यूं तो कार खरीदना लोगों की जरूरत बन चुकी थी, लेकिन कोविड-19 महामारी ने इसे लोगों की बेसिक नीड बना दिया है। सुरक्षा के लिहाज से लगभग सभी लोग अपनी कार से ही ट्रैवल करना चाहते हैं। यही वजह की पिछले दो महीने से कार सेलिंग का ग्राफ तेजी से ऊपर जा रहा है। ऐसे में आप भी नई कार खरीदने का प्लान कर रहे है तब इसे लेकर जल्दबाजी नहीं दिखानी चाहिए।
आपके जेहन में कार और उसके खर्च से जुड़े कुछ सवाल होने चाहिए। जिनके सही जवाब मिलने के बाद ही अपने कदम को हर बार आगे बढ़ाएं। हम यहां ऐसी 5 बातें बता रहें हैं जिन्हें जानने के बाद आपके लिए कार खरीदना आसान हो जाएगा।
1. कार कंपनी का चुनाव
जब भी हम पहली कार खरीदते हैं तब कार कंपनी का चुनाव सबसे जरूरी होता है, क्योंकि कार खरीदने के बाद आम आदमी उसे आसानी से बदल नहीं सकता। ऐसे में कार कंपनी का चुनाव बहुत अहम हो जाता है। भारतीय बाजार में मारुति सुजुकी, हुंडई, टाटा, महिंद्रा, फोर्ड, किआ, फॉक्सवैगन, टोयोटा, होंडा, निसान, रेनो समेत कई कार कंपनियां मौजूद हैं। इनमें मारुति सबसे ज्यादा कार बेचने वाली कंपनी है। वहीं, दूसरे नंबर पर हुंडई फिर टाटा का नाम आता है।
हालांकि, ऐसा नहीं है कि जो कंपनियों सेलिंग की लिस्ट में 5वें या उससे काफी नीचे है उनकी कार की परफॉर्मेंस अच्छी नहीं है। ज्यादातर ग्राहकों की सोच उस कंपनी के पास जाने की होती है जिसकी कार ज्यादा बिकती हैं। ऐसे में आप अपनी पसंद की कंपनी का चुनाव करें। आपके आसपास जो लोग कार चला रहे हैं, उनकी सलाह लें। साथ ही, कार से जुड़े एक्सपीरियंस को भी जानें।
2. कार की जरूरत का ध्यान रखें
कार कंपनी के सिलेक्शन के बाद दूसरी सबसे जरूरी बात ये होता है कि आखिर कार खरीदने का मकसद क्या है? यानी कार को आप किसी काम में इस्तेमाल करने वाले हैं। ये इसलिए जरूरी है क्योंकि मार्केट में हैचबैक, सेडान, एमपीवी, मिड एसयूवी और एसयूवी सेगमेंट की कार आती है। ये सभी कार अलग-अलग पर्पज के लिए बनी हैं।
यदि आपकी फैमिली में 5 लोग हैं तब आपके लिए हैचबैक सही ऑप्शन है। यदि मेंबर्स 5 से ज्यादा हैं तब आपको एमपीवी या 7 सीटर कार की तरफ जाना होगा। यदि आप ऐसे शहर में रहते हैं जहां की सड़कें खराब हैं तब आपके एसयूवी सेगमेंट की तरफ जाना होगा। यदि आप ज्यादा लगेज लेकर चलते हैं तब आपके लिए सेडान ठीक है।
3. कार का बजट और मॉडल का सिलेक्शन
जब ये तय हो जाए कि कार किस मकसद के लिए खरीदनी है तब तीसरा काम कार का मॉडल और बजट सिलेक्शन का हो जाता है। जैसे आप हैचबैक लेना चाह रहे हैं तब आपको कितने रुपए खर्च करने होंगे। मान लीजिए आप मारूति की कोई हैचबैक खरीदते हैं, तब आपको ऑल्टो, एस-प्रेसो, सेलेरियो, वैगनआर, स्विफ्ट, इग्निस, बलेनो, एस-क्रॉस जैसे कई ऑप्शन मिलेंगे। सभी कार 5 सीटर हैं, लेकिन कीमत में काफी अंतर है। आपका बजट 5 लाख के करीब है तब आप ऑल्टो, एस-प्रेसो और सेलेरियो को चुन सकते हैं।
यदि आपको अपने बजट से ऊपर की कोई हैचबैक पसंद आ रही है तब आप लोन का अमाउंट बढ़ा सकते हैं, लेकिन इसके लिए लोन पर लगने वाले इंटरेस्ट रेट, लोन प्रोसेसिंग फीस, हिडन चार्जेज, लोन क्लोजिंग चार्जेज जैसी बातों के बारे में पता कर लें। साथ ही, लोन का कम्पेयर भी कर लें।
4. कार का माइलेज और मेंटेनेंस खर्च
कार खरीदने के दौरान सबसे जरूरी बातों में से एक होता है उसका माइलेज। पेट्रोल कार की तुलना में डीजल और CNG का माइलेज ज्यादा होता है। हालांकि, अब पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगभग एक-समान हो चुकी हैं, ऐसे में डीजल कार को खरीदने ज्यादा समझदारी नहीं माना जाता। इसकी वजह है कि डीजल कार का मेंटेनेंस खर्च पेट्रोल की तुलना में ज्यादा होता है। वहीं, आप CNG कार की तरफ जाते हैं तब उसका माइलेज को बढ़ जाएगा, लेकिन बूट स्पेस CNG किट की वजह से खत्म हो जाएगा।
कार का सालाना मेंटेनेंस खर्च कितना है, इस बात का भी जानना चाहिए। इन दिनों कार के मेंटेनेंस पर ज्यादा पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं होती। वहीं, कंपनियां 5 से 10 साल तक के लिए कार के मेंटेनेंस की कॉस्ट लिस्ट जारी कर देती हैं।
5. इंश्योरेंस और दूसरे पेपर
कार खरीदते वक्त इंश्योरेंस सबसे जरूरी होता है। लगभग सभी कंपनियां कार इंश्योरेंस अपने डीलर से करके देती हैं, ऐसे में यदि आपको बाहर से इंश्योरेंस कम कीमत में मिल रहा है तब आप बाहर से ही इंश्योरेंस लें। साथ ही, कार की दूसरी एक्सेसरीज और पार्ट्स से जुड़ी गारंटी या वारंटी के पेपर भी जरूर लें। जैसे टायर, स्टीरियो, बैटरी आदि पर अलग-अलग वारंटी मिलती है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
No comments:
Post a Comment
Note: Only a member of this blog may post a comment.