अमेरिकी वाहन निर्माता कंपनी जनरल मोटर्स महाराष्ट्र स्थित प्लांट को बेचने जा रही है। कंपनी प्लांट को चीन की ऑटो कंपनी ग्रेट वॉल मोटर्स को बेचेगी। यह डील लगभग 250-300 मिलियन डॉलर (1.83-2.19 हजार करोड़ रु.) में होने की उम्मीद है। ऐसे में कंपनी को अनुमान था कि यह डील इसी साल हो जाएगी, लेकिन सीमा पर भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के कारण इसमें और देरी हो सकती है। इससे जनरल मोटर्स को नुकसान हो सकता है।
प्लांट की बिक्री की योजना
दरअसल जनरल मोटर्स मैन्युफैक्चरिंग से बाहर निकलने और कर्ज के भुगतान के लिए 250-300 मिलियन डॉलर में प्लांट की बिक्री की योजना बनाई है। इससे कंपनी को न ही घाटा होगा और न ही मुनाफा। लेकिन डील में देरी के कारण कंपनी को अब लेबर कॉस्ट का भुगतान करना होगा। जिससे कंपनी को नुकसान हो सकता है।
जनरल मोटर्स ने जनवरी में प्लांट की बिक्री की घोषणा की थी और इसे बंद कर दिया था। फिलहाल कंपनी अगले महीने प्लांट को शुरु करने के मूड मं नहीं है। रॉयटर्स के मुताबिक अगले साल तक प्लांट या तो बंद हो जाएगी या इसे ग्रेट वॉल द्वारा संचालित किया जाएगा। इससे पहले कंपनी ने स्टेटमेंट जारी कर कहा था कि हम ग्रेट वॉल मोटर्स के साथ डील की बात करने की दिशा में काम कर रहे हैं। हालांकि इस पर ग्रेट वॉल मोटर्स की ओर से कोई टिप्पणी नहीं आई है।
प्रभावित होंगे 4 हजार कर्मचारी
रॉयटर्स के मुताबिक बिक्री में गिरावट के कारण अमेरिकी कंपनी ने महाराष्ट्र स्थित प्लांट में साल 2017 से बिक्री के लिए प्रोडक्शन बंद कर दिया था। सिर्फ एक्सपोर्ट के लिए प्रोडक्शन जारी रखा था। इसी साल जनवरी में कंपनी ने प्लांट को बेचने की घोषणा की थी। इसमें करीब 4000 हजार कर्मचारी काम करते हैं।
ऐसे में अगर कर्मचारी अलग होने के ऑफर पर सहमति नहीं देते हैं तो जीएम को छंटनी की मंजूरी के लिए स्थानीय सरकार की आवश्यकता होगी। डील में हो रही देरी से प्लांट में काम करने वाले कर्मचारियों को राहत मिलेगा। क्योंकि इससे कोरोना महामारी के बीच नौकरी के संकट से जूझना नहीं पड़ेगा।
भारत-चीन तनाव का असर
कोरोना महामारी के बीच अप्रैल में भारत ने चीन सहित अन्य पड़ोसी देशों से आने वाले निवेश के लिए कड़े नियम जारी किए थे। इसमें जीएम को अब महाराष्ट्र (राज्य सरकार) के बजाय इस डील पर केंद्र सरकार के कई मंत्रालयों के भी सिग्नेचर की आवश्यकता होगी। इसके अलावा जून में हुए चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद केंद्र सरकार ने चीन पर कई व्यापारिक प्रतिबंध लगाए और महाराष्ट्र में चाइनीज कंपनियों की तीन इन्वेस्टमेंट पर रोक लगा दी थी। जिसमें यह डील भी शामिल था।
ग्रेट वॉल मोटर्स की निवेश योजना
रिपोर्ट के मुताबिक चाइनीज इन्वेस्टमेंट प्रपोजल को तब तक मंजूरी मिलने की संभावना नहीं है, जब तक कि सीमा पर तनाव कम न हो जाए। इस डील को जुलाई तक मंजूरी नहीं मिली थी। ऐसे में ग्रेट वॉल को इस साल तक डील पूरी होती नहीं दिख रही है। जबकि कंपनी साल 2021 की पहली छमाही तक भारत में वाहन निर्माण की योजना थी।
चाइनीज कंपनी ग्रेट वॉल मोटर्स का भारत में 1 बिलियन डॉलर (7.32 हजार करोड़ रु.) के निवेश की योजना है। कंपनी ने प्लांट को चलाने के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों की भी नियुक्तियां शुरु कर दी है। रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार से अनुमति मिलने के बाद भी कंपनी को राज्य में निवेश और प्लांट को दोबारा शुरु करने के लिए तीन महीने का समय लग सकता है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
No comments:
Post a Comment
Note: Only a member of this blog may post a comment.