सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को ऑटो कंपनियों और ग्राहकों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने मार्च में लॉकडाउन से पहले बेचे गए BS-IV के रजिस्ट्रेशन की अनुमति दे दी है। इस फैसले का फायदा केवल उन वाहनों को मिलेगा, जिनकी जानकारी सरकार के वाहन पोर्टल पर पहले से अपलोड है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से वाहन कंपनियों और वाहन खरीदने वाले ग्राहक दोनों को फायदा होगा, क्योंकि इन वाहनों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा था।
31 जुलाई को लगा दी थी रोक
सुप्रीम कोर्ट ने 31 जुलाई को इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि अगले आदेश तक BS-IV वाहनों का रजिस्ट्रेशन नहीं किया जाए। साथ ही कोर्ट ने मार्च में लॉकडाउन के दौरान बड़ी संख्या में वाहनों की बिक्री पर नाराजगी जताई थी। गुरुवार को जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान 25 मार्च के बाद बेचे गए वाहनों के रजिस्ट्रेशन की अनुमति नहीं होगी। साथ ही कोर्ट ने कहा कि जिन वाहनों डाटा वाहन पोर्टल पर अपलोड नहीं होगा, उनका भी रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकेगा। जस्टिस मिश्रा ने कहा कि हम दिल्ली-एनसीआर में वाहनों के रजिस्ट्रेशन को मंजूरी नहीं दे सकते हैं। यह फैसला दिल्ली-एनसीआर में लागू नहीं होगा।
सख्त लॉकडाउन में बेचे गए ढाई लाख वाहन
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के हवाले के केंद्र सरकार की ओर से पेश किए गए डाटा के मुताबिक, 12 से 31 मार्च के बीच 11 लाख BS-IV वाहन बेचे गए हैं। डाटा के मुताबिक अकेले ढाई लाख वाहन केवल 29 से 31 मार्च के बीच बेचे गए। इस अवधि में पूरे देश में सख्त लॉकडाउन लागू था।
फाडा के मुताबिक 2.25 लाख वाहनों की बिक्री
वहीं, फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) की ओर से पेश किए गए डाटा के मुताबिक, कुल 2,25,247 वाहनों की बिक्री की गई है। इसमें से 94,076 वाहनों की बिक्री फाडा के सदस्यों ने की है, जबकि 1,31,717 वाहनों की बिक्री फाडा के गैर सदस्य डीलर्स ने की है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए 2017 में BS-IV वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर 1 अप्रैल 2020 से रोक लगाने का आदेश दिया था।
कोर्ट ने मार्च में दी थी आंशिक छूट
सुप्रीम कोर्ट ने 27 मार्च को 10 फीसदी BS-IV वाहन बेचने की अनुमति दी थी। कोर्ट ने यह आंशिक छूट देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान खराब हुए समय की भरपाई के लिए दी थी। कोर्ट ने कहा था कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद 10 दिनों के भीतर इन वाहनों की बिक्री की जा सकती है। 24 जुलाई को सुनवाई के दौरान सड़क परिवहन मंत्रालय ने 31 मार्च के बाद वाहन पोर्टल पर अपलोड होने वाले वाहनों की जानकारी कोर्ट को दी थी। कोर्ट ने कहा था कि जिन वाहनों की जानकारी वाहन पोर्टल पर अपलोड है, वह केवल उनकी सुरक्षा कर सकती है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
No comments:
Post a Comment
Note: Only a member of this blog may post a comment.