गैजेट डेस्क. फेसबुक यूजर्स की निजी जानकारियों को हाई सिक्योरिटी देने के दावे लगातार दम तोड़ते नजर आ रहे हैं। कई कोशिशों के बाद भी कंपनी डेटा लीक जैसी गतिविधिओं को नहीं रोक पा रही है। हाल ही में फेसबुक का एक नया कारनामा सामने आया है, जिसमें वियतनामी फर्म ने नए 26.7 करोड़ फेसबुक यूजर्स के मोबाइल नंबर, फोटो और यूजरनेम लीक होने की जानकारी दी है।
दरअसल, 9 दिसंबर को वियतनाम के इलास्टिकसर्च सर्वर पर इन यूजर्स की निजी जानकारियां लीक हुई। लीक होने के तीन दिन के अंदर ही ये डेटा अलग-अलग हैकर्स फर्म के पास डाउनलोड के लिए उपलब्ध रहा। इसकी जानकारी 14 दिसंबर को तब लगी जब रिसर्चर बॉब डियाचेनको ने करीब 120 करोड़ लोगों के डेटा को देखा। ये डाटा विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए लीक हुए थे, जिसमें फेसबुक का डेटा भी शामिल था।
इलास्टिक सर्च सर्वर का विवादों से पुराना नाता
ऐसा पहली बार नहीं है कि इलास्टिकसर्च सर्वर सुर्खियों में आया है। साल की शुरुआत में भी चार टीबी का चोरी का डेटा डंप इस सर्वर पर उपलब्ध था, जिनमें यूजर्स के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अपलोड की गई निजी जानकारियां भी शामिल थीं। ये डेटा अलग-अलग डेटा ब्रोक्रेज फर्म्स जैसे कि कैलिफोर्निया स्थित डेटा ब्रोकर फर्म पीपल डाटा लैब्स द्वारा ऑरिजिनेट किए गए थे।
दम तोड़ रहे हैं सुरक्षा के दावे
पिछले दो साल में फेसबुक अपने यूजर्स की निजी जानकारियों को सुरक्षित रखने के लिए लगातार सर्वर की सिक्योरिटी में बड़े बदलाव कर रही है। लेकिन इन सबके बावजूद फेसबुक हैकर्स और अटैकर्स से डेटा को बचाने में कामयाब नहीं हो रही है। पिछले साल कैम्ब्रिज एनालीटिका डेटा ब्रीच के उजागर होने के बाद फेसबुक के दुनियाभर के करोड़ों यूजर्स के डाटा सामने आए थे। इसके बाद मार्क जकरबर्ग को अमेरिकी कांग्रेस के सामने इस डेटा लीक पर सफाई भी देनी पड़ी थी।
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