ग्रेटर नोएडा में बुधवार से दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ऑटो शो "ऑटो एक्सपो 2020' शुरू हो गया। इस बार शो में पेट्रोल-डीजर कार की तुलना में कंपनियों ने इलेक्ट्रिक कार पर ज्यादा फोकस नजर आ रहाहै। फ्रांस की ऑटो कंपनी रेनो ने भी शो में इलेक्ट्रिक व्हीकल पर ज्यादाफोकस किया है। रेनो इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर (एमडी) वेंकटराम एम. ने इस मौके पर भास्कर से बातचीतमें बताया कि अगले दो साल में रेनो भारत में अफॉर्डेबल इलेक्ट्रिक कार लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। इसके साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि कंपनी पॉपुलर सेगमेंट मेंइस साल दो नई कार भीलॉन्च करेगी।
एक्सपो 2020में रेनो की कौन सी गाड़ियां लॉन्च हो रहीहैं?
वेंकटराम:हमने ट्राइबर एएमटी लॉन्च कर चुके हैं। ट्राइबर को पिछले साल लॉन्च किया था, जो काफी सक्सेस भी हुआ। करीब 30 हजार कस्टमर हैं। इसी गाड़ी का फीचर बढ़ाने के लिए एएमटी ट्रांसमिशन एड किया है। इस मॉडल को हमने एक्स्पो में रिवील किया है, लेकिन इसकी लॉन्चिंग इस साल की दूसरी तिमाही में होगी। सबसे जरूरी ये है कि हमने पूरी इलेक्ट्रिक कार डिस्प्ले में रखी है। एक जोई (ZOE) है, जो यूरोप में नंबर-1 ब्रांड है। एक केजी (KZ) है, जिसकी मैनुफैक्चरिंग चीन में अभी हो रही है। एक क्यूजी (QZ) है, जो लास्ट माइल कनेक्टिविटी कार है। ये तीनों हमारी इलेक्ट्रिक टेक्नोलॉजी की कार है। इसके अलावा हमने एक शोकेस के लिए भी एक कार रखी है। ये भी इलेक्ट्रिक कार है। इसको हमने इसलिए रखा है ताकि लोग हमारी टेक्नोलॉजी के बारे में जान सकें। ये टेक्नोलॉजी हम भारत में लेकर आ रहे हैं और दो साल के अंदर भारत में अफॉर्डेबल इलेक्ट्रिक कार लॉन्च करने वाले हैं।
इन दोनों (जोई और केजी) में कौन सी ऐसी यूएसपी है, जिससे इंडियन मार्केट में सक्सेसमिल सकती है?
वेंकटराम:पहली चीज इलेक्ट्रिक कार, इलेक्ट्रिक कार होती है और जो भी फीचर्स इलेक्ट्रिक कार में होते हैं, वही नॉर्मल कार में भी हो सकते हैं। लेकिन इसमें थोड़ा ज्यादा होगा। हमारे पास इलेक्ट्रिक कार बनाने का एक्सपेरियंस दुनिया में बहुत ज्यादा है। आप हमारी केजी देखोगे, इसके फीचर्स और माइलेज हमारा बेसिक एडवांटेज है। सबसे जरूरी बात है इसकी अफॉर्डेबिलिटी। भारत में हम इसे मास मार्केट को ध्यान में रख रहे हैं। क्योंकि हमारा ऑब्जेक्टिव है- पॉल्यूशन दूर करना। और लोगों को भी कार खरीदनी है। इसलिए अगर कार की कीमत 15-20 लाख रुपए होगी, तो आम लोगों के लिए इसे खरीदना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए हम इसकी अफॉर्डेबिलिटी पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं।
ज्यादातर कंपनियां अब इलेक्ट्रिक व्हीकल पर फोकस कर रही हैं, लेकिन क्या इसके लिए भारत में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप हो चुका है?
वेंकटराम: डेवलप तो नहीं हुआ है, लेकिन शुरू हो चुका है। पहली स्टेज में थ्री-व्हीलर, ऑटो रिक्शा से जुड़ा स्टार्ट हो चुका है। टू-व्हीलर स्टार्ट हो गया। बस का स्टार्ट हो गया। और पैसेंजर कार भी धीरे-धीरे स्टार्ट हो जाएगा। अगले 10 साल में इलेक्ट्रिक कार का पेनेट्रेशन कम से कम 15 से 20% दिखेगा। उसके लिए इको-सिस्टम अभी चालू हुआ है। मुझे अभी उम्मीद है कि अगले 10 साल में पूरे भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप हो जाएगा। लेकिन उसके पहले ही तीन-चार साल में आपको काफी कवरेज दिखेगा।
क्या भविष्य में कंपनी पेट्रोल-डीजल के मुकाबले इलेक्ट्रिक व्हीकल पर ज्यादा फोकस करेगी?
वेंकटराम: हमने पहले हीडीजल कार बनाना तो बंद कर दिया है,लेकिन हम गैस, पेट्रोल और इलेक्ट्रिक पर फोकस जरूर करेंगे।
पिछले साल भारत में ऑटो सेक्टर में काफी मंदी देखी गई, इस साल मार्केट को लेकर क्याउम्मीदेंहैं?
वेंकटराम: पिछले साल भारत में पूरा मार्केट 12% गिरा, लेकिन रेनो का मार्केट 8% ऊपर गया। एक ही कंपनी थी भारत में जिसमें ग्रोथ रही। इसी उम्मीद से हम इस साल भी काम कर रहे हैं। मैं पूरे विश्वास के साथ बोल सकता हूं कि इस साल भी हमारी ग्रोथ अच्छी होगी। क्योंकि इस साल की दूसरी छमाही में ट्राइबर एएमटी के अलावा हमारी एक और कार आने वाली है, तो इससे हमारी ग्रोथ बढ़ने की उम्मीद है।
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