नई दिल्ली. भारतीय ऑटो इंडस्ट्री करीब एक साल से आर्थिक सुस्ती के दौर से गुजर रही है, जिसमें आगामी वित्त वर्ष में सुधार की उम्मीद जताई जा रही थी। लेकिन कोरोनावायरस की वजह से फिलहाल आर्थिक सुस्ती के छंटने के आासर कम ही नजर आ रहे हैं। सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन (सियाम) ने कहा कि कोरोनावायरस की वजह से ऑटो इंडस्ट्री का प्रोडक्शन गंभीर रुप से प्रभावित हो सकता है, क्योंकि भारतीय वाहन मैन्यूफैक्चर्स उत्पादन का करीब 10 फीसदी कच्चा माल पड़ोसी देश चीन से मंगाया जाता है।
प्रोडक्शन के स्तर पर गंभीर चुनौती
भारतीय ऑटो इंडस्ट्री ने चीनी के नए साल से पहले काफी तादादा में कच्चे माल मंगाया था। लेकिन इसके बाद कोरोनावायरस ने ऑटो इंडस्ट्री के लिए मुसीबत बढ़ा दी। सियाम के प्रेसिडेंट राजन वढ़ेरा की मानें, तो कोरोनावायरस की वजह से बीएस6 वाहनों की सप्लाई प्रभावित हो सकती है। उन्होंने कहा कि वाहन के पार्टस की चीन से आपूर्ति न होने की वजह से पैसेंजर व्हीकल, कॉमर्शियल व्हीकल, थ्री व्हीकल, टू-व्हीलर और इलेक्ट्रिक व्हीकल समेत सभी सेगमेंट के प्रोडक्शन पर असर पड़ेगा।
वाहन निर्माताओं की ओर से अपनी सप्लाई चेन डिमांड को पूरा करने के लिए घरेलू स्तर के अन्य विकल्प की तलाश की जा रही है। लेकिन इसमें प्रोडक्शन के स्तर पर काफी वक्त लगेगा, क्योंकि इन घरेलू कंपोनेंट को रेग्यूलेटरी टेस्टिंग की जरूरत होगी। सियाम ऑटो इंडस्ट्री के प्रस्तावों को लेकर केंद्र सरकार के साथ संपर्क में है।
ऐसा रहा वाहन बिक्री का रिकॉर्ड
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