गैजेट डेस्क. जापान की ओसाका यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों में ब्लेड रनर रोबोट तैयार किया है। इसमें प्रोग्रामिंग इस तरह से की गई है कि जैसे ही इसकी त्वचा में इलेक्ट्रिक चार्ज का प्रवाह होगा, तो यह रोबोट दर्द महसूस करेगा। वैज्ञानिकों का दावा है कि ऐसा करने से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक में सहानुभूति उत्पन्न कराई जा सकेगी। टीम ने 2018 में बनाए एक हाइपर रियलिस्टिक चाइल्ड रोबोट एफेटो में आर्टिफिशियल पेन सिस्टम लगाया है। बच्चे जैसे चेहरे वाला यह रोबोट स्पर्श करने पर हांसता और गुस्सा होता है सात ही अलग-अलग तरह के चेहरे बनाकर अपनी संवेदनाएं प्रकट करता है।
एफेटो को बनाने के लिए शोधकर्ताओं ने 116 अलग-अलग तरह के फेशियल प्वाइंट को ढूंढा और विशेष एक्सप्रेशन बनाने के लिए कई पहलुओं का एनालिसिस किया, इसके बाद उन्होंने इसमें दर्द महसूस करने के प्रक्रिया को इनेबल किया। मुख्स शोधकर्ता प्रोफेसर मिनोरू असाडा जो जापान की रोबोटिक्स सोसाइटी के प्रेसिडेंट भी है ने बताया इस प्रक्रिया से यह उम्मीद की जा रही है कि मशीन में सहानुभूति और सदाचार जैसी योग्यताएं लाई जा सकेगी।
इस आर्टिफिशियल पेन सिस्टम को सिएटल में हुई अमेरिकन एसोसिएशन फॉर द एडवांस्मेंट ऑफ साइंस मीटिंग में पेश किया गया। असाडा और उनकी टीम को उम्मीद है कि मशीन में पेन सेंसर की कोडिंग करने से उनमें इंसानों को होने वाली तकलीफों को समझने की क्षमता लाई जा सकेगी। इसे जरिए यह अकेले रह रहे बुजर्गों की मानसिक और शारीरिक रूप में ज्यादा बेहतर तरीके से मदद कर सकेंगे।
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