसाब से स्मार्टफोन की बिक्री करेगी।
श्याओमी इंडिया के सीईओ मनु जैन का ट्वीट
यह बढ़ी हुई कीमतें एक अप्रैल 2020 यानी बुधवार से ही देशभर में लागू हो गई हैं। मोबाइल कंपनियों स्मार्टफोन की कीमतों में बढ़ोतरी जीएसटी रेट में हुए बदलाव की वजह से कर रही हैं। पिछले महीने 11 मार्च को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 39वीं बैठक में मोबाइल फोन पर जीएसटी 12% से बढ़ाकर 18% कर दिया गया था। इसके चलते ज्यादातर स्मार्टफोन कंपनियां दाम बढ़ा रही हैं।
रियलमी स्मार्टफोन की बढ़ी हुई कीमतें
स्मार्टफोन | पुरानी कीमत | नई कीमत | कीमत में बदलाव |
रियलमी 6 (4GB+64GB) रियलमी X2 (4GB+64GB) रियलमी XT (4GB+64GB) |
12,999 रु. 16,999 रु. 15,999 रु. |
13,999 रु. 17,999 रु 16,999 रु |
1000 रु 1000 रु 1000 रु |
आईफोन की बढ़ी हुई कीमतें
स्मार्टफोन | पुरानी कीमत | नई कीमत | कीमतों में बदलाव |
iPhone 11 (64जीबी) iPhone XR (64जीबी) iPhone 11 Pro (64 जीबी) iPhone 11 Pro Max (64GB) iPhone 7 (32GB) |
64,900 रु. 49,900 रु. 1,01,200 रु. 1,11,200 रु. 29,900 रुपए |
68,300 रु. 52,500 रु. 1,06,600 रु. 1,17,100 रु. 31,500 रु. |
3,400रु. 2,600 रु. 5,200 रु. 5,900 रु. 1,600 रु. |
मोबाइल कंपनियों की बढ़ीं मुसीबतें
गौरतलब है कि कोरोनावायरस के चलते चीन से मोबाइल कंपोनेंट की आपूर्ति प्रभावित होने से पहले ही हैंडसेट कंपनियां कीमतों में बढ़ोतरी की बात कर रही है। कुछ ब्रांड के मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट की कीमतों में पहले से ही तेजी देखने को मिल रही है। ऐसे में अब एपल और रियलमी ने कीमतों में इजाफा करने का ऐलान किया है। रियलमी ने कहा कि जीएसटी दर में बदलाव और रुपए के अवमूल्यन की वजह से उसे स्मार्टफोन की कीमतें बढा़ने का फैसला लेना पड़ रहा है।
मोबाइल इंडस्ट्री पर 15 हजार करोड़ का बोझ
इंडस्ट्री बॉडी इंडिया सेलुलर एसोसिएशन (ICEA) ने कहा कि आर्थिक सुस्ती और कोरोना संकट के बीच सरकार की ओर से मोबाइल फोन पर जीएसटी दर 12 से 18 फीसदी करने की वजह से मोबाइल इंडस्ट्री पटरी से उतर सकती है। साथ ही बड़े पैमाने पर लोगों को नौकरियों से निकाला जा सकता है। सरकार के इस फैसले से इंडस्ट्री पर 15 हजार करोड़ का बोझ पड़ेगा। साथ ही इससे 100 करोड़ भारतीय उपभोक्ता प्रभावित होंगे।
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