एपल ने भारत में आईफोन 11 बनाना शुरू कर दिया है। द इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, आईफोन 11 को चेन्नई में फॉक्सकॉन द्वारा बनाया जा रहा है। फॉक्सकॉन एपल की टॉप-3 कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स में एक है, जो इसी प्लांट में आईफोन XR भी बनाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एपल ने धीरे-धीरे प्रोडक्शन बढ़ाने की योजना बनाई है और शायद भविष्य में चीन पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए भारत में बने आईफोन 11 का निर्यात करना शुरू करेगा।
कई कारणों को देखते हुए एपल ने बदली रणनीति
एपल भारत में आईफोन 11 बना रहा है, ये खासकर देश के लिए एक बड़ी सफलता है क्योंकि पहले आई रिपोर्ट्स ने सुझाव दिया है कि क्यूपर्टिनो स्थानीय रूप से नए और अधिक महंगे आईफोन बनाने के लिए बहुत उत्सुक नहीं था। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने मार्च में रिपोर्ट में बताया था कि इसके लिए हाई-एंड, ऑर्गेनिक लाइट-एमिटिंग डायोड मॉडल का उत्पादन करने के लिए पर्याप्त सप्लाई चेन और स्किल्ड लेबर की कमी को जिम्मेदार ठहराया गया था। इन कारणों ने एपल को अपनी रणनीति बदलने पर मजबूर किया है।
भारत में फोन की असेंबलिंग तक ही सीमित न रहे- भारत सरकार
आईफोन 11 को स्थानीय स्तर पर बनाने का कदम भारत सरकार की प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम से जुड़ा है, जिसने देश में स्मार्टफोन की डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग (और असेंबली) करने के लिए नया प्रोत्साहन दिया है। मोदी सरकार वास्तव में ब्रांडों को भारत में अपनी पूरी सप्लाई चेन मशीनरी लाने के लिए जोर दे रही है ताकि भारतीय बाजार केवल फोन असेंबलिंग तक ही सीमित न रह जाए। हालांकि अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है, लेकिन अच्छी बात यह है कि कई बड़े ब्रांड्स इसमें रूझान दिखा रहे हैं।
चीन-अमेरिका में बढ़ते तनाव का फायदा भारत को मिला
भारत में अमेरिकी कंपनियों के रूझान की एक वजह चीन-अमेरिका में बढ़ते तनाव को भी माना जा रहा है। चीन चारों ओर से अशांति से घिर चुका है, ऐसे में यह कोई चौंकाने वाली बात नहीं कि अमेरिकी कंपनी एपल चीन से बाहर अधिक से अधिक मैन्युफैक्चरिंग करने के लिए काम कर रही है, जिसका फायदा भारत को मिल रहा है। यही कारण है कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आईफोन निर्माता कंपनी पेगाट्रॉन भी भारत में लोकल असेंबली स्थापित कर रही है।
एपल को आयात शुल्क में 22% की बचत होगी
आईफोन 11 को स्थानीय रूप से बनाने से एपल को आयात शुल्क में 22% की बचत करने में मदद मिलेगी, लेकिन इसका फायदा ग्राहकों को मिलेगा या नहीं, यह तो समय ही बताएगा। केंद्रीय बजट 2020 में आयात शुल्क में किए गए प्रस्तावित परिवर्तनों के बाद एपल ने मार्च में भारत में अपने कुछ आईफोन्स की कीमतें बढ़ा दी थीं और इसके तुरंत बाद स्मार्टफोन और कंपोनेंट्स पर GST बढ़ोतरी के साथ एपल को अपने आईफोन्स की कीमतें फिर से बढ़ानी पड़ी, वो भी लगभग एक महीने में दूसरी बार। वर्तमान में आईफोन 11 के बेस 64 जीबी वैरिएंट की कीमत 68,300 रुपए से शुरू होती है जो टॉप-एंड 256 जीबी वैरिएंट के लिए 84,100 रुपए तक जाती है। आईफोन 11 के 128 जीबी वैरिएंट की कीमत 73,600 रुपए है।
भारत में पिहली तिमाही में आईफोन की बिक्री 78% YoY बढ़ी
कीमतों में बढ़ोतरी और महामारी के डर के बावजूद, काउंटरपॉइंट रिसर्च के अनुसार, एपल ने 2020 की पहली तिमाही में भारत में आईफोन की बिक्री में 78 प्रतिशत वर्ष-दर-वर्ष (YoY) वृद्धि देखी। यह स्पष्ट रूप से आईफोन 11 के कारण देखने को मिली है। यह भी एक कारण हो सकता है कि एपल ने इस विशेष आईफोन के लिए लोकल असेंबली को बढ़ावा देने का फैसला किया।
भविष्य में और मॉडल भी भारत में बना सकती है कंपनी
हाल ही में लॉन्च किए गए आईफोन SE 2020 सहित एपल भी कथित तौर पर भारत में और अधिक आईफोन मॉडल बनाना चाह रहा है। इससे पहले भारत में ऑरिजनल आईफोन SE भी बनाया गया था।
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