कोरोनावायरस महामारी और लॉकडाउन के कारण ज्यादातर कर्मचारी पिछले 7 माह से घर से काम कर रहे हैं। लगातार घर से काम करने और वर्कलोड बढ़ने के कारण करीब 80 फीसदी कर्मचारी इस समय तकनीकी समस्याओं से जूझ रहे हैं।
हालांकि, सर्वे में शामिल ज्यादातर लोगों ने वर्क फ्रॉम होम (WFH) को कंफर्टेबल बताया और वे लंबे समय तक घर से काम करना चाहते हैं। 90 फीसदी पार्टिसिपेंट ने कहा कि वे घर से काम करने के बावजूद खुद को काफी प्रोडक्टिव मान रहे हैं। हालांकि, 30 पर्सेंट लोगों का कहना है कि उन्हें ज्यादा समय तक काम करना पड़ रहा है।
इंटरनेट स्पीड की समस्या
लाइमलाइट नेटवर्क की स्टडी 'द न्यू नॉर्म फॉर वर्क' में इसका खुलासा किया गया है। सर्वे में करीब 82 फीसदी ने कहा कि काम के दौरान उन्हें तकनीकी रूप से बहुत परेशानी आ रही है। इस वजह से फ्रस्टेशन भी बढ़ता है। इनमें सबसे बड़ी समस्या इंटरनेट स्पीड की है। इससे फाइल अपलोड और डाउनलोड करने में काफी समय लेता है। इसके अलावा सबसे जरूरी जूम कॉल पर काफी दिक्कत होती है। सर्वे में 42 पर्सेंट लोगों ने इंटरनेट कनेक्शन की शिकायत की।
सोशल मीडिया बनी मुसीबत
रिपोर्ट के अनुसार, दूसरे देशों के मुकाबले भारत में प्रोफेशनल्स को इस तरह की समस्याएं ज्यादा हुईं। इसके पीछे एक वजह ये भी है कि अमेरिका और यूरोप जैसे देशों में घर से काम करने परंपरा बिल्कुल नई नहीं है। खराब मौसम में वहां लोग कई दिनों तक घर से काम करते हैं। 75 फीसदी ने सोशल मीडिया डिस्ट्रक्शन की भी शिकायत की।
भारत डिजिटल ट्रांस फार्मेशन अनोखे दौर से गुजर रहा
लाइम लाइट नेटवर्क के कंट्री डायरेक्टर अश्विन राव ने कहा कि भारत इस समय डिजिटल ट्रांस फार्मेशन अनोखे दौर से गुजर रहा है। घर से काम करने की वजह से जो कंपनियां देश के बाहर हैं, उनके पास काफी कम अवसर है, लेकिन वे इंफ्रा को सुधारने में निवेश कर सकती हैं ताकि जो भी समस्या है वह सुलझ सके। ज्यादा से ज्यादा पेशेवर घर से काम करना पसंद कर रहे हैं इसलिए कंटेंट डिलिवरी नेटवर्क काम के ऑन लाइन अनुभवों को सुधारने में अच्छा साधन हो सकता है।
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