टाटा मोटर्स अपने पैसेंजर व्हीकल कारोबार के लिए सक्रिय रूप से पार्टनर तलाश रही है। अगले एक दशक में ग्रोथ के लिए तकनीक पर किए जाने वाले भारी निवेश को देखते हुए पार्टनर की तलाश की जा रही है। टाटा मोटर्स के पैसेंजर व्हीकल बिजनेस यूनिट के प्रेसीडेंट शैलेष चंद्रा ने एक इंटरव्यू में यह बात कही गई है।
अलग कंपनी के लिए बोर्ड दे चुका है मंजूरी
पैसेंजर व्हीकल कारोबार को अलग कंपनी में बदलने के लिए टाटा मोटर्स का बोर्ड पहले ही मंजूरी दे चुकी है। इसमें कंपनी का इलेक्ट्रिक व्हीकल वर्टिकल भी शामिल होगा। पैसेंजर व्हीकल कारोबार से जुड़े सभी असेट्स, आईपी और कर्मचारी नई कंपनी को ट्रांसफर किए जाएंगे। चंद्रा का कहना है कि अलग सब्सिडियरी गठित करने के मकसद को पूरा करने के लिए पार्टनर की तलाश की जा रही है।
उत्पादों की लाइफ-साइकिल घटाने में मदद मिलेगी
चंद्रा ने कहा कि इस साझेदारी से उत्पादों की लाइफ-साइकिल घटाने और नए उत्पाद लॉन्च की संख्या बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए भारी निवेश की आवश्यकता होगी। इसलिए हम सक्रिय रूप से पार्टनर की तलाश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पैसेंजर व्हीकल कारोबार बिजनेस को अलग सब्सिडियरी बनाने की प्रक्रिया चालू है।
एक साल बन जाएगी नई कंपनी
एक सवाल के जवाब में चंद्रा ने कहा कि पैसेंजर व्हीकल बिजनेस को अलग सब्सिडियरी बनाने और पार्टनर तलाशने के लिए कोई टाइमलाइन तय नहीं है। हालांकि, उन्होंने कहा कि पैसेंजर व्हीकल बिजनेस को अलग लीगल एंटिटी में बदलने में 1 साल का समय लग सकता है।
डबल डिजिट में पैसेंजर व्हीकल बिजनेस की ग्रोथ
चंद्रा ने कहा कि लॉकडाउन के बावजूद पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में टाटा मोटर्स की ग्रोथ डबल डिजिट में रही है। इसकी बदौलत पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में टाटा मोटर्स की बाजार हिस्सेदारी बढ़कर 7.9 फीसदी पर पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि कंपनी अपने उत्पादों में सेफ्टी को प्रोत्साहन दे रही है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
No comments:
Post a Comment
Note: Only a member of this blog may post a comment.