चीन की मशहूर शाॅर्ट वीडियो ऐप टिकटाॅक की मुश्किलें दिन पर दिन बढती ही जा रही हैं। शुरूआत में अश्लील कंटेंट और फिर प्राइवेसी को लेकर बवाल हो चुका है। प्राइवेसी लीक मामले में भारत में टिकटाॅक बैन हो चुका है। इसके बाद अमेरिका में भी दिक्कतें बढनी शुरू हो गई। अब जब चीनी ऐप अमेरिका में कारोबार बेचने की तैयार कर ली तो एक बार फिर ऐप की मुश्किलें अपने ही देश चीन ने बढ़ा दी है।
चीन ने नया नियम लागू कर दिया
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने रातोंरात एक नया एक्सपोर्ट रूल लागू कर दिया। इस नियम के तहत चीन की सरकार ने कहा कि टिकटाॅक को अपना कारोबार बेचने के लिए सरकार से लाइसेंस लेने की जरूरत होगी।
एक्सपोर्ट पर नियंत्रण किया जा सकेगा
चीन के इस नियम के तहत एक्सपोर्ट पर नियंत्रण किया जा सकेगा। इसमें टेक्नोलॉजी बेस्ड डाटा एनालिसिस भी शामिल है। यानी की टिकटाॅक की पेरेंट कंपनी बायडांस अपना ऐप तो बेच सकती है लेकिन अपना मशहूर कंटेंट रेकमंडेशन अल्गारिद्म नहीं बेच पाएगी। यूजर्स को किस तरह का कॉन्टेंट पसंद कर रहे हैं इसका पता अलॉगरिद्म से ही चलता है। इसी के आधार पर नए कॉन्टेंट सुझाए जाते हैं। बता दें कि इसी की वजह से टिकटाॅक को लोकप्रियता मिली है।
15 जून से पहले बेचना है टिकटाॅक को अपना कारोबार
अमेरिका में टिकटाॅक की डील माइक्रोसॉफ्ट या फिर ऑरेकल से होने की संभावना है। हालांकि, बात बनने से पहले अब बायडांस के सामने नई मुश्किल आ गई है। ऐसे में अब टिकटाॅक अपने अमेरिकी कारोबार को अलग यूनिट बनाकर बेचना चाहती थी वह भी मुश्किल लग रहा है। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कंपनी को 15 सितंबर तक अपना अमेरिकी कारोबार बेचने को कहा है। अगर इस बीच कंपनी ने अपना कारोबार नहीं बेचा तो अमेरिकी टिकटाॅक बैन हो जाएगा।
20 से 30 अरब डॉलर में हो सकती है डील
सूत्रों के मुताबिक, टिकटॉक की बीजिंग स्थित मूल कंपनी बायडांस अपने अमेरिकी, कनाडाई, ऑस्ट्रेलियाई और न्यूजीलैंड के लिए कारोबारी डील 20 बिलियन से 30 बिलियन डाॅलर में होने की संभावना है। बता दें कि अमेरिकी रिटेल दिग्गज वॉलमार्ट, टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के साथ मिलकर चीनी वीडियो शेयरिंग ऐप टिकटाॅक की बोली लगाएगी।
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