देश में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने तीन प्रमुख स्कीम्स लॉन्च की हैं। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को इन स्कीम्स को लॉन्च किया। केंद्र सरकार की ओर से जो स्कीम्स लॉन्च की गई हैं, उनमें बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (पीएलआई), स्कीम फॉर प्रमोशन ऑफ मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट एंड सेमीकंडक्टर्स (SPECS) और मोडिफाइड इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स (EMC 2.0) स्कीम शामिल हैं। इन सभी स्कीम्स को मार्च में केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है।
20 लाख रोजगार पैदा होने की उम्मीद
मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि ठोस निवेश मिलने की उम्मीद है। इन स्कीम्स के जरिए सरकार ने मोबाइल फोन और इससे जुड़े कंपोनेंट या पार्ट्स के कारोबार को 2025 तक 10 लाख करोड़ तक ले जाने का लक्ष्य तय किया गया है। इससे 5 लाख प्रत्यक्ष और 15 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होंगे। बयान के मुताबिक, पीएलआई स्कीम के तहत भारत में निर्मित सामानों की वृद्धिशील बिक्री पर 4-6 प्रतिशत का प्रोत्साहन दिया जाएगा और आधार वर्ष के आधार पर पात्र कंपनियां पांच साल तक इस स्कीम का फायदा ले सकेंगी।
SPECS के तहत कैपिटल एक्सपेंडेचर का 25% वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाएगा
SPECS स्कीम के तहत चिह्नित इलेक्ट्रॉनिक्स का उत्पादन करने वाली कंपनियों को उसके कैपिटल एक्सपेंडेचर का 25 फीसदी वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाएगा। इस स्कीम का लाभ इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट, सेमी कंडक्टर और डिस्प्ले फैब्रिकेशन का उत्पादन करने वाली यूनिट्स को मिलेगा। EMC 2.0 के तहत कंपनियों को विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरर्स को लुभाने के लिए रेडी बिल्ट फैक्टी (आरबीएफ) शेड्स या प्लग एंड प्ले जैसे सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
50 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे
केंद्रीय मंत्री ने इन स्कीम्स को लॉन्च करते हुए बताया कि सरकार मोबाइल फोन्स का घरेल उत्पादन 2025 तक 35-40 फीसदी तक बढ़ाना चाहती है। उन्होंने बताया कि इन तीनों स्कीम्स पर करीब 50 हजार करोड़ रुपए के खर्च का अनुमान है। बयान के मुताबिक, इन स्कीम्स से घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा और देश में मजबूत इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम तैयार होगा। बयान के मुताबिक, 2014 में भारत में केवल 2 मोबाइल कारखाने थे और आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता बन गया है।
इनको मिलेगा लाभ
पीएलआई योजना: 40,995 करोड़ रुपए की पीएलआई योजना का लक्ष्य मोबाइल फोन और इलेक्ट्रानिक कलपुर्जों के उत्पादन को बढ़ाना है। इस योजना में प्रारंभिक चरण के तहत 31 जुलाई 2020 तक आवेदन किया जा सकेगा। इसके तहत प्रति कंपनी के लिए न्यूनतम निवेश और उत्पादन की सीमा निर्धारित की गई है। प्रत्येक कंपनी को वार्षिक और अधिकतम बोनस भी निर्धारित किया गया है। इस योजना को आईएफसीआई लिमिटेड के माध्यम से क्रियान्वित किया जाएगा।
SPECS योजना: 3285 करोड़ रुपए की SPECS योजना का लाभ उठाने की चाहत रखने वाली कंपनियों को न्यूनतम पांच हजार करोड़ रुपए से एक हजार करोड़ रुपए तक निवेश करना होगा। अधिक निवेश की सीमा निर्धारित नहीं है। इसके तहत संयंत्र, मशीनरी, उपकरण, आर एंड डी, यूटिलिटी और टीओटी पर लाभ मिलेगा। इसके माध्यम से कलपुर्जों के साथ ही सेमीकंडक्टर, एमटीएमपी और विशेष उप असेंबली स्थापित करना शामिल है। इस योजना का क्रियान्वयन भी आईएफसीआई लिमिटेड द्वारा किया जाएगा।
EMC 2.0: 3762 करोड़ रुपए की EMC 2.0 योजना में बड़े निर्माण क्लस्टर को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके तहत परियोजना लागत की 50 फीसदी या प्रत्येक 100 एकड़ के लिए 70 करोड़ रुपए का अनुदान दिया जायेगा। इसी के तहत कॉमन फैसिलिटी सेंटर के निर्माण पर परियोजना का 75 प्रतिशत या अधिकतम 75 करोड़ रुपए का अनुदान मिलेगा। इसका लाभ उठाने के लिए न्यूनतम 200 एकड़ का विनिर्माण क्लस्टर बनाना होगा। इस योजना में प्लग एंड प्ले जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराने पर जोर दिया गया है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today