बारिश का मौसम शुरू हो चुका है। इस मौसम में ज्यादातर लोग फोर-व्हीलर से ट्रैवल करना पसंद करते हैं। वजह है बारिश से बचाव और सेफ्टी। हालांकि, बारिश में ड्राइविंग आम दिनों की तुलना में ज्यादा मुश्किल हो जाती है। अगर पानी बरस रहा है तब विजिबिलिटी काफी कम हो जाती है। ऐसे में कई लोग ड्राइविंग के दौरान इमरजेंसी इंडिकेटर का इस्तेमाल करते हैं।
लोगों को ऐसा लगता है कि इमरजेंसी इंडिकेटर ऑन करने से उनकी ड्राइविंग सेफ हो रही है, लेकिन वास्तव में ऐसा होता नहीं है। यूट्यूबर ऑटो एक्सपर्ट अमित खरे (आस्क कारगुरु) ने भी इसे खतरनाक बताया है।
पहले समझिए इमरजेंसी इंडिकेटर का काम
अमित खरे ने बताया कि इमरजेंसी इंडिकेटर का इस्तेमाल उस वक्त किया जाता है तब आप गाड़ी को हाईवे या सड़क किनारे रोक रहे हैं। या फिर आपकी गाड़ी में खराबी आ गई है। रात के वक्त यदि गाड़ी में खराबी आ जाए, टायर बदल रहे हों तब इन इंडीकेटर्स का इस्तेमाल इसलिए किया जाता है कि पीछे और आगे से आने वाली गाड़ियों को अलर्ट मिले। रात के समय इमरजेंसी इंडिकेटर्स स्टॉपर्स का काम करते हैं।
बारिश में इमरजेंसी इंडिकेटर क्यों नहीं ऑन करें?
इसे लेकर ऑटो एक्सपर्ट अमित खरे ने कहा कि कई साल पहले बारिश में इमरजेंसी इंडिकेटर का इस्तेमाल इसलिए किया जाता है था क्योंकि तब गाड़ी की हेडलाइट इतनी पावरफुल नहीं होती थीं। ऐसे में लो विजिबिलिटी की वजह से चारों इंडिकेटर ऑन कर लिए जाते था, जिससे किसी तरह की दुर्घटना न हो जाए। हालांकि, अब गाड़ियों का लाइट पूरी तरह बदल चुकी हैं।
उन्होंने बताया कि नए जमाने की गाड़ियों में LED लाइट्स का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिनकी रोशनी बहुत पावरफुल होती है। तेज बारिश के दौरान भी ये काफी दूरी से नजर आती हैं। बारिश में ड्राइविंग के दौरान फॉग लाइट भी ऑन कर सकते हैं।
इमरजेंसी इंडिकेटर ऑन करने का सबसे बड़ा नुकसान ये होता है कि गाड़ी मोड़ते वक्त आप इंडिकेटर का इस्तेमाल नहीं कर पाते। ऐसे में पीछे या आगे से आ रही गाड़ी से एक्सीडेंट होने खतरा बन जाता है।
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