गैजेट डेस्क. कोरोनावायरस अबतक 195 देशों को अपनी जद में ले चुका है। इससे अबतक 24 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। पूरी दुनिया इससे निजात पाने के लिए हर संभव कोशिशें कर रही है। अमेरिका में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है। ऐसे में कोरोना से बचने के लिए अब अमेरिकी ऐप की मदद ले रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में कोविड-19 यानी कोरोना के लक्षणों की पहचान करने वाली ऐप काफी पॉपुलर हो रही है। इसे काफी संख्या में डाउनलोड किया जा रहा है और यह सबसे ज्यादा डाउनलोड की जाने वाली ऐप की लिस्ट में भी शामिल हो चुकी है।
अमेरिका में इस तरह की ऐप के बारे में डेवलपर्स का मनाना है कि इससे लोगों को यह पता चलेगा कि क्यों कुछ लोगों में कोरोना संक्रमित होने के ज्यादा संभावना होती है। इसके अलावा इससे यह जानकारी भी मिलेगी किन इलाकों में कोरोना सबसे ज्यादा फैला और कैसे यह आम सर्दी-जुकाम से अलग है। हालांकि इस समय कई सारी कोरोना ट्रैकर ऐप यूएस मार्केट में उपलब्ध है। ऐसे में एक्सपर्ट्स का कहना है कि इन्हें डाउनलोड करते समय यूजर को सतर्क रहने की जरूरत है कि वह सही ऐप डाउनलोड कर रहे हैं।
अब सवाल यह उठता है कि क्या भारत में भी इस तरह की ऐप है जो कोरोनावायरस पर फोकस्ड है, तो जबाव यह है कि भारत में भी कई सारी ऐप हैं जिन्हें खासतौर से कोविड-19 के लिए ही डिजाइन किया गया है। कर्नाटाका, गुजरात, पंजाब समेत कई राज्यों की अलग अलग ऐप्स है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में एक ऐसी ऐप पर भी काम चल रहा है जो यूजर किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति के नजदीक जाते ही अलर्ट कर देगी। इसका नाम है कोविन-20।
कैसे काम करेगा कोविन-20 ऐप
- कोविन-20 (CoWin-20) ऐप की फिलहाल आईओएस और एंड्रॉयड दोनों ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए जोर-शोर से इसकी टेस्टिंग की जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, फिलहाल इसकी टेस्टिंग कुछ यूजर्स तक ही सीमित है, यह ऐप यूजर को कोरोना से संक्रमित व्यक्ति के नजदीक पहुंचते ही अलर्ट करेगा।
- कोविन-20 ऐप स्मार्टफोन का लोकेशन डेटा और ब्लूटूथ का इस्तेमाल करेगा और बताएगा कि यूजर किसी संक्रमित व्यक्ति के करीब तो नहीं है। संक्रमित व्यक्ति का पता लगाने के लिए ये कोरोना पॉजिटिव लोगों का डेटाबेस खंगालेगा, साथ ही लोगों की ट्रेवल हिस्ट्री के बारे में भी पता लगाएगा। ऐप यह भी बताएगा कि किस इलाके में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित हैं।
- यह ऐप इन सभी प्रोसेस के लिए यूजर के परमिशन लेगा ताकि स्मार्टफोन की लोकेशन डेटा इस्तेमाल की जा सके। हालांकि यूजर के डेटा की गोपनियता का पूरा ख्याल भी रखा जाएगा ताकि डेटा चोरी जैसे समस्या न हो। टेस्ट में पॉजिटिव पाए जाने वाले व्यक्ति का डेटा सिर्फ हेल्थ मिनिस्ट्री के साथ ही शेयर किया जाएगा। लेकिन फिलहाल इस बात को लेकर कोई सफाई नहीं दी गई है कि सरकार लोगों को कैसे ट्रैक करेगी और कैसे उनके डेटा को मैच करेगी।
कोरोना कवच ऐप भी गूगल प्ले स्टोरपर अवेलेबल है
- भारत सरकार ने एक लोकेशन बेस्ड कोविड-19 ट्रैकिंग ऐप लॉन्च की है। इसका नाम कोरोना कवच है। यह भी यूजर की लोकेशन ट्रैक कर काम करती है साथ ही यह भी बताती है कि यूजर किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति के नजदीक तो नहीं। इसके बीटा वर्जन को दो दिन में 10 हजार डाउनलोड्स मिल गए थे।
- इसके अलावा कोरोना कवच में ट्रैक यूअर ब्रीदिंग कैपेसिटी से भी लैस है। इसमें सर्वे फॉर्म भी मिलता जिसमें लक्षण चेक किए जाते हैं साथ ही डॉक्टर से मिलने के लिए भी सलाह देता है।
- इसके अलावा इसमें कोरोना से जुड़े मामलों की अपडेट्स समेत सरकार द्वारा जारी की गई एडवायजरी और सेफ्टी गाइड भी दी गई है।
- यह ऐप भी काम करने के लिए यूजर की लोकेशन एक्सेस की परमिशन लेता है। इसमें सिंपल मोबाइल नंबर वैरिफिकेशन से अकाउंट बनाया जा सकता है।
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