मानसून भारत के कई हिस्सों में दस्तक दे चुका है। आने वाले दिनों में ये देशभर में फैल जाएगा। बारिश के मौसम में बाइक और स्कूटर की ड्राइविंग थोड़ी मुश्किल हो जाती है। रेनकोट पहनने के बाद भी हम पूरी तरह भीग जाते हैं। ऐसे में रेन सनरूफ लोगों के काम आ सकती है।
ड्राइविंग आसान बनाएगा रेन कवर
बारिश में भी बाइक और स्कूटर की ड्राइविंग आसान रहे इसके लिए खास रेन कवर बनाए गए हैं। इन्हें सनरूफ कवर के नाम से भी जाना जाता है। ये पूरी तरह वाटरप्रूफ होते हैं। इनमें पैर वाले हिस्से को पानी से बचाना मुश्किल होता है, लेकिन सिर के ऊपर पानी की एक बूंद भी नहीं गिरती।
कवर को किया जाता है इन्स्टॉल
रेन कवर को बाइक या स्कूटर में आसानी से इन्स्टॉल किया जा सकता है। इनमें आगे और पीछे की तरफ ट्रांसपेरेंट पॉलीथिन होती है, वहीं ऊपर पैराशूट कपड़ा की रूफ होती है। ये गाड़ी को सामने से सीट तक कवर कर लेता है। जिससे बारिश का पानी अंदर नहीं जाता। पैर बारिश में जरूर भीग जाते हैं। इन कवर को आसानी से निकालकर अलग भी कर सकते हैं।
900 रुपए से शुरू हो जाती है कीमत
इनकी ऑनलाइन प्राइस करीब 900 रुपए से शुरू हो जाती है। एक ही कवर को बाइक और स्कूटर पर यूज कर सकते हैं। इसे अमेजन, फ्लिपकार्ट, स्नैपडील जैसी कई वेबसाइट से खरीद सकते हैं। इसके साथ ऑफलाइन मार्केट से भी इन्हें खरीदा जा सकता है।
इस समय बाजार में कई कंपनियों ने बीएस 6 स्कूटर उपलब्ध है। बीएस 6 एमिशन नॉर्म्स लागू होने के बाद स्कूटरों की कीमत और माइलेज में पहले की तुलना में काफी अंतर आ गया है। ऐसे में अगर आप बाजार में मौजूद स्कूटरों में से अपने लिए बेस्ट स्कूटर चुनने में कन्फ्यूज हो रहे हैं, तो हमने 10 बीएस 6 स्कूटरों की लिस्ट तैयार की है, जिनकी कीमत 70 हजार रुपए से कम है....
1. टीवीएस स्कूटी पेप प्लस
यह भारतीय बाजार में उपलब्ध सबसे किफायती बीएस 6 स्कूटर है। इसकी शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत 52554 रुपए है। इसमें 87.8 सीसी का इंजन है, जो 5 पीएस और 5.8 एनएम का टॉर्क जनरेट करता है। इसमें 7 कलर ऑप्शन में उपलब्ध हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसमें 65 kmpl तक का माइलेज मिलता है।
2. हीरो प्लेजर प्लस
प्लेजर प्लस की शुरुआती दिल्ली एक्स-शोरूम कीमत 55600 रुपए है। पुराने मॉडल की तुलना में इसमें कई सारे नए डिजाइन एलीमेंट्स दिए गए हैं। यह 7 कलर में अवेलेबल है। स्कूटर में 110.9 सीसी का इंजन है, जो 8.11 पीएस का पावर और 8.7 एनएम का टॉर्क जनरेट करता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसमें 53 kmpl तक का माइलेज मिलता है।
3. होंडा Dio
होंडा Dio बीएस 6 की शुरुआती दिल्ली एक्स शोरूम कीमत 61497 रुपए है। स्कूटर तीन मैटेलिक कलर ऑप्शन में उपलब्ध है। इसमें 109.51 सीसी का इंजन है, जो 7.76 पीएस का पावर और 9 एनएम का टॉर्क जनरेट करता है। रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें 48 kmpl तक का माइलेज मिलता है।
4. टीवीएस जूपिटर
यह टीवीएस का काफी पॉपुलर मॉडल है। इसकी शुरुआती दिल्ली एक्स शोरूम कीमत 62,062 रुपए है। इसमें 109.7 सीसी का इंजन है, जो 7.99 पीएस का पावर और 8.4 एनएम का टॉर्क जनरेट करता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसमें 50 kmpl तक का माइलेज मिलता है।
5. हीरो डेस्टिनी 125
बीएस 6 डेस्टिनी 125 की शुरुआती दिल्ली एक्स शोरूम कीमत 65310 रुपए है। स्कूटर में 124.6 सीसी का इंजन है, जो 9.1 पीएस का पावर और 10.4 एनएम का टॉर्क मिलता है। यह 6 कलर ऑप्शन में उपलब्ध है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसमें 54 kmpl तक का माइलेज मिलता है।
6. हीरो एक्टिवा 6G
एक्टिवा भारतीय बाजार में सबसे ज्यादा बिकने वाले स्कूटर में से एक है। बीएस 6 एक्टिवा 6G की शुरुआती दिल्ली एक्स- शोरूम कीमत 65,419 रुपए है। स्कूटर में 109.51 सीसी का इंजन है, जो 7.79 पीएस का पावर और 8.79 एनएम का टॉर्क जनरेट करता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसमें 53 kmpl तक का माइलेज मिलता है। यह 6 कलर ऑप्शन में उपलब्ध है।
7. टीवीएस Ntorq
यह टीवीएस का स्पोर्टी लुक स्कूटर है। इसकी दिल्ली, एक्स शोरूम कीमत 66,885 रुपए है। इसमें 124.8 सीसी का इंजन मिलता है, जो 9.38 पीएस का पावर और 10.5 एनएम का टॉर्क जनरेट करता है। यह कुल 7 कलर में उपलब्ध है, जिसमें मैट और मैटेलिक दोनों मिल जाते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसमें 42 kmpl तक का माइलेज मिलता है।
8. यामाहा फसिनो
यामाहा फसिनो की शुरुआती दिल्ली एक्स शोरूम कीमत 67,230 रुपए है। इसमें 125 सीसी का इंजन हो, जो 8.2 पीएस का पावर और 9.7 एनएम का टॉर्क जनरेट करता है। यह 7 कलर ऑप्शन में उपलब्ध है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसमें 50 kmpl तक का माइलेज मिलता है।
9. यामाहा RayZR 125
यामाहा का यह स्कूटर काफी स्पोर्टी और हैवी लुक के साथ आता है। इसकी शुरुआती दिल्ली एक्स शोरूम कीमत 67,530 रुपए है। यह ड्रम और डिस्क ब्रेक वैरिएंट में उपलब्ध है। दोनों में कुल 7 कलर मिलते हैं। फसिनो की तरह इसमें भी 125 सीसी का इंजन हो, जो 8.2 पीएस का पावर और 9.7 एनएम का टॉर्क जनरेट करता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसमें 50 kmpl तक का माइलेज मिलता है।
10. सुजुकी एक्सेस 125
एक्सेस सुजुकी की बेस्ट सेलिंग स्कूटर है। बीएस 6 एक्सेस 125 की शुरुआती दिल्ली एक्स शोरूम कीमत 68,800 रुपए है। इसमें 124 सीसी का इंजन है, जो 8.7 पीएस का पावर और 10 एनएम का टॉर्क जनरेट करता है। यह 5 कलर ऑप्शन में उपलब्ध है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसमें 50 kmpl तक का माइलेज मिलता है।
यामाहा ने अपनी BS6 FZ 25 और FZS 25 बाइक्स को लॉन्च कर दिया है। FZ 25 की एक्स-शोरूम कीमत 1.52 लाख रुपए है, जो BS4 वैरिएंट की तुलना में 15,000 रुपए ज्यादा है। दूसरी तरफ, FZS 25 की एक्स-शोरूम कीमत 1.57 लाख रुपए है।
कंपनी ने इन बाइक्स को इसी साल फरवरी में पेश किया था। इनकी बिक्री अप्रैल से शुरू होने वाली है, लेकिन कोविड-19 महामारी की वजह से इसकी बिक्री में देरी हो गई।
बाइक्स का BS6 इंजन
इन बाइक्स में नया BS6 249cc इंजन दिया है, जिसका 20.8hp पर 8,000rpm पावर और 20.1Nm पर 6,000rpm पीक टॉर्क जनरेट करता है। दोनों बाइक में डुअल-चैनल एबीएस दिया गया है। FZ 25 का कर्ब वेट 153 किलोग्राम और FZS 25 का 154 किलोग्राम है।
बाइक के स्पेसिफिकेशन और कलर ऑप्शन
यामाहा के इन बाइक्स के नए फीचर्स में LED DRL, क्लास D बाइ-फंक्शनल LED हेडलैम्प, मल्टी-फंक्शन निगेटिव एलसीडी इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर, अंडर काउलिंग और इंजन कट-ऑफ स्विच के साथ साइड स्टैंड शामिल हैं। FZS 25 में लॉन्ग वाइजर, हैंडल ग्रिप्स पर ब्रश गार्ड्स मिलते हैं।
FZ 25 BS6 दो कलर ऑप्शन मैटालिक ब्लैक और रेसिंग ब्लू में लॉन्च किया गया है। जबकि FZS 25 BS6 को पेटिना ग्रीन, वाइट-वर्मिलियन और डार्क मैट ब्लू के तीन कलर ऑप्शन में लॉन्च किया है। FZS 25 में पहली बार गोल्डन कलर अलॉय व्हील मिलेंगे।
इन बाइक्स से होगा मुकाबला
यामाहा FZ 25 BS6 और FZS 25 BS6 देश में उपलब्ध सबसे सस्ती 250cc इंजन वाली बाइक्स हैं। भारतीय बाजार में इनका मुकाबला सुजुकी जिक्सर 250, सुजुकी जिक्सर एफएस 250 और बजाज डॉमिनार 250 जैसी बाइक्स से होगा। क्योंकि बजाज डॉमिनार 250 की एक्स-शोरूम कीमत 1.60 लाख रुपए, सुजुकी जिक्सर 250 की एक्स-शोरूम कीमत 1.65 लाख रुपए और सुजुकी जिक्सर एसएफ 250 की एक्स-शोरूम कीमत 1.76 लाख रुपए है।
लग्जरी कार बनाने वाली कंपनी बुगाटी ने लंदन की लिटिल कार कंपनी के साथ मिलकर बच्चों के लिए मिनी इलेक्ट्रिक बुगाटी तैयार की है। कंपनी ने इसे बुगाटी बेबी II नाम दिया है और इसकी शुरुआती कीमत 35 हजार डॉलर (यानी लगभग 26 लाख रुपए) है। दुनियाभर में इसके सिर्फ 500 मॉडल ही बेचे जाएंगे। इसे एक सदी पहले बनाई गई बुगाटी बेबी का मॉडर्न अवतार भी कहा जा रहा है।
मूल रूप से, कंपनी ने कारों को 2019 जिनेवा मोटर शो में पेश करने के बाद इनकी ब्रिकी शुरू करने की योजना बनाई थी, लेकिन महामारी के कारण ग्राहकों ने अपना मन बदल लिया। बुगाटी में शुक्रवार को आधिकारिक तौर पर इसकी घोषणा की, गौर करने वाली बात यह है कि अब इसके कुछ ही यूनिट्स उपलब्ध हैं।
1926 में बनाई गई थी बुगाटी बेबी
1926 में, एट्टोर बुगाटी अपने सबसे छोटे बेटे के लिए एक कार बनाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने प्रसिद्ध बुगाटी टाइप 35 रेसिंग कार का हूबहू दिखने वाला हाफ-साइज मॉडल तैयार किया। हालांकि उस समय कंपनी ने सिर्फ एक ही मॉडल तैयार किया गया था, लेकिन ये छोटी कार बुगाटी के ग्राहक इतनी पसंद आई कि कंपनी ने लगभग 500 और मॉडल तैयार किए थे।
नई बुगाटी बेबी II ओरिजनल बुगाटी बेबी की तुलना में थोड़ा बड़ा है। यह एक असली बुगाटी टाइप 35 के आकार का 75 फीसदी है। ओरिजनल बुगाटी बेबी को आठ साल की उम्र कर के बच्चों के लिए बनाई गई थी, लेकिन नई बुगाटी बेबी II इलेक्ट्रिक कार को 14 साल या उससे अधिक उम्र के बच्चे भी चला सकेंगे।
तीन वैरिएंट में उपलब्ध है बुगाटी बेबी II
इस बार कंपनी ने इसे इलेक्ट्रिक अवतार में पेश किया है। बुगाटी बेबी II तीन वैरिएंट में उपलब्ध है। बेस मॉडल में दो ड्राइविंग मोड हैं। नोविस मोड में कार 19 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार तक जा सकती है जबकि एक्सपर्ट मोड में यह 48 किमी. प्रति घंटे तक जाती है।
लगभग 50 लाख रुपए तक है टॉप वैरिएंट की कीमत
हालांकि इसके Vitesse और Pur Sang वैरिएंट में ज्यादा रफ्तार मिलती है। इनकी वैरिएंट की कीमत क्रमशः $50000 (लगभग 37.37 लाख रुपए) और $68000 (लगभग 50 लाख रुपए) है, दोनों ही स्पीड-की के साथ आते हैं। बुगाटी चिरोन सुपरकार के साथ, स्पीड-की छोटी कारों की पूर्ण प्रदर्शन क्षमता को अनलॉक करता है।
इसके साथ वे 67 किमी. प्रति घंटी की रफ्तार तक जा सकते हैं, जो चालक के वजन पर निर्भर करता है। इसे 0 से 100 किमी. प्रति घंटा का रफ्तार तक पहुंचने में सिर्फ 6 सेकंड का समय लगता है। ये अधिक शक्तिशाली वैरिएंट, बड़े बैटरी पैक के साथ, जो एक बार फुल चार्ज करने पर 50 किमी. तक चल सकते है। इन दो अधिक प्रीमियम वैरिएंट के खरीदार बुगाटी चिरोन पर उपलब्ध सभी रंगों के साथ कार में अपना पसंदीदा रंग भी करवा सकते हैं।
केंद्र सरकार ने 29 जून को 59 चीनी ऐप्स को भारत में प्रतिबंधित किया था। सोमवार को उनके 47 क्लोन ऐप्स को भी प्रतिबंधित कर दिया है। इन्हें मिलाकर अब तक 106 चीनी ऐप्स पर बैन लग चुका है। अब कहा जा रहा है कि पबजी, अली एक्सप्रेस समेत 275 ऐप्स पर नजर रखी जा रही है। इन पर भी बैन लगाया जा सकता है। अब सवाल उठता है कि यह क्लोन ऐप क्या होता है? किस तरह यह ऐप भारत के लिए खतरा बन रहे थे?
सरकार का फैसला क्या है और क्यों?
इंफर्मेशन और टेक्नोलॉजी मंत्रालय ने 24 जुलाई को 47 ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया। यह 29 जून को बैन किए गए 59 चीनी ऐप्स के क्लोन हैं।
इन ऐप्स को बैन करने की इकलौती वजह बताई जा रही है, इन ऐप्स के ‘ऑपरेशनल एथिक्स’। इसी के चलते इन ऐप्स पर नजर रखी जा रही थी।
‘ऑपरेशनल एथिक्स’ का मतलब यह है कि यह ऐप्स यूजर डेटा को चीन की खुफिया एजेंसियों तक पहुंचा रहे थे। इससे देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है।
चीनी कानून के तहत चीनी मूल की कंपनियां खुफिया एजेंसियों से यूजर डेटा शेयर करती है। फिर भले ही उनके ऑपरेशन देश से बाहर क्यों न हो।
इसी को आधार बनाकर भारत ने 29 जून को टिकटॉक, शेयरइट, यूसी ब्राउजर और कैमस्कैनर जैसे 59 लोकप्रिय ऐप्स को बैन कर दिया था।
यह बैन ऐसे समय हुआ, जब भारत-चीन सीमा पर स्थित गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प हुई थी और उसमें 15 जून को 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे।
आईटी एक्ट के सेक्शन 69ए के तहत इन ऐप्स को बैन किया गया है। इनमें कुछ ऐप्स देश में सबसे ज्यादा डाउनलोड किए गए ऐप्स में शामिल थे।
47 क्लोन ऐप्स पर बैन क्यों? पहले क्यों नहीं किया इन्हें बैन?
जिन 47 क्लोन ऐप्स को बैन किया गया है, उनमें टिकटॉक लाइट, हेलो लाइट, शेयरइट लाइट, बिगो लाइट और वीएफवाय लाइट शामिल हैं।
जब सरकार ने पिछले महीने 59 ऐप्स बैन किए तो उनके क्लोन यानी उनके जैसे फीचर वाले ऐप्स का डाउनलोड बढ़ गया। यह सरकार की नजर में आया।
टिकटॉक, शेयरइट और कैमस्कैनर से मिलते-जुलते कुछ ऐप्स तो गूगल के प्ले स्टोर के टॉप 10 डाउनलोडेड ऐप्स की सूची में शामिल हो गए।
इसी को आधार बनाकर तफ्तीश की गई और नजर रखी गई तो पता चला कि यह 47 चीनी क्लोन ऐप्स भी डेटा चीन की खुफिया एजेंसियों तक पहुंचा रहे हैं।
अब पबजी पर बैन की बात क्यों हो रही है?
पबजी अकेले पर बैन की बात नहीं है। सूत्रों का कहना है कि सरकार प्लेयर अननोन्स बैटलग्राउंड (पबजी) समेत 275 ऐप्स पर नजर रख रही है।
पबजी भारत समेत कई देशों में सबसे लोकप्रिय मोबाइल गेम्स में से एक है। सिर्फ भारत में इस ऐप के 175 मिलियन डाउनलोड हो चुके हैं।
पबजी को दक्षिण कोरियाई वीडियो गेम कंपनी ब्लूहोल ने डेवलप किया है। हालांकि, चीनी मल्टीनेशनल कंपनी टेन्सेंट की इसमें िहस्सेदारी है।
पबजी इससे पहले भी निशाने पर रहा है। कई बच्चों में इसकी लत से उनके माता-पिता परेशान हैं। कुछ राज्यों ने तो इसे अस्थायी तौर पर बैन भी किया था।
पबजी ने इसके बाद आश्वस्त किया था कि पैरेंट्स, एजुकेटर्स और सरकारी संगठनों से राय लेकर सुरक्षित इकोसिस्टम बनाएगा।
पबजी के अलावा लिस्ट में और कौन-कौन है?
275 ऐप्स की लिस्ट में पबजी के अलावा शाओमी का जिली, अलीबाबा ग्रुप का अलीएक्सप्रेस, रेसो और बाइटडांस का यूलाइक ऐप भी शामिल है।
डेटा शेयरिंग और प्राइवेसी की चिंताओं के चलते इन ऐप्स को रेड-फ्लैग किया गया है। हालांकि, अब तक इन्हें बैन करने पर कोई फैसला नहीं हुआ है।
शाओमी के 14 ऐप्स, कुछ कम लोकप्रिय ऐप्स -कैपकट, फेसयू, मीटू, एलबीई टेक, परफेक्ट कॉर्प, नेटइज गेम्स और यूजू ग्लोबल इस लिस्ट में है।
लिस्ट में हेलसिंकी बेस्ड सुपरसेल भी शामिल है जिसमें चीनी टेक कंपनियों का पैसा लगा है। सिना कॉर्प भी एक ऐसा ही ऐप है।
ऐप चीन का नहीं है तो भी बैन क्यों?
नेशनल साइबर सिक्योरिटी कोऑर्डिनेटर राजेश पंत के अनुसार, कंपनी भले ही सिंगापुर की हो। उसका सर्वर चीन में है, और चीन डेटा कलेक्ट कर रहा है।
जिन ऐप्स या टेक कंपनियों में चीन की मूल कंपनियों का पैसा लगा है, उससे खतरा है। कंपनियां चीनी होने से उन्हें सरकार से डेटा शेयर करना मजबूरी है।
सरकार ने इन ऐप्स को बैन करने की प्रक्रिया निर्धारित की है। संबंधित मंत्रालय को भारत में ऐप्स की निरंतर जांच के लिए एक कानून बनाने को कहा गया है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और इंफर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय के एक अधिकारी का दावा है कि इस तरह के बैन जारी करने के लिए एक कमेटी बनाई गई है।
क्या विदेशों में भारत की तर्ज पर बैन हो रहे हैं चीनी ऐप?
जे सागर एसोसिएट्स के पार्टनर सजय सिंह का कहना है कि वैश्विक स्तर पर कई देशों में अपने नागरिकों के डेटा की सुरक्षा को लेकर यह ट्रैंड दिख रहा है।
2022 में भारत में स्मार्टफोन यूजर्स की संख्या 44 करोड़ के पार हो जाएगी। ऐसे में भारत सरकार ने अपने नागरिकों के डाटा की सुरक्षा की पहचान की है।
चीन में टेलीकॉम, ओटीटी समेत कई बड़ी कंपनियां सरकार के साथ लिंक हैं। इसी वजह से डेटा सिक्योरिटी के मुद्दे पर चीनी कंपनियों का विरोध हो रहा है।
अमेरिका के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों में भी चीनी ऐप्स से डेटा चोरी की शिकायतों के बाद कार्रवाई की मांग तेज हो रही है। हालांकि, अब तक किसी ने भारत की तर्ज पर किसी ऐप पर बैन नहीं लगाया है।
आखिर ऐप क्लोन क्या होता है?
ऐप क्लोन का मतलब होता है किसी अन्य वेबसाइट या ऐप थीम को आधार बनाकर उसकी डिजाइन और कंसेप्ट को कॉपी कर नया ऐप बनाना।
लेकिन क्लोनिंग का मतलब यह नहीं है कि ओरिजिनल जैसा बना लेना, बल्कि उसका आइडिया लेकर यूनिक फीचर उसमें जोड़कर नया बनाना है।
ऐप क्लोनिंग बहुत लोकप्रिय है और कई ऐप डेवलपमेंट कंपनियां ऐसा कर रही हैं। उबर, ओला, लिफ्ट आदि लोकप्रिय ऐप्स की हूबहू नकल तैयार हो चुकी है।
किसी भी ऐप को नए सिरे से डिजाइन करने में वक्त और इन्वेस्टमेंट लगता है। इससे बचने के लिए नई कंपनियां अक्सर पुराने ऐप के क्लोन बना देती हैं।
हकीकत तो यह है कि फेसबुक जैसे सफल ऐप भी किसी न किसी ऐप की कॉपी ही है। लेकिन उनके यूनिक फीचर उन्हें सफल बना देते हैं।
क्या ऐप की क्लोनिंग कानूनन वैध है?
हां। जब तक कि कोई ऐप डिजाइनर मौजूदा बिजनेस के आईपी, कॉपीराइट, पेटेंट और ट्रेडमार्क का उल्लंघन नहीं करता, तब तक यह यह कानूनन वैध है।
दरअसल, क्लोनिंग और ऐप क्लोनिंग अलग-अलग है। समझना होगा कि पूरे ऐप की कॉपी नहीं हो रही बल्कि सिर्फ आइडिया चुराया जा रहा है।
रेडीमेड क्लोन स्क्रिप्ट को कस्टमाइज कर नया ऐप तैयार किया जा सकता है। इससे डेवलपमेंट का वक्त बचता है। साथ ही खर्च भी कम हो जाता है।
क्या यह चीन के खिलाफ भारतीय कार्रवाई है?
बिल्कुल। पिछले हफ्ते भारत ने जनरल फाइनेंशियल रूल्स 2017 बदले थे। चीनी कंपनियों के लिए भारत में टेंडरिंग प्रक्रिया में भाग लेना मुश्किल बनाया है।
इस आदेश में कहा गया है कि भारत से सीमा साझा करने वाले देश के वेंडर्स टेंडर में तभी भाग ले सकते हैं जब उन्होंने सक्षम प्राधिकारी के पास रजिस्ट्रेशन कराया हो।
रजिस्ट्रेशन के लिए डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (डीपीआईआईटी) ने कमेटी बनाई है। विदेश और गृह मंत्रालय से सिक्योरिटी क्लीयरेंस भी इसके लिए जरूरी है।