मोनाश और ऑस्ट्रेलिया की RMIT यूनिवर्सिटीज के शोधकर्ताओं ने सिंगल ऑप्टिकल चिप से दुनिया की सबसे तेज इंटरनेट डेटा स्पीड का सफलतापूर्वक परीक्षण है। उन्होंने सिंगल लाइट सोर्स से 44.2 टेराबिट्स प्रति सेकंड की डेटा स्पीड रिकॉर्ड की है, जो एक सेकंड में एक हजार हाई-डेफिनेशन फिल्में डाउनलोड करने जितनी है। इस तकनीक को इस समय गेम चेंजर के तौर पर देखा जा रहा है, जब अरबों लोग घर से काम कर रहे हैं और इंटरनेट पर काफी दवाब है। दावा किया जा रहा है कि इसमें दुनियाभर की टेलीकम्युनिकेशन कैपेसिटी को तेज गति प्रदान करने की क्षमता है।
शोधकर्ताओं का दावा
- यह तकनीक में मेलबोर्न (ऑस्ट्रेलिया) के 1.8 मिलियन घरों को एक ही समय में हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्शन प्रदान कर सकती है। इस तरह के प्रदर्शन आमतौर पर एक प्रयोगशाला तक ही सीमित होते हैं लेकिन, इस स्टडी के लिए, शोधकर्ताओं ने मौजूदा कम्युनिकेशनंस इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग करके ऐसी डेटा गति प्राप्त की, जहां वे नेटवर्क को कुशलतापूर्वक लोड-परीक्षण करने में सक्षम थे। उन्होंने आरएमआईटी के मेलबर्न सिटी कैंपस और मोनाश यूनिवर्सिटी के क्लेटन कैंपस के बीच 76.6 किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर पर ट्रांसमिशन का परीक्षण किया।
- उन्होंने एक नए उपकरण का इस्तेमाल किया। जिसमें 80 लेज़र्स को रिप्लेस कर सिर्फ एक ही इक्विपमेंट का इस्तेमाल किया गया, जिसे माइक्रो कॉम्ब कहते हैं। यह मौजूदा कम्युनिकेशन हार्डवेयर की तुलना में छोटा और हल्का है। यह पहली बार है जब किसी माइक्रो-कॉम्ब का उपयोग फील्ड ट्रायल में किया गया है और इसमें एक ही ऑप्टिकल चिप से सबसे अधिक डेटा का प्रोड्यूस होता है।
- मोनाश विश्वविद्यालय में इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर सिस्टम इंजीनियरिंग में सह-प्रमुख लेखक और लेक्चरार डॉ बिल कोरकोरन ने कहा कि हम वर्तमान में एक इलक प्राप्त कर चुके हैं कि कैसे इंटरनेट के लिए बुनियादी ढांचा दो से तीन वर्षों में पकड़ लेगा, क्योंकि अभूतपूर्व संख्या में लोग इंटरनेट का उपयोग रिमोट वर्क, सोशलाइजिंग और स्ट्रीमिंग के लिए करते हैं। और यह सिर्फ नेटफ्लिक्स नहीं है जिसके बारे में शोधकर्ताओं ने यहां बात कर रहे हैं। कोरकोरन ने समझाया कि हम कम्युनिकेशन नेटवर्क का काफी बड़े पैमाने पर उपयोग करते हैं। इस डेटा का उपयोग सेल्फ-ड्राइविंग कारों और फ्यूचर ट्रांसपोर्टेशन के लिए किया जा सकता है और यह दवा, शिक्षा, वित्त और ई-कॉमर्स उद्योगों की मदद कर सकता है।
गीगाबाइट्स से टेराबाइट्स करेंगे क्षमता
भविष्य में इस प्रोजेक्ट से वर्तमान ट्रांसमीटरों की उपयोगी क्षमता को सैकड़ों गीगाबाइट्स प्रति सेकंड से बढ़ाकर कई टेराबाइट्स करने की है, वो भी बिना आकार, वजन या लागत में वृद्धि किए बिना। आरएमआईटी के प्रतिष्ठित प्रोफेसर अरनान मिशेल ने कहा- लॉन्ग-टर्म, हम इंटीग्रेटेड फोटोनिक चिप्स बनाने की उम्मीद करते हैं जो इस तरह के डेटा दर को कम से कम लागत के साथ मौजूदा ऑप्टिकल फाइबर लिंक के माध्यम से प्राप्त करने में सक्षम हो सकें। शुरुआत में, ये डेटा सेंटरों के बीच अल्ट्रा-हाई स्पीड कम्युनिकेशन के लिए आकर्षक होंगे। मिशेल ने कहा- हालांकि, हम इस तकनीक की पर्याप्त रूप से कम लागत और कॉम्पैक्ट बनने की कल्पना कर सकते हैं कि इसे दुनिया भर के शहरों में आम जनता द्वारा व्यावसायिक उपयोग के लिए तैनात किया जा सकता है, ”।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
No comments:
Post a Comment
Note: Only a member of this blog may post a comment.